जुलाई-2021 से शुरू होगा न्यूनतम समान पाठ्यक्रम : डॉ. यादव

भोपाल, मध्य प्रदेश : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए चरणबद्ध ढंग से कार्य किया जा रहा है।
जुलाई-2021 से शुरू होगा न्यूनतम समान पाठ्यक्रम : डॉ. यादव
जुलाई-2021 से शुरू होगा न्यूनतम समान पाठ्यक्रम : डॉ. यादवSocial Media

भोपाल, मध्य प्रदेश। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए चरणबद्ध ढंग से कार्य किया जा रहा है। पहले चरण में स्नातक प्रथम वर्ष के लिये पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम जुलाई-2021 से संचालित किया जाएगा। मंत्री डॉ. यादव बुधवार को मंत्रालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत राज्य-स्तरीय टॉक्स फोर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में समिति के सदस्यों से सुझाव लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन पर चर्चा की गई।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों का सकल पंजीयन बढ़ाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने में विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका होगी। बेहतर प्रत्यायन और रैंकिंग प्राप्त करते हुए अधिकाधिक शासकीय स्वशासी महाविद्यालयों की स्थापना की जायेगी। प्रत्येक जिले में कम से कम एक महाविद्यालय को आदर्श बनाया जायेगा। एकल संकाय महाविद्यालयों को बहुसंकाय महाविद्यालय में उन्नयन करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने शोध कार्यों एवं नवाचारों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग पर जोर दिया।

प्रदेश में नई शिक्षा नीति बेहतर ढंग से होगी लागू :

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति बेहतर ढंग से लागू की जाएगी। बैठक में रखे गए सुझावों को ध्यान में रखकर चार सदस्यीय समिति बनाकर विभिन्न पाठ्यक्रमों में संशोधन की कार्यवाही की जाएगी। स्नातक प्रथम वर्ष से शोध कार्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ पाठ्यक्रमों में लोक संस्कृति एवं लोक भाषा का ध्यान रखा जाएगा।

समिति के सदस्यों ने नवाचार करने के रखे सुझाव :

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने बताया कि नई शिक्षा नीति में सकल पंजीयन अनुपात को 50 प्रतिशत तक ले जाने के लिए लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए एक चुनौती के रूप में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को प्रारंभ से ही रोजगारपरक शिक्षा से जोड़ा जाए, तो हमारी उपलब्धि होगी। समिति के सदस्यों ने रोजगारमूलक शिक्षा के लिए विभिन्न नवाचार करने के सुझाव रखे। सदस्यों द्वारा विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र खोलने, उच्च शिक्षा में मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना, उद्योग विशेषज्ञों की राय लेने सहित अन्य बिन्दुओं को शामिल करने के सुझाव रखे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com