पार्षदों का हिस्सा तो विधायक ले गए, अब कैसे होगा वार्ड का विकास?
पार्षदों का हिस्सा तो विधायक ले गए, अब कैसे होगा वार्ड का विकास?सांकेतिक चित्र

पार्षदों का हिस्सा तो विधायक ले गए, अब कैसे होगा वार्ड का विकास?

भोपाल, मध्यप्रदेश : पार्षदों को मिलने वाला हिस्सा भी विधायकों ने अपनी-अपनी विधानसभाओं में बांट लिया। चुनाव के बाद निगम पहुंचने वाले पार्षदों को अब अगले साल तक इंतजार करना पड़ेगा।

भोपाल, मध्यप्रदेश। पार्षदों को मिलने वाला हिस्सा भी विधायकों ने अपनी-अपनी विधानसभाओं में बांट लिया। चुनाव के बाद निगम पहुंचने वाले पार्षदों को अब अगले साल तक इंतजार करना पड़ेगा। यह स्थिति तब है, जब बीते एक महीने पहले ही निगम ने अपना बजट पेश किया था। बताया जाता है कि वित्तीय वर्ष के बजट की बुकिंग लगभग पूरी हो चुकी है। यानि अब नगर निगम चाहकर भी कोई काम नहीं करवा सकता। निगम मुख्यालय का कोटा भी विधानसभाओं में बंट गया।

दरअसल 30 मार्च को नगर निगम ने वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया था। यह बजट बिना लाभ-हानि का 3104 करोड़ रुपए का है। इसमें अगले वर्ष मार्च 2023 तक का लेखा-जोखा था। यानि अगले एक साल शहर की सड़कें, नाला-नाली, स्ट्रीट लाईट जैसे मूलभूत काम होते। लेकिन एक महीने 25 दिन में ही बजट की पूरी बुकिंग हो गई। परिषद होती तो इस बजट का उपयोग पार्षद अपने-अपने इलाकों में करते। लेकिन परिषद न होने की बजह से बजट के काम विधायकों ने अपनी-अपनी विधानसभा में आने वाले इलाकों के लिए बाट लिए। इसके लिए निगम के अधिकारी बकायदा विधायकों के बंगले फाईलें लेकर पहुंचे और बजट की बुकिंग कर डाली। अब चाहकर भी निगम कोई नए काम की मंजूरी नहीं दे सकता। ऐसी स्थिति में नई परिषद बनने के बाद पार्षदों को अगले एक साल तक इंतजार करना होगा।

निगम के प्रोजेक्टों पर पड़ेगा असर :

वर्तमान में नगर निगम के अलग-अलग इलाकों में प्रोजेक्ट चल रहे हैं। यह प्रोजेक्ट कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स, निगम के नए मुख्यालय के हैं। बजट की बुकिंग होने के बाद निगम की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ेगा और वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट के काम थम सकते हैं। हालांकि इन प्रोजेक्टों के लिए निगम ने पहले ही बजट तय कर रखा है। लेकिन नए वित्तीय वर्ष के बजट में भी इसके लिए राशि रखी गई थी।

ऐसे समझें बजट बुकिंग का तरीका :

नगर निगम हर साल बजट पेश करता है। इस बजट में नए काम स्वीकृत होते हैं और पुराने कामों के लिए राशि रखी जाती है। जब कोई नए काम के लिए फाईल बनती है, तो सबसे पहले बजट की ही बुकिंग होती है। किस मद से इसके लिए राशि लेना है। यह बजट बुक ही तय करती है। उदाहरण के तौर पर नए बजट में शहर की सड़कों के लिए 150 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिस इलाके की सड़क के लिए फाईल बनेगी, बजट में राशि कम होती जाएगी। इसके अलावा निगम मुख्यालय के अपना एक मद होता है।

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