ग्वालियर : मंत्री का बंगला नहीं हुआ खाली, नोटिस देने वाला अफसर भोपाल अटैच

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : इमरती देवी अभी मंत्री हैं या नहीं, लोक निर्माण विभाग को ही नहीं पता। चंद घंटों में निरस्त किया नोटिस, जानकारी के अभाव को बताया वजह।
मंत्री का बंगला नहीं हुआ खाली
मंत्री का बंगला नहीं हुआ खालीSocial Media

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। इमरती देवी और उनका शासकीय बंगला एक बार फिर चर्चा में है। जिस बंगले को खाली करने लोक निर्माण विभाग ने शनिवार को इमरती देवी को नोटिस दिया था, उसे चंद घंटों बाद यह कहकर निरस्त कर दिया कि उन्हें जानकारी का अभाव था। मतलब लोक निर्माण विभाग को ही नहीं पता कि इमरती देवी अभी मंत्री हैं या नहीं। इस घटनाक्रम के बाद नोटिस जारी करने वाले प्रभारी कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा को भोपाल कार्यालय अटैच कर दिया गया है। चर्चा यह है कि अधिकारी ओमहरि शर्मा पर चुनाव हारी इमरती देवी भारी रहीं।

हाल ही में हुए उपचुनाव में इमरती देवी सुमन डबरा विधानसभा सीट से अपने ही रिश्तेदार सुरेश राजे से चुनाव हारी हैं। वह प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए चुनाव लड़ी थीं। उनके पास झांसी रोड के मानिक विकास कॉलोनी में 44-ए नंबर का शासकीय बंगला था। इमरती देवी के मंत्री पद और बंगले में रहने पर काफी चर्चा हो रही थी। इसी बीच शनिवार को लोक निर्माण विभाग ने एक नई हलचल पैदा कर दी थी। उन्होंने नोटिस जारी कर इमरती देवी को बंगला खाली करने के लिए कहा था। नोटिस की भाषा यह थी कि यह बंगला मंत्री कार्यकाल की अवधि के लिए आपको दिया गया था। वर्तमान में आपके पास कोई पद नहीं है, इसलिए अब इसे खाली कर लोक निर्माण विभाग को सौंपा जाए।

इमरती देवी ने नोटिस मिलने की बात कुबूल करते हुए यह सवाल खड़ा किया था कि अभी उनका मंत्री पद से इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है तो बंगला खाली करने कैसे नोटिस दिया जा सकता है। नोटिस पर इतनी चर्चा हुई कि चंद घंटों में ही विभाग को अपना निर्णय बदलना पड़ा। लोक निर्माण विभाग से आनन-फानन में शनिवार रात को ही नया पत्र तैयार किया गया जिसे रविवार सुबह जारी कर दिया गया। जिसमें बंगला खाली करने के नोटिस को निरस्त करने की बात थी।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद ये चर्चा जोरों पर है कि आखिर किसके कहने पर प्रभारी कार्यपालन यंत्री ने इमरती देवी को तत्कालीन मंत्री लिखा और उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस भेजा। बहरहाल कार्यपालन यंत्री के भोपाल ट्रांसफर के बाद इमरती देवी की ताकत और प्रभाव की चर्चा भी शुरू हो गई है।

पूर्व मंत्री से इमरती देवी फिर हो गई मंत्री !

बंगला खाली करने के नोटिस के जवाब में जब निरस्त करने का आदेश जारी किया तो उसमें लिखा है कि जानकारी के अभाव में आपको नोटिस भेजा गया था। जिसे निरस्त किया जाता है। पहले बंगला खाली करने का नोटिस लोक निर्माण विभाग संभाग-1 के प्रभारी कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा ने जारी किया था। उनको तत्काल प्रभाव से भोपाल कार्यालय अटैच कर दिया गया है। एक दिन पहले बंगला खाली करने के लिए भेजे गए नोटिस में इमरती देवी को पूर्व मंत्री बताया गया था लेकिन इस नोटिस को निरस्त करने वाले आदेश में मंत्री लिखा गया है। पहले मंत्री में उन्हें तत्कालीन कैबिनेट मंत्री लिखकर संबोधित किया गया था, तो दूसरे पत्र में कैबिनेट मंत्री संबोधित किया गया है।

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