भोपाल : टन से रेत भरें या घनमीटर से, माइनिंग विभाग जारी करे नियमावली

रेत की तीन गुना ली जा रही रायल्टी और रेत के डंपरों पर चार विभागों द्वारा कार्रवाई के विरोध में गुरूवार रात 12 बजे से शुरू हुई रेत ट्रक और डंपर संचालकों की हड़ताल शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही।
रेत ट्रक और डंपर संचालकों की हड़ताल जारी
रेत ट्रक और डंपर संचालकों की हड़ताल जारीसांकेतिक चित्र

हाइलाइट्स :

  • भोपाल सैंड ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी ने उठाई मांग

  • रेत ट्रक और डंपर संचालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

  • 1500 डंपर दिन भर रहे खड़े, नहीं हुआ रेत का परिवहन

भोपाल, मध्य प्रदेश। रेत की तीन गुना ली जा रही रायल्टी और रेत के डंपरों पर चार विभागों द्वारा कार्रवाई के विरोध में गुरूवार रात 12 बजे से शुरू हुई रेत ट्रक और डंपर संचालकों की हड़ताल शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही। भोपाल सैंड ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के बैनर तले शुरू हुई इस हड़ताल के दूसरे दिन माइनिंग कार्पोरेशन के अधिकारियों ने एसोसिएश्न के पदाधिकारियों से हड़ताल खत्म करने की बात कही। इस पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि डंपर रेत घनफीट में भरना है या फि र टन में। चार विभागों में से कौन सा एक विभाग ही कार्रवाई करेगा। जब तक यह तय नहीं होगा, तब तक हड़ताल यथावत चलती रहेगी। उन्होंने यह भी मांग की है कि रेत ठेकेदार तय रायल्टी से तीन गुना रायल्टी राशि वसूलते हैं। ऐसी स्थिति में रायल्टी राशि तय की जाए तथा ठेकेदारों से रेत के बिल भी दिलाए जाएं ताकि सभी व्यवस्थाएं पारदर्शी हो सकें। ज्ञात हो कि एसोसिएशन के बैनर तले अब तक 1500 से अधिक डंपरों के पहिए थमे हुए हैं और वे सभी हड़ताल में शामिल हैं।

अब रेत की हड़ताल का दिखेगा असर हड़ताल का असर भोपाल और होशंगाबाद संभाग में सभी जिलों के निर्माण कार्यो पर पड़ रहा है। रेत न मिलने से सड़क, आवास निर्माण सहित निजी कॉलोनियों ओर मकानों के काम आगामी दिनों में बंद हो जाएंगे। रेत के डंपर संचालकों की हड़ताल का असर भोपाल सहित आसपास के जिलों जैसे भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद, नरसिंहगढ़, राजगढ़, ब्वायरा आदि बड़े कस्बों और शहरों में आगामी दिनों में दिखाई देगा। भोपाल सैंड ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन सचिव विश्वबंधु रावत ने बताया कि हमारी केवल एक ही मांग है कि रेत से भरे ट्रक और डंपरों पर माइनिंग डिपार्टमेंट, पुलिस, राजस्व और क्षेत्रीय परिवहन विभाग (आरटीओ) अलग-अलग नियमों के तहत कार्रवाई करते हैं। रेत की ईटीपी (रायल्टी रसीद) होने के बावजूद भी डंपर और ट्रक पर ओव्हरलोड सहित अन्य प्रकरण की कार्रवाई कर दी जाती है। तीनों विभाग अलग-अलग नियम और दिशा निर्देश बताते हैं और कार्रवाई कर देते हैं। रेत के परिवहन के लिए एक ही नियम तय किए जाएं। किस डंपर या ट्रक में कितने घन मीटर रेत भरी जानी है, उसकी रायल्टी कितनी कटेगी, उसकी राशि भी तय हो। तीन विभागों की जगह एक ही विभाग को जांच की जिम्मेदारी हो। यदि रायल्टी से अधिक रेत यदि खदान से डंपर संचालक को दी जाती है तो ठेकेदार पर कार्रवाई हो। खदान से ही रायल्टी के अनुसार ही रेत डंपर में भरी जाए। यह सब एक ही परिपत्र में तय कर दिया जाए, ताकि डंपर संचालक अपना व्यापार आसानी से कर सकें। लगातार हो रही कार्रवाईयों से डंपर संचालक ही प्रभावित हो रहे है। रेत खदान का ठेकेदार अपनी मनमानी करते हुए डंपर में अधिक रेत भर देता है और रायल्टी कम की दे रहा है। ऐसे में नुकसान रेत डंपर या ट्रक संचालकों को भुगतना पड़ता है।

50 रुपए घनफीट तक पहुंचा रेत रेत डंपर संचालकों की हड़ताल के दूसरे दिन रेत की कीमतों में उछाल आया है। हड़ताल के कारण रेत 48 रुपए से बढ़कर 50 रुपए घनफीट हो गई है। रेत का परिवहन करते पकड़े दो वाहन इधर, भोपाल के खनिज निरीक्षक अशोक द्विवेदी ने गुरूवार रात में कार्रवाई करते हुए ओव्हर लोड रेत से भरे दो वाहनों को पकड़ा है। यह दोनों वाहन 28-28 घनफीट रेत लेकर चल रहे थे। दोनों पर प्रकरण बनाए गए हैं। इधर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि रेत ठेकेदार अब नेशनल परमिट के ट्रक और डंपरों को रेत दे रहे हैं। यह रेत के डंपर एसोसिएशन के भी नहीं है। ऐसे में इस कार्रवाई का असर रेत डंपर संचालकों की हड़ताल पर नहीं पड़ेगा।

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