Nagda : शहर को जिला बनाने के लिए भाजपा भी उतरी मैदान में

नागदा जंक्शन, मध्यप्रदेश : भाजपा नेता भी जिला बनाने के लिए प्रयास कर रहे है। इस बार भाजपा नेता भी जिला बनाने के लिए पूरी तरह मैदान में उतर गए है।
शिवराज सिंह के साथ कर्नाटक के राज्यपाल डॉ. थावरचंद गेहलोत
शिवराज सिंह के साथ कर्नाटक के राज्यपाल डॉ. थावरचंद गेहलोतRaj Express
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नागदा जंक्शन, मध्यप्रदेश। शहर को जिला बनाने के लिए भाजपा भी पूरी तरह मैदान में उतर गई है। कर्नाटक के राज्यपाल के साथ पूर्व विधायक ने भोपाल जाकर जिला बनाने की मांग को पुन: रखते हुए उन्हें याद दिलाया कि उन्होंने घोषणा की थी। इसी के साथ क्षेत्र के विकास के लिए भी कई मांगे रखी। विधायक पर क्षैत्र की जनता को गुमराह करने के आरोप लगाया।

शहर को जिला बनाने की मांग कई वर्षों से की जा रही है। दो बार मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शहर को जिला बनाने की घोषणा का आश्वासन भी मंच से दिया। विधायक जब भी विधानसभा चुनाव नजदीक आते है तब शहर को जिला बनाने की मांग का मुद्दा उठाने लग जाते है। भाजपा नेता भी जिला बनाने के लिए प्रयास कर रहे है। इस बार भाजपा नेता भी जिला बनाने के लिए पूरी तरह मैदान में उतर गए है।

6 मार्च को कर्नाटक के राज्यपाल डॉ. थावरचंद गेहलोत के नेतृत्व में पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि ओपी गेहलोत ने भोपाल जाकर मुख्यमंत्री से शहर को जिला बनाने की मांग को दौहराया। इसी के साथ शेखावत ने नर्मदा, क्षिप्रा चंबल लिंक योजना की वित्तीय स्वीकृति हुई है, 85 गांवो में नल-जल योजना पूर्ण हो गई। जल स्तर नीचे होने के कारण कई पंचायतो में पानी नहीं पहुंच रहा है। वहां नर्मदा का पानी पहुंचाया जाए। विधानसभा क्षेत्र की 3-3, 4-4 किमी सड़को का निर्माण कराया जाए। क्षेत्र में घोडऱोज के आंतक से किसान परेशान है, मेंने विधायक कार्यकाल में प्रश्न उठाया था, वनमंत्री गोरीशंकर सेजवार उन्होंने योजना बनाई थी उसे लागू की जाए। शहर में सीएम राईजनिंग स्कूल की स्वीकृति, जल आर्वधन योजना के अंतर्गत स्वीकृति राशि में से 4 करोड़ राशि बाकी है उसे दिलाया जाए, नागदा-खाचरौद, मड़ावदा, चापानेर में डॉक्टरो की कमी को पूरा किया जाए, शहर में बड़े उद्योग लगावाए जाए, क्षेत्र में पात्र हितग्राहियों को आवास व भू अधिकारी पट्टे दिए जाए। शेखावत ने विधायक गुर्जर पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह चुनाव के पूर्व जिला बनाने का राग अलापते है। 15 माह की कांग्रेस सरकार में वरिष्ठ विधायक थे, तब उन्होंने जिला बनाने का प्रयास नहीं किया। सरकार के गिरने की शंका होते ही केबिनेट में प्रस्ताव पास कराया। पहले प्रस्ताव कराकर जिला घोषित करवा सकते थे, ऐसा नहीं किया गुर्जर ने।

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