कांग्रेस की श्रीमती राधाबाई पटेल जीती
कांग्रेस की श्रीमती राधाबाई पटेल जीतीPrafulla Tiwari

Narmadapuram : विधायक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे, कांग्रेस ने लगा दी सेंध

सोहागपुर और पिपरिया विधानसभा क्षेत्र के सदस्यों ने की क्रास वोटिंग। भाजपा के 11 सदस्य निर्वाचित होने के बाद भी कांग्रेस की श्रीमती राधाबाई पटेल जीतीं। अध्यक्ष पद की होड़ में हुई क्रास वोटिंग।

नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग के चलते कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई थी और जिस पर भाजपा ने विधायकों द्वारा आत्मरक्षा की आवाज पर वोट करना बताया था, लेकिन नर्मदापुरम जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में स्थिति उलट हो गई और यहां भाजपा के जिला पंचायत सदस्यों ने कांग्रेस के पक्ष में क्रास वोटिंग कर दी। नतीजा यह रहा कि भाजपा के 11 सदस्य होते हुए भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया। दरअसल भाजपा की ओर से अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष योजनगंधा सिंह जूदेव थीं। चूंकि नर्मदापुरम जिला पंचायत सदस्य का पद अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित होने के कारण जिले में भाजपा की दो अन्य महिलाएं जिसमें मधु धुर्वे एवं सीमा कास्ते अध्यक्ष पद की दावेदार थीं। जिन्हें स्थानीय विधायकों ने अध्यक्ष पद पर काबिज करने का प्रलोभन भी दिया था। लेकिन चुनाव के ऐन मौके पर भाजपा ने योजनागंधा को चुनाव में खड़ा कर दिया लेकिन निर्वाचित सदस्यों को यह मंजूर नहीं हुआ और गुस्से में उन्होंने कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग कर दी। और कांग्रेस के प्रत्याशी श्रीमती राधाबाई/सुधीर पटेल चुनाव जीत गईं। हालाकि सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र से जीते एक अन्य सदस्य ने भी कांग्रेस को वोट कर दी। जिससे भाजपा प्रत्याशी योजनागंधा 1 वोट से अध्यक्ष पद का चुनाव हार गईं। बहरहाल चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती राधाबाई पटेल अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जलूश के रूप में शहर के मुख्यमार्गों से विजय जलूस निकाला और सेठानी घाट पर पूजा-अर्चना कर माँ नर्मदा आशीर्वाद लिया। वहीं चुनाव के बाद सिवनी मालवा विधायक प्रेमशंकर वर्मा के भतीजे ने सोशल मीडिया पर भाजपा की हार के लिये भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की मांग की है। वहीं जिन विधानसभा क्षेत्रों के जिला पंचायत सदस्यों ने क्रास वोटिंग की है, उस विधानसभा के विधायकों पर भी कार्यवाही होना चाहिये।

नेताओं की टकराहट और खींचतान में जनता की हुई फजीहत :

सदस्यों के बीच इनकी टकराहट और वर्चस्व की होड़ के चलते जिला पंचायत अध्यक्ष का पद कांग्रेस की झोली में चला गया, इससे जिले के चारों विधायकों की तो फजीहत हुई है, लेकिन इसे कुछ दिनों बाद भुला दिया जाएगा, लेकिन सबसे ज्यादा फजीहत उस ग्रामीण जनता की हुई है, जिसने बड़ी उम्मीदों के साथ भाजपा के 11 सदस्यों के गले में विजय श्री की माला डाली थी। अगले 5 साल तक जिले की ग्राम सरकार में विकास कार्यों की वजह भाजपा-कांग्रेस का खेल चलता नजर आएगा। कभी अविश्वास प्रस्ताव, कभी आरोप-प्रत्यारोप, कभी बजट की कमी, कभी निर्माण और विकास कार्यों में गड़बड़ियां, पूरे 5 साल तक अब यही चलने का अंदेशा है।

नाकाम साबित हुई पार्टी और विधायकों की रात भर की मंत्रणा :

ग्राम सरकार पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था, हर जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा का हो और हर जिला पंचायत में केसरिया ध्वज लहराया जाए, इसके निर्देश सीधे भाजपा के प्रदेश संगठन और श्यामला हिल्स से स्थानीय नेताओं को मिल रहे थे। नर्मदापुरम में सदस्यों की संख्या के हिसाब से जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा का ही बनना था। लेकिन भाजपा किसी ऐसे ही सदस्य को अध्यक्ष का ताज पहनाना चाहती थी, जिसे भाजपा के ही सदस्यों को मात देनी पड़ी। यही कारण है कि जिले के चारों विधायकों की 3 दिन की मेहनत और रात भर की मंत्रणा नाकाम साबित हुई और आंख में से काजल की तरह अध्यक्ष की कुर्सी कांग्रेस चुराकर ले गई। बता दें कि जिले में नर्मदापुरम विधायक डा. सीतासरन शर्मा, सोहागपुर विधायक ठा. विजयपाल सिंह, पिपरिया विधायक ठाकुरदास नागवंशी, सिवनीमालवा विधायक प्रेमशंकर वर्मा, सहित भाजपा की ओर से पंचायत चुनाव के प्रभारी अल्केश आर्य, जिला अध्यक्ष माधवदास अग्रवाल के लगातार प्रयासों के बावजूद पार्टी की अंदरूनी कलह भी सामने आ गई है, जिसकी सीधा फायदा कांग्रेस को मिला है।

यदि भोपाल स्तर से प्रत्याशी तय किया तो नर्मदापुरम नगरपालिका अध्यक्ष के चुनाव में भी क्रास वोटिंग की स्थिति :

जिला पंचायत अध्यक्ष पद कांग्रेस की झोली में जाने के बाद अब लोग नर्मदापुरम सहित जिले की पांच निकाय में होने वाले चुनावों में नजर टिकाए बैठे हैं। कहा जा रहा है कि यदि नगर पालिका चुनाव में विधायकों की राय नहीं मानी गई, तो नगर पालिका चुनाव में भी क्रॉस वोटिंग होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। नर्मदापुरम नगर पालिका में भाजपा के लगभग 23 पार्षद और पांच निर्दलीय विधायक सीताशरण शर्मा के संपर्क में हैं। यदि उनकी राय मानी गई तो नर्मदापुरम का नगर पालिका अध्यक्ष भाजपा का ही होगा और यदि पार्टी और संगठन ने अपनी चलाई, तो जिला पंचायत के अध्यक्ष के चुनाव का परिणाम को देखते हुए जो क्रास वोटिंग हुई है, यह उसी का नतीजा है। इसके अलावा माखननगर नगर परिषद में भाजपा-कांग्रेस को बराबर पार्षद चुने जाने से अब एक निर्दलीय को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां की स्थिति भी कांग्रेस के पक्ष में दिख रही है। इसके अलावा बनखेड़ी, पिपरिया और सिवनी मालवा में भी अध्यक्ष का चुनाव होना है, यदि संगठन ने पार्षदों अथवा विधायकों के पसंद का उम्मीदवार प्रस्तावित नहीं किया तो नतीजे उलट भी हो सकते हैं।

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