MPPSC : ज्यादा शब्दों में लिखना पड़े प्रश्नों के जवाब, परेशान हुए उम्मीदवार

इंदौर, मध्यप्रदेश : राज्य सेवा मुख्य परीक्षा और वन सेवा मुख्य परीक्षा शुरु, कोरोना पॉजिटिव भी पहुंचे परीक्षा देने, स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में हो रहा परीक्षा का आयोजन।
MPPSC : ज्यादा शब्दों में लिखना पड़े प्रश्नों के जवाब, परेशान हुए उम्मीदवार
MPPSC : ज्यादा शब्दों में लिखना पड़े प्रश्नों के जवाब, परेशान हुए उम्मीदवारसांकेतिक चित्र

इंदौर, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की ओर से राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2019 और राज्य वन सेवा मुख्य परीक्षा 2019 की शुरुआत रविवार से हुई। 26 मार्च तक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। यह पहला मौका है जब शिक्षकों के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में परीक्षा आयोजन किया जा रहा है। कोरोना संक्रमित उम्मीदवारों और उनकी परीक्षा में मददगार कोरोना वारियर्स से इसे आयोजित किया जा रहा है। उम्मीदवारों के अनुसार परीक्षा का स्तर सामान्य रहा। कोई भी प्रश्न सिलेबस के बाहर से नहीं पूछे गए। इतिहास विषय में जो प्रश्न पूछे गए थे वे थोड़े कठिन जरुर थे। दरअसल प्रश्नों का जवाब ज्यादा शब्दों में लिखना पड़ा जिस वजह से भी उम्मीदवारों को थोड़ी परेशानी हुई। एक्सपर्ट के अनुसार जिन उम्मीदवारों ने सालभर मेहनत की है उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। सिलेबस के बाहर से कुछ भी नहीं पूछा गया। ऐसे उम्मीदवार जो सिर्फ ऊपरी स्तर पर पढ़कर गए थे, जिन्होंने डीप में नहीं पढ़ा था उन्हें पेपर हल करने में काफी परेशानी हुई।

परीक्षा खत्म होने के बाद हुई धक्का-मुक्की :

आयोग की इस परीक्षा पर लॉकडाउन का प्रभाव नहीं पड़ेगा। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते मप्र सरकार ने इंदौर, भोपाल और जबलपुर में शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लगाया है। इस बीच आयोग की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि इस परीक्षा पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी। शहर में 13 परीक्षा केंद्र बनाए गए जहां लगभग साढ़े चार हजार उम्मीदवारों ने परीक्षा दी। होलकर साइंस कॉलेज में करीब 400 और आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज में 500 से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी। होलकर कॉलेज और आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज में संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा निरीक्षण करने पहुंचे। उम्मीदवारों के अनुसार होलकर कॉलेज में कुछ कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से 30 मिनट परेशान होना पड़ा। परीक्षा खत्म होने के बाद 1 बजे जब बैग और अन्य सामान लेने लाइब्रेरी पहुंचे तो वहां धक्का-मुक्की होने लगी। अंत में उम्मीदवारों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि धक्का देकर लाइब्रेरी के गेट को खुलवाए। इसके बाद सभी उम्मीदवार हाल में घुस गए और अपना सामान लेकर बाहर आए।

चार पॉजिटिव पहुंचे :

कोविड को देखते हुए माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में कोरोना पॉजिटिव उम्मीदवारों के लिए अलग से व्यवस्था की गई। परीक्षा केंद्र पर चार उम्मीदवार पेपर देने पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने पीपीई किट पहनकर ड्यूटी की। जानकारी के अनुसार शनिवार को 6 कोरोना पॉजिटिव की जानकारी थी। उन्हें लेने के लिए सुबह 8 बजे निकले। इनमें से दो की तबीयत ज्यादा खराब होने से अस्पताल में भर्ती करवाया गया। दो को बुखार आने से वे पेपर देने नहीं गए। दो उम्मीदवारों लेकर केंद्र पर पहुंचे। संक्रमितों को घर से लकर परीक्षा दिलवाने तक की जिम्मेदारी इस बार अधिकारियों ने ली। सेंटर पर पहुंचने के बाद पहले सेनेटाइज किया गया, तापमान मापा गया और मास्क व ग्लब्ज देकर उन्हें हॉल में दूर-दूर बैठाया गया। परीक्षा केंद्र पर थर्मल स्क्रीनिंग हुई। मास्क बिना एंट्री नहीं थी। सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया गया।

तीन नए कोविड पॉजिटिव मिले :

कोविड पॉजिटिव उम्मीदवार भी परीक्षा में शामिल हो सके इसके लिए उनके लिए अलग से सेंटर बनाया गया है। आयोग को पहले शहर के तीन उम्मीदवारों ने कोविड पॉजिटिव होने की सूचना दी थी और इसके लिए सेंटर पर कई तरह के इंतजाम भी किए गए, लेकिन सेंटर पर रविवार सुबह तीन कोविड पॉजिटिव उम्मीदवारों में से एक ही आया, अन्य सेंटर पर तीन नए कोविड पॉजिटिव पाए जाने से उन्हें माता जीजाबाई महाविद्यालय में परीक्षा देने भेजा गया। इस केंद्र में कोरोना पॉजिटिव उम्मीदवारों के बैठने की व्यवस्था की गई है। जानकारी के अनुसार एक एम्बुलेंस सहित एक पायलेट, दो डॉक्टर सहित 6 स्वास्थ्य कर्मी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैनात किए गए।

एक घंटे पहले पहुंचना था केंद्र :

आयोग की उक्त परीक्षा 26 मार्च तक आयोजित की जाएगी। परीक्षा शुरु होने से एक घंटे पहले केंद्र पर पहुंचने के निर्देश दिए गए थे। परीक्षा केन्द्रों पर उम्मीदवारों की ज्यादा भीड़ न हो, इसलिए पेपर शुरु होने से एक घंटे पहले दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया गया। प्रत्येक उम्मीदवार के बीच दो गज की दूरी बनाए रखने के लिए परीक्षा केंद्रों के बाहर गोले भी बनाए गए। केंद्र पर उम्मीदवारों को मास्क लगाकर आना था जो मास्क लगाकर नहीं पहुंचे उन्हें प्रवेश द्वार पर ही मास्क उपलब्ध करवाए गए। एंट्री गेट से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की गई। केंद्रों पर मोाबइल फोन जैमर भी लगाए गए।

केंद्राध्यक्ष का नंबर किया सार्वजनिक :

संयुक्त आयुक्त राजस्व इंदौर संभाग, सपना सोलंकी के अनुसार शासन के निर्देशानुसार शहर में कोरोना पॉजिटिव सभी उम्मीदवारों के लिए माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, मोती तबेला को परीक्षा केंद्र बनाया है। परीक्षा केंद्राध्यक्ष का मोबाइल नंबर 9009405335 है। इस केंद्र में कोरोना पॉजिटिव उम्मीदवारों के बैठने की व्यवस्था की है। इन उम्मीदवारों को कोविड प्रोटोकॉल के तहत चिकित्सकीय संसाधनों से सुसज्जित एम्बुलेंस/वैन आदि से परीक्षा केंद्र लाने ले जाने की व्यवस्था थी।

हेल्पलाइन नंबर किया जारी :

डॉ. शर्मा ने बताया परीक्षा के लिए सभी जरुरी प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। कोविड पॉजिटिव उम्मीदवारों के लिए अलग से केंद्र बनाकर विशेष व्यवस्था की गई। आवेदकों को परिवहन सहित अन्य जरुरी सुविधाएं भी मुहैया करवाई जा रही है। प्रदेश में राज्य सेवा मुख्य परीक्षा में 10 हजार 509 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। आयोग की सचिव वंदना वैद्य के अनुसार परीक्षा में प्रदेश से कुल 10 हजार 91 उम्मीदवार शामिए हुए। कोरोना काल और रविवार के लॉकडाउन में परीक्षा करवाना चुनौती था। प्रशासन के सहयोग से सुव्यवस्थित रुप से परीक्षा हुई। शहर में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जा रही राज्य सेवा मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों की सुविधाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। 0731-2449124 पर संपर्क किया जा सकता है।

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