श्योपुर में बाढ़ से तबाही का जायजा लेने पहुचे सांसद और केन्द्रीय मंत्री

श्योपुर, मध्य प्रदेश : बर्बाद हुई जनता के आक्रोश का करना पड़ा सामना, सुरक्षा घेरे में रहे सांसद। किसी ने चप्पल तो किसी ने काफिले पर फेंका कीचड़, भागते नजर आये जिलाध्यक्ष।
जनता के आक्रोश का करना पड़ा सामना
जनता के आक्रोश का करना पड़ा सामनाराज एक्सप्रेस, संवाददाता

श्योपुर, मध्य प्रदेश। शनिवार को श्योपुर मुरैना सांसद और भारत सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर श्योपुर में बाढ़ से तबाही का मंजर देखने पहुंचे। जिसमें मालियों के मन्दिर के पास से शुरू हुआ नारेबाजी का दौर महज दो सौें मीटर में जबरदस्त आक्रोश में तब्दील हो गया। हालात यह बन गये एक व्यक्ति अपनी व्यथा सुनाने के लिये मंत्रीजी की गाड़ी के सामने आकर लेट गया तो कुछ महिलाओं ने तो मंत्रीजी को गाड़ी से ही बाहर निकालने का असफल प्रयास तक कर दिया। वहीं कुछ पीड़ितों ने मंत्रीजी के काफिले की कई गाड़ियों पर प्रशासन की नाकामी से उपजे दलदल को गाड़ियों पर फेंकना शुरू कर दिया।

इसी दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष को गाड़ी में बैठै देख कुछ महिलायें उनकी और दौड़ीं तो जिलाध्यक्ष ने भागने में ही भलाई समझी और वह दुम दबाकर भागते नजर आये। लोगों का आक्रोश बढ़ता देख फिर सुरक्षाकर्मी हरकत में आये और मंत्रीजी को सुरक्षा घेरे में लेकर चौराहे तक सुरक्षित लाने में कामयाब रहे। हालांकि रास्ते भर कई पीड़ितों ने उनकी और आने की भरसक कोशिश की लेकिन पुलिस के जवानों द्वारा उन्हे दूर से ही हटा दिया। बावजूद पूरे रास्ते भर लोग जिला प्रशासन और नरेन्द्र सिंह तौमर मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे।

वहीं बाजार में कुछ लोगों ने हिजड़ों की तरह तालियां बजाकर विरोध दर्ज कराया। वहीं गणेश बाजार से निकलने के दौरान आम जनता ने एक स्वर में श्री तौमर से मांग की कि जिले से सर्व प्रथम डीएम, एडीएम और नपा सीएमओ को हटाया जाकर डीएम और एडीएम पर एफआईआर दर्ज करवाई जाये। वहीं गणेश बाजार में मंत्रीजी के सबसे खासमखास माने जाने वाले नेताजी को भी लोगों ने घेरकर अपनी भड़ास निकाली, हालांकि नेताजी के लिये कोई नई बात नहीं थी क्योंकि गत दिनों में नेताजी ऐसी कई घटनाओं को बर्दाश्त कर खरीखोटी सुनाने वाले लोगों को चिन्हित कर मौके का इन्तजार कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 02 अगस्त की रात से आरंभ होकर 03 अगस्त तक की जल से हुई तबाही से जिले का अधिकांश हिस्सा लगभग तबाह और बर्बाद हो चुका है और उसके बाद हालात यह रहे कि लोग भूखों मरने की स्थिति में आ गये लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कोई राहत प्रदान करना तो दूर की बात कोई उनकी सुध लेने तक नहीं पहुंचा। जिला प्रशासन महज भाजपा के दो नेताओं को गाड़ी की सैर कराते हुए घूमता नजर आया। जिसे देख लोगो में आक्रोश पनपने लगा। तत्पश्चात जब लोगों को दो दिन बाद पानी तक नसीब नहीं हुआ तो लोगों का गुस्सा अधिकारियों और शहर के नेताओं पर फूटने लगा। जिस क्रम में कलेक्टर एसपी से बदसलूकी के साथ-साथ जिले के भाजपा नेताओं को भी ज्यादातर स्थानों पर लोग खरी-खोटी सुनाने लगे। वहीं जिले में मुख्यमंत्री के प्रवास को लेकर लोगों को लगा था कि सीएम के आने के बाद व्यवस्थाओं में तो सुधार होगा ही लेकिन ईन हालातों के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई सुनिश्चित होगी। लेकिन सीएम का दौरा टल गया। तत्पश्चात शनिवार को दौरे पर क्षेत्रिय सांसद और केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तौमर को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा।

डीएम,एडीएम को मान रहे तबाही का जिम्मेदार :

जिले मैं आई श्योपुर के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी और भयावह त्रासदी के लिये आम जनता जिला कलेक्टर और अपर कलेक्टर को उनके तथाकथित फैसले को लेकर जिम्मेदार मान रहे हैं वहीं त्रासदी के बाद लोगों को पीने के पानी और साफ सफाई नहीं होने के लिये नपा सीएमओ को दोषी ठहरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिले में इससे भी भयंकर बरसात और लम्बे दिनों तक मूसलाधार बारिश के झड़ देखे हें लेकिन अब तक इतना पानी नहीं आया। साथ ही यदि प्रशासन को कुछ अंदेशा था कि क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन सकते हैं तो समय रहते लोगों को जिला प्रशासन ने बाढ़ की सूचना क्यों नहीं दी। और तो और और लोगों का यह भी आरोप है कि प्रशासन द्वारा संचार सेवा भी बंद कर दी गई। जिससे तबाही का मंजर और बढ़ गया लोग एक दूसरे को सूचना भी नहीं कर पाये।

काफिले की गाड़ी पर फेंका कीचड़ तो मंत्रीजी की गाड़ी पर मारा हाथ :

शहर के मालियों के मन्दिरे से निकलेने के पश्चात अभी दो सौ मीटर ही गाड़ी चली होगी कि 01 पीड़ित अपनी पीड़ा सुनाने मंत्रजी की और जाने लगा जब उसे सुरक्षाकर्मियों द्वारा नहीं जाने दिये तो वह मंत्रीजी की चलती गाड़ी के सामने ही लेट गया गनीमत रही की भारी भरकम पुलिस बल द्वारा सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। लेकिन तभी कुछ महिलायें और बच्चियां नजदीक आई और पहले मंत्रीजी की गाड़ी पर हाथ मारा और मंत्रीजी की और हाथ गाड़ी के शीशे पर मारा लेकिन सुरक्षित रहे, फिर पुलिस द्वारा उन महिलाओं और बच्चियों को हटा दिया और मंत्रीजी भी फिर पैदल चलने लगे। यहां बता दें कि बाढ़ से श्योपुर में भारी तबाही हुई है। लोगों के मकान और दुकान डूब गए, जिससे काफी नुकसान हुआ है वहीं प्रशासन ने मदद करने के बजाय लारवाही की, उन्हें भोजन-पानी तक की सुविधा भी नहीं दी गई। इस कारण लोगों में पनप रहे गुस्से का गुबार फूट पड़ा।

जब कलेक्टर से बोली महिलायें, आपसे तो कोई उम्मीद नहीं :

परिसर में पहुचे मंत्रीजी से मिलने चैनपुरा की महिलाओं का समूह पहुंचा लेकिन जब मंत्रीजी उनसे बिना मिले सीधे अन्दर चले गये तो महिलाओं ने मंत्रीजी और जिला प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन को देखकर उन्हें समझााने पहुंचें जिला कलेकटर को देख महिलायें बोली आपसे तो कोई उम्मीद ही नहीं। जिसे देखकर लगता है कि जिला प्रशासन के खिलाफ केवल शहर ही नहीं वरन ग्रामीण क्षेत्रों में भी अविश्वास बढ़ता जा रहा है। जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिये शुभ संकेत नहीं।

राजस्थान से आईे राहत सामग्री से भरी गाड़ियां, लोगों ने जताया आभार

बाढ़ में अपना सब कुछ गंवाये भूखे और प्यासे लोगों को शहर के समाजसेवी द्वारा तो भोजन व कपड़े सहित आवश्यक सुविधायें प्रदान करवाई जा रही हैं लेकिन शुक्रवार और शनिवार को समीपवर्ती राजस्थान प्रांत के बारां और मांगरोल से कई गाड़ियां खाद्य सामग्री और भोजन के पैकैट लेकर आई। और आश्रय स्थलों को ढूंढ-ढूंढकर उन्हें सामग्री व भोजन के पैकैट उपलब्ध कराये। जिसपर पीड़ित लोगों ने सभी का आभार भी माना।

आखिर लापरवाह प्रशासन को क्यों नहीं हटाना चाहती सरकार :

जिले भर से अपना सबकुछ गंवा बैठे पीड़ितों व आम जनता की मांग है कि डीएम, एडीएम को हटाया जाये तो सरकार को उसमें परहेज क्यों। कहीं आगामी दिनों में आने वाली राहत राशि का बंदरबांट की भी योजना तो कागजों पर उकेर कर पूर्ण नहीं कर ली गई, जिसके चलते दोनों अधिकारियों को बचाया जा रहा है। जबकि एडीएम पर अतिक्रमण हटाने, कोरोना महामारी सहित कई मामलों में दबी जुबान में कई गंभीर आरोप लगाये जा चुके हैं बावजूद ऐसे अधिकारियों की जिले में पदस्थी समझ से परे है। शासन और प्रशासन जनता के लिये है और जब जनता का विश्वास ही उनपर शेष नहीं रह गया तो उन्हें बनाये रखने का कोई औचित्य नहीं।

दौरे की प्रमुख बाते :

  1. नरेन्द्र सिंह तौमर की गाड़ी पर महिलां ने फेंकी चप्पल तो जिलाध्यक्ष भागते नजर आये।

  2. नेताजी के चमचे को भी जमकर खरी खोटी सुनाई।

  3. काफिले की गाड़ियां पर कीचड़ फेंक जताया आक्रोश।

  4. डीम, एडीएम नपा सीएमओ को हटाने की मांग की।

  5. चैनपुरा की महिलायें बोली कलेक्टर से आपसे तो कोई उम्मीद नहीं।

  6. सुरक्षाकर्मी असमंजस में नजर आये।

  7. सुरक्षा अमले ने जनता के बीच से चैन बनाकर निकाला मंत्रीजी को।

  8. महिलाओं ने कलेक्ट्रेट परिसर और मालियों के मन्दिर के पास लगाये मुर्दाबाद के नारे।

  9. महिलायें बोली उधर कहां जा रहे हो, इधर चलो प्रशासन की हकीकत पता लग जायेगी।

  10. प्रेस कान्फ्रेन्स मैं बोले सांसद भ्रम फैलाया।

  11. आपदा पर किसी का जोर नहीं।

  12. प्रशासनिक अमले के बदलाव पर बोले आगे देखेंगे।

  13. ग्रामीण क्षेत्रों पर कुछ नहीं बाले मंत्रीजी।

  14. कलेक्ट्रेट कार्यालय में ली भाजपा नेताओं की बैठक।

  15. भाजपा नेता ही एक दूसरे के खिलाफ लोगों को आक्रोशित करते दिखे।

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