महाराष्ट्र से प्रदेश में घुसा टिड्डियों का झुंड
महाराष्ट्र से प्रदेश में घुसा टिड्डियों का झुंडsocial media

महाराष्ट्र से प्रदेश में घुसा टिड्डियों का झुंड, किसानों की बनी आफत

इन दिनों चर्चाओं में रहने वाला टिड्डी दल लोकट्स महाराष्ट्र सीमा से होते हुयें मध्यप्रदेश कें छिंदवाड़ा जिले में कल सुबह ही प्रवेश कर गया।

राज एक्सप्रेस। इन दिनों राष्ट्रीय समाचार पत्रो व न्यूज चैनलों की चर्चाओं में रहने वाला टिड्डी दल लोकट्स महाराष्ट्र सीमा से होते हुयें मध्यप्रदेश कें छिंदवाड़ा जिले में कल सुबह ही प्रवेश कर गया। जो पांढुर्णा से होते हुयें सौंसर के रेमण्ड लोधीखेंडा क्षेत्र में शाम को पहुचा। टिड्डी दल के आगमन को लेकर किसानों में काफी चिंता देखी जा रही है। तों वही सूचना मिलते ही स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी नें कृषि विभाग के अधिकारीयो कर्मचारीयों की बैठक ली व हालातों की समीक्षा की।

प्राप्त जानकारी के अनुसार टिड्डी दल सबसे पहलें महाराष्ट्र की सीमा क्षेत्र में होने की जानकारी मिली। जिसमें नागपुर जिले के नरखेड तहसील के ग्राम बेलोना के समिप कई किसानों कें खेतों में यह टिड्डी दल पहुंचा। इसके बाद कल सुबह टिड्डी दल ने ग्राम राजना के समिप अपनी दस्तक दी, इसके कई फोटोज व विडीयो सोशल मीडिया पर चले। राजना के बाद टिड्डी दल पांढुर्णा की ओर बढ़ रहा था, इसी बीच दोपहर में तेज हवायें पूर्व दिशा में चलने के कारण बीच रास्ते से ही मोरडोंगरी व सिवनी के बिच से यह टिड्डी दल धीरे-धीरे सौंसर की ओर रवाना हुआ। जहा रेमण्ड बोरगांव होते हुये लोधीखेडा क्षेत्र में पहुंचा।

अभी तक टिड्डी दल ने संतरांचल क्षेत्र में खेतो व रिहायशी इलाको में कितना नुकसान किया है इसकी अधिकृत जानकारी नही मिल पायी है। लेकिन किसानों सें चर्चा करने पर आंशिक नुकसान होने की सूचनायें मिल रही है। क्योंकि इस समय खेतो में कोई ज्यादा फसलें है नहीं, लेकिन वर्तमान परिवेश में खेतों में संतरा/मौसम्बी , सब्जी भाजी व अन्य फलदार पेड़-पौधे होने के चलतें इन्हें 'यादा नुकसान हो रहा है। टिड्डीयो कों हरे पत्ते व पौधे पसंद होने की जानकारी मिली है। वहीं ग्राम हिवरा पृथ्वीराम, उमरीकला, जातलापुर, मोहखेंडी, सोनेगांव के खेतों में टिड्डी दल पहुचने की जानकारी मिली।

स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी श्री सीपी पटेल नें कृषि विभाग कें प्रभारी अधिकारी श्री जीडी वंजारी व अन्य कर्मचारियों कें साथ बैठकर टिड्डी दल के इस आक्रमण को लेकर जानकारी प्राप्त की व आगामी दिशा निर्देश दिये गये। बैठक में तहसीलदार मनोज चौरसिया, जनपद सीईओ विजयलक्ष्मी मरावी, खाद्य अधिकारी श्री धारू, नायब तहसीलदार भरतसिंह वटटे और बिजली विभाग कें अधिकारी उपस्थित रहे।वही कलेक्टर महोदय द्वारा इस मामले को लेकर विडीओ कॉन्फ्रेसिंग पर चर्चा की। वही प्रशासन के निर्देश पर कृषि विभाग नें नगरपालिका की फायर की मदद से दवा के छिडकांव की तैयारी कर ली है। अभी जो दल सौंसर की ओर गया है उसके अलावा एक और छोटे टिड्डी दल की देर शाम तक पांढुर्णा की ओर पहुचने की संभावना जताई जा रही है। टिडडी दल के संबंध में सूचना मिलने पर संबंधित क्षेत्र के पटवारी व ग्राम पंचायत सचिव को सूचना देने की अपील की गई।

जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि टिड्डी दल शाम को 6 से सुबह 8 बजे तक पेड़ पौधों पर सोते हैं, उसी समय उन पर छिड़काव कर मारा जा सकता है। उन्होंने बताया कि क्लोरोपायरीफास एक मिली लीटर एक लीटर पानी के औसत में डालकर छिड़काव करें। डेल्टामेथ्रिन 11 प्रति ईसी , लैम्बडासायहैलाथ्रिन 5 प्रति ईसी एक लीटर पानी के औसत से छिड़काव कर सकते हैं। इसी दवा का कृषि विभाग भी छिड़काव करेगा। कृषि अधिकारी ने बताया कि अगर दिन में छिड़काव कर केवल टिड्डी दल को भगाया जा सकता है।

जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि किसान अपने खेतों पर ही रहें। टिड्डी दल दिखाई देने पर तेज ध्वनि में डीजे, बड़ी संख्या में टिन के डब्बे, घंटे, थालियां बजाकर शोर करें। इसके अलावा धुआं करके भी दल को भगाया जा सकता है। टिड्डी दल को भगाकर किसान फसल को बचा सकते हैं। प्रभार कृषि अधिकारी जीडी वंजारी ने बताया कि टिड्डी दल तीन से पांच किलोमीटर चौड़ाई से उड़ते हुए चलता है। जिधर से दल गुजरता है वह क्षेत्र के पेड़, पौधे और फसलों की पत्तियां चट कर देता है। पीपल और बरगद जैसे बड़े पेड़ों की पत्तियां कुछ ही देर में साफ हो जाती हैं। कृषि अधिकारी ने कहा की टिड्डी दल यदि क्षेत्र में ज्यादा समय रहा तो बड़ी तबाही मचने की आशंका है।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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