Mahakal Idol Controversy
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MP News: मूर्तियों की जांच के लिए उज्जैन पहुँची लोकायुक्त की टीम, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से माँगा जवाब

Mahakal Idol Controversy: इस सम्बन्ध में लोकायुक्त चीफ इंजीनियर एनएस जौहरी ने पत्र लिख मामले पर उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से जवाब मांगा है।

उज्जैन, मध्यप्रदेश। उज्जैन में खंडित मूर्ति विवाद को लेकर लोकायुक्त की टीम आज उज्जैन पहुँची है। पिछले दिनों तेज़ हवा से महाकाल लोक में स्थापित मूर्तियां गिर कर टूट गई थी जिसे लेकर पूरे प्रदेश में विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार समेत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा था। इस मामले की जांच के लिए विपक्ष के नेता लगातार सवाल उठा रहे थे। इस सम्बन्ध में अब जांच कमेटी मामले की जांच कर रिपोर्ट बनायेगी। इन मूर्तियों का निर्माण गुजरात की एक कंपनी ने किया था।

उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से लोकायुक्त चीफ ने मांगी जानकारी:

इस सम्बन्ध में लोकायुक्त चीफ इंजीनियर एनएस जौहरी ने पत्र लिख मामले पर उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से जवाब मांगा है। इसके अतिरिक्त लोकायुक्त ने मूर्तियों का टेंडर, एग्रीमेंट और वर्क ऑर्डर की मूल कॉपी भी मांगी है। इस मामले की गंभीरता को समझते हुए लोकायुक्त ने एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से टेंडर बुलाने से लेकर उसे मंजूर करने तक हर कार्य की डीटेल मांगी है। इस जानकारी में, काम पूरा कैसे किया गया, बिल पेमेंट कैसे हुआ, काम की मौजूदा स्थिति क्या है आदि भी शामिल होंगे। इस सम्बन्ध में हुए पत्राचार और नोटशीट की मूल काॅपी भी मांगी है।

जांच के दौरान मांगे गए दस्तावेजों से जाहिर है की लोकायुक्त इस मामले को लेकर काफी गंभीर है और जांच के बाद दोषियों का नाम जल्द सामने आएगा। इस सम्बन्ध में लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता के सामने उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के इंजीनियर की पेशी पहले ही हो चुकी है पर मामले से सम्बंधित दस्तावेज मांगने पर इंजीनियर ने 26 जून तक का समय मांगा था ।

उक्त मामले में लोकायुक्त ने एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से इन सवालों का जवाब माँगा :

  • क्या महाकाल लोक के निर्माताओं ने पत्थर की मूर्ति स्थापित करने के लिए धन राशि सुरक्षित रखी है?

  • क्या मूर्तियां संबंधित सप्लायर ने प्रस्तावित मानक के अनुसार तय की थी? क्या इसे मानक के अनुसार निर्मित किया गया था?

  • जहां मूर्तियां स्थापित की गई थी, क्या उसका आधार कमजोर था?

  • क्या मूर्तियों की स्थापना में किसी लोक सेवक का भ्रष्टाचार परिलक्षित हो रहा है?

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