Kuno National Park : चीते तेजस की मौत, 5 महीनों के भीतर इतने चीतों की गई जान
हाइलाइट्स :
मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में रखे गए एक और चीता, तेजस की मौत।
तेजस की गर्दन के ऊपरी हिस्से पर चोट के निशान मिले थे।
तेजस के मृत शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
तेजस से पहले पार्क में तीन चीतों और तीन शावकों की जान जा चुकी है।
राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) में रखे गए एक और चीता, तेजस (Tejas) की कल दोपहर मौत हो गई। तेजस से पहले पार्क में तीन चीतों और तीन शावकों की जान जा चुकी है। जानकारी के अनुसार, एक निगरानी दल को आज सुबह लगभग 11 बजे तेजस की गर्दन के ऊपरी हिस्से पर चोट के निशान मिले थे। साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता 'तेजस' को कूनो के बाड़े नंबर 6 (Boma number 6) में रखा गया था। अब पार्क में अब कुल 16 चीते और 1 शावक बचे हैं।
कल सुबह करीब 11 बजे मॉनिटरिंग टीम ने नर चीता तेजस की गर्दन के ऊपरी हिस्से में चोट के निशान देखे थे। इसकी सूचना मॉनिटरिंग टीम ने पालपुर (Palpur) मुख्यालय में मौजूद जानवरों के डॉक्टर को दी थी। जानवरों के डॉक्टर ने मौके पर जा कर तेजस चीते का मुआयना किया, तो घाव को गंभीर रूप में पाया। इसके बाद तेजस को बेहोश कर उपचार करने के लिए रवाना किया गया। मौके पर पहुंचे डॉक्टर ने करीब 2 बजे नर चीता तेजस को मृत पाया। फिलहाल, चीता तेजस के मृत शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और उसे लगी चोटों के मामले में जांच की जा रही है।
साल 2022 में नामीबिया से आठ चीते भारत लाए गए थे, जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे। देश में इन प्रजातियों को फिर से लाने के एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पिछले साल अपने जन्मदिन (17 सितंबर) के अवसर पर उन्हें एक विशेष बाड़ों में छोड़ा था। इस साल मार्च से अब तक कूनो नेशनल पार्क में चीता ज्वाला से पैदा हुए तीन शावकों सहित छह चीतों की मौत हो चुकी है। तेजस की मौत मौत के आंकड़े को 7 पर पहुंचा देती है। ज्वाला ने मार्च में चार शावकों को जन्म दिया था। इससे पहले भारत में आखिरी चीता की मौत 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले (Koriya District Of Chhattisgarh) में हुई थी। साल 1952 में इस प्रजाति को देश से विलुप्त (Extinct) घोषित कर दिया गया था।
अब तक हुई चीतों की मौत की टाइमलाइन:
पहली चीता शाशा (मादा) की मौत 27 मार्च को
दूसरे चीता उदय (नर) की मौत 13 अप्रैल को
तीसरे चीता दक्षा (मादा) की मौत 9 मई को
3 शावकों की मौत 22–25 मई के बीच
सातवें चीता तेजस (नर) की मौत 11 जुलाई को
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