पूर्व पार्षद महेंद्र यादव
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पूर्व पार्षद यादव ने भाजपा के अधिकृत अजजा उपाध्यक्ष प्रत्याशी के खिलाफ लड़ा था चुनाव, हारे

नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश : विधायक का पुतला फूंकने और पार्टी से बगावत कर चुके पार्षद भी अध्यक्ष की दौड़ में शामिल।

नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। नगरपालिका नर्मदापुरम में अध्यक्ष पद को लेकर अब घमासान की स्थिति निर्मित हो रही है। भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद खरीद-फरोख्त की चर्चाएं सामने आ रहीं हैं। कई दावेदार अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है। खास बात यह है कि इनमें पूर्व पार्षद महेंद्र यादव भी शामिल है जिनकी पत्नी श्रीमती नीतू यादव पहली बार पार्षद चुनी गई है। महेंद्र यादव वही व्यक्ति हैं जिन्होंने भाजपा पार्षद रहते हुए विधायक विजयपाल सिंह का पुतला जलाया था। महेन्द्र यादव की पृष्ठभूमि रेत कारोबारी की रही है, रेत के कारोबार से धन्नासेठ बने यादव अब राजनीति में पंख पसारना चाहते हैं। कुछ पार्षदों का समर्थन भी हासिल कर लिया है, लेकिन उनके अरमान पूरे होते नजर नहीं आ रहे हैं, क्योंकि भाजपा का संगठन इस पद पर किसी ईमानदार, निर्विवाद और काम करने वाले व्यक्ति की ताजपोशी करने के पक्ष में है।

पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़े और हारे, फिर हुए निष्कासित :

पिछली परिषद में पार्षद रहते महेन्द्र यादव उपाध्यक्ष का चुनाव लड़े थे, जबकि पार्टी की ओर से अनुसूचित जनजाति वर्ग के अशोक कुशराम को उपाध्यक्ष बनाने के लिए अधिकृत किया था। अधिकृत प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ने को पार्टी ने अनुशासनहीनता मानते हुए छह साल के लिये इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। महेन्द्र यादव को भले ही पार्षदों का समर्थन न मिला हो, लेकिन कुछ नेताओं और जनप्रतिनिधियों के चहेते होने के चलते अध्यक्ष बनने का सपना सजाए हुए हैं और इसे पूरा करने के लिए पार्षदों को प्रलोभन दिया जा रहा है।

भाजपा को छवि सुधारने का आखिरी मौका :

अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होना है। पीएम आवास योजना मेें गड़बड़झाले सहित नगर पालिका कई मामलों में प्रदेश भर में बदनाम रह चुकी है। इसलिए भाजपा के पास छवि सुधारने का यह आखिरी मौका है, जब किसी ईमानदार और साफ सुथरी छवि के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाकर बदनामी का दाग धोया जा सकता है। संगठन की भी यही इच्छा है। यही कारण है कि भोपाल से स्थिति पर सीधी नजर रखी जा रही है। कौन क्या कर रहा है, कौन किस पर डोरे डाल रहा है, कौन प्रलोभन के चलते डगमगा रहा है और कौन पार्टी की मंशा को पलीता लगाने की कोशिश कर रहा है, इस पर संगठन नजर बनाए हुए है।

श्यामला हिल्स तक पहुंची शिकायत :

सूत्रों का कहना है कि स्पष्ट बहुमत के बावजूद अध्यक्ष पद के लिए पार्षदों से ज्यादा खींचतान स्थानीय नेताओं के बीच बताई जा रही है। कुछ निष्ठावान भाजपाइयों ने इसकी जानकारी भोपाल में श्यामला हिल्स तक पहुंचा कर मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में ला दिया है। बताया जा रहा है कि श्री चौहान ने साफ कह दिया है कि बागियों और दागियों का पार्टी में कोई काम नहीं है, इन्हें पार्टी का चेहरा बनाए जाने का सवाल ही नहीं उठता है, अध्यक्ष का पद साफ सुथरी छवि वाले और पार्टी के लिए समर्पित व्यक्ति को ही दिया जाएगा। ठीक इसी प्रकार की मंशा शहर की आम जनता की हैं कि कोई इमानदार छवि वाले अध्यक्ष को ही नपाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया जाए।

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