दिल्ली के बाद पंजाब को किया साफ, अब मप्र में झाड़ू लेकर सक्रिय हुई आप

भोपाल, मध्यप्रदेश : मैदानी सर्वे बढ़ा रहा आप की ताकत, पार्टी सूत्रों की मानें तो जिला कमेटियों का जहां तेजी से गठन हो रहा है। कांग्रेस बोली- एमपी में दिल्ली और पंजाब से माहौल अलग।
दिल्ली के बाद पंजाब को किया साफ, अब मप्र में झाड़ू लेकर सक्रिय हुई आप
दिल्ली के बाद पंजाब को किया साफ, अब मप्र में झाड़ू लेकर सक्रिय हुई आपSyed Dabeer Hussain - RE

भोपाल, मध्यप्रदेश। दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाकर आत्मविश्वासी हुई आम आदमी पार्टी (आप) अब मध्यप्रदेश में पूरी ताकत से सक्रिय हो रही है। पार्टी की झाड़ू शहरी क्षेत्रों से लेकर दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में अगले विधानसभा चुनाव में जीत का रास्ता साफ कर रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो जिला कमेटियों का जहां तेजी से गठन हो रहा है। वहीं 150 से अधिक विधान समितियां गठित होने के बाद गोपनीय अनुसंधान में मतदाताओं की नब्ज टटोलने का काम शुरू हो चुका है।

पंजाब में सरकार बनाने के बाद पूरी ताकत के सक्रिय हुई आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में उन कसौटियों पर खरा उतरने की कोशिश कर रही है। जिनसे अगले विधानसभा चुनाव में भारी भरकम वोट कबाड़खाने के साथ जीत का रास्ता तैयार किया जा सके। इस मुहिम में अखिल भारतीय सेवा के रिटायर अनेक अधिकारी पार्टी से मौजूदा समय में प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हुए हैं। जानकारों का कहना है कि कई रिटायर आईएएस के साथ आईपीएस अधिकारी अगले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से टिकट लेकर विधानसभा की रणभूमि में भी ताल ठोक सकते हैं। मौजूदा समय में कार्यरत जिन अधिकारियों का रिटायरमेंट अगले एक-दो वर्ष में होना है, वह भी आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं। कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग भी अप्रत्यक्ष तौर प्रभावित हो रहा है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि किसानों के संगठन तो पार्टी की सदस्यता भी हासिल कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में टॉप व्यवसायियों का झुकाव भी देखा जा रहा है। शराब कारोबारियों से लेकर खनिज व्यवसायी, बिल्डर एवं ठेकेदारों की भी नजदीकियां बढ़ रही हैं। दावा ये भी किया गया है कि, बेरोजगारों की एक बड़ी फौज आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ रही है।

आशंकाओं से घिरे प्रमुख दलों के लोग भी संपर्क में :

दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाने के बाद आत्मविश्वास से मजबूत आम आदमी पार्टी के संपर्क में प्रमुख राजनीतिक दलों के लोग भी हैं, खासकर यह ऐसे लोग जो अगले विधानसभा चुनाव में अपनी टिकट को लेकर अभी से आशंकित हैं। जानकारों का कहना है कि ऐसे अनेक समर्पित कार्यकर्ताओं से लेकर विधायक तक फिलहाल तो परंपरागत दलों के साथ निष्ठा लगाए हुए हैं। अगर विधानसभा चुनाव में इनका टिकट कटता है तो यह आम आदमी के पार्टी के पाले में जाकर चुनाव में ताल ठोक सकते हैं। कई पूर्व सांसद और विधायक भी संपर्क में हैं। वैसे यदि पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो आम आदमी पार्टी राज्य में कोई चमत्कार नहीं कर पाई थी। कई जगहों पर तो पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हुई थी। अब पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी का जहां मध्यप्रदेश में आत्मविश्वास बढ़ा है, वहीं इनका गोपनीय सर्वे भी लडऩे की ताकत दे रहा है।

आप की घुसपैठ प्रमुख दलों के लिए मंथन का विषय :

मध्यप्रदेश में गर्त में पहुंच चुकी सपा और बसपा के बाद तीसरी ताकत बनने की हुंकार भरती आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब जैसे मुद्दों पर यहां चुनाव लडऩे की भूमिका तैयार कर रही है। दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के किले ध्वस्त करके बहुमत से सरकार बनाई है। मध्यप्रदेश में इस पार्टी की मानें तो कांग्रेस का सबसे अधिक कार्यकर्ता पार्टी की सदस्यता ले रहा है। अगर ऐसा हो रहा है तो अगले विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस को सर्वाधिक नुकसान होने की संभावनाएं बन रही हैं, वहीं सत्ताधारी दल के लिए भी अभी से चिंतन करने के साथ-साथ अपने बूथ स्तर पर नजर रखने की जरूरत है।

48 जिलों में कार्यकारिणी गठित : रमाकांत

मप्र में आम आदमी पार्टी के प्रांतीय प्रवक्ता रमाकांत पटेल का कहना है कि हम कछुआ गति से काम करते हैं। खरगोश की तरह तेज दौडऩे वाले प्रमुख दलों से हमारी लड़ाई है। उनका कहना है कि मध्यप्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव के लिए जो कैंपेन चल रहा है। उसके तहत 48 जिलों में कार्यकारिणी गठित हो चुकी है। वहीं 140 से अधिक विधानसभा समितियां तैयार हो चुकी हैं। प्रमुख दलों के बड़े-बड़े लीडर पार्टी के संपर्क में हैं। अनेक सामाजिक संगठनों के लोग भी पार्टी से जुड़ रहे हैं। किसान संघ के लोग भी पार्टी की सदस्यता ले रहे हैं। श्री पटेल का दावा है कि जिस प्रकार दिल्ली में जनता को सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। जिन राज्य में पार्टी की सरकार बन रही है। वहां पर भी जनता को ऐसी ही सुविधा मुहैया कराने की योजना है। मध्य प्रदेश के अलावा गुजरात, कर्नाटक और मणिपुर में होने वाले चुनाव भी इन्हीं मुद्दों पर लड़े जाएंगे।

मप्र का माहौल पंजाब-दिल्ली से अलग : कांग्रेस

इस संबंध में कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल का कहना है कि मध्यप्रदेश का माहौल पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों से अलग है। यहां पर विचारों और आम जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर चुनाव लड़े जाते रहे हैं। पार्टी की जो नीतियां और सिद्धांत हैं। उनके अनुसार हर कार्यकर्ता कार्य कर रहा है। वहीं कांग्रेस के युवा विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जनता पूर्ण बहुमत देगी।

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