राज एक्सप्रेस। देशभर में आज 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार निरोधी दिवस के रूप मनाया जाता है, इसी के चलते प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में लोकायुक्त एजेंसी ने ताजा रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में खुलासा करते हुए बताया कि, प्रदेश में राजस्व विभाग जहां भ्रष्टाचार के मामले में शीर्ष पर है वही पुलिस विभाग में इस सूची में तीसरे स्थान पर है। साथ ही पंचायत एवं सहकारिता विभाग का नाम भी शामिल है।
प्रदेश के विभागों में राजस्व विभाग अव्वल :
बता दें कि, लोकायुक्त एजेंसी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राजस्व विभाग जहां अव्वल दर्जे पर भ्रष्टाचार के मामले में सामने आया वहीं पुलिस विभाग के भ्रष्टाचार की काफी शिकायतों के आंकड़े सामने आए हैं। दरअसल यह एजेंसी प्रदेश में सरकारी विभागों में होने वाले भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने का कार्य करती है। रिपोर्ट में एक जनवरी से पांच दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक 294 एफआईआर दर्ज हुईं, वहीं एफआईआर के आधार पर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार भी किया है।
राजस्व विभाग की सबसे ज्यादा दर्ज शिकायतें :
आंकड़ों के अनुसार, राजस्व विभाग का नाम भ्रष्टाचार के मामले में सामने आया है, विभाग में सबसे ज्यादा जहां शिकायतें दर्ज की गई वहीं लोकायुक्त की टीम ने इन शिकायतों का निपटान भी किया है। यह विभाग प्रदेश में सबसे प्रमुख माना जाता है जिसमें जमीन से जुड़े सभी कार्य शामिल होते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा शिकायतें इस विभाग की लोकायुक्त के पास पहुंचती हैं। जिनमें राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं।
मामलों पर सख्त की जाती है कार्रवाई :
बता दें कि, लोकायुक्त द्वारा ऐसे मामलों पर शिकायतों की जांच करने के बाद भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रैप और योजना के तहत गिरफ्तार किया जाता है। इस संबंध में लोकायुक्त द्वारा हर महीने 25 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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