खबर का असर : अधिकारियों ने माना फसल बाजार में बेचने लायक नहीं

इंदौर, मध्य प्रदेश : उद्यानिकी विभाग और कृषि वैज्ञानिक का दल खेत में पहुंचा, दुकानदार व कंपनी पर कार्यवाही के बजाय किसान को खेत खाली कर अगली फसल पर ध्यान देने को कहा।
खबर का असर : अधिकारियों ने माना फसल बाजार में बेचने लायक नहीं
खबर का असर : अधिकारियों ने माना फसल बाजार में बेचने लायक नहींRaj Express

इंदौर, मध्य प्रदेश। अमानक गाजर के बीज से किसानों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस मामले को राज एक्सप्रेस ने 28 दिसंबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिसके बाद उद्यानिकी विभाग और कृषि वैज्ञानिक का दल सोमवार को खेत में पहुंचा। जांच में अधिकारियों ने पंचनामा बनाकर मौके पर पाया कि जो गाजर खेत में उगी है उसकी साइज किसान के शिकायत के आधार पर बिल्कुल सही है। मामला इंदौर जिले के नजदीक कम्पैल गांव का है। गांव के किसान महेंद्र पिता प्रेमनारायण चौधरी ने गाजर का बीज गोल्डन सीड्स की वैरायटी गोल्डन रोजी के नाम का बीज कृषि सुधार बीज भंडार नंदलालपुरा बीज भवन इंदौर से खरीदा था। किसान को दुकानदार ने 600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 8 किलो बीज दिया जो कि 4800 रुपए का किसान ने दुकानदार से खरीदा। जब फसल पककर तैयार हुई तो गाजर की लंबाई तीन इंच के आसपास ही बनी जिसमें बीच में से जगह-जगह फुटाव किया गया जबकि देसी गाजर की लंबाई लगभग 1 फीट के आसपास होती है। अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान पाया कि खेत में बिल्कुल बोना साइज उगा है जबकि किसान ने सही मात्रा मेें दवाई, खाद का उपयोग किया, लेकिन फिर भी फसल बाजार में बेचने लायक नहीं रही।

घाटा उठाकर अगली फसल की तैयारी मुश्किल :

कंपनी व दुकानदार द्वारा जो साइज व क्वालिटी बताई गई उससे अलग फसल खेत में उगी। इससे किसान को लाखों रुपए की लागत लगाने के बाद भी नुकसान हुआ। अब मामला अधिकारियों की निगरानी में आ गया है। अब कंपनी व दुकानदार पर अधिकारी क्या एक्शन लेते हैं और किसान पर जो भी नुकसान हुआ उसकी भरपाई कैसे की जाती है इस पर पीड़ित किसान ने बताया कि अधिकारियों ने सलाह दी है कि अब फसल पक चुकी है जो भी भाव बीके खेत खाली करके आगे की फसल की तैयारी करो। किसान का कहना हैं कि मेरी समस्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। घाटा उठाकर आगामी फसल की तैयारी करना भी मुश्किल है।

75 प्रतिशत उठाना पड़ेगा घाटा :

किसान का कहना है गाजर का साइज ना बनने के कारण जो नुकसान उठाना पड़ रहा है उसकी क्षतिपूर्ति की जाए। किसान ने बताया कि मेरे द्वारा लाखों रुपए की लागत गाजर में लगाई गई और अब जिस हिसाब से गाजर खेत में उगी है उसे बेचने पर सिर्फ लागत का 25 प्रतिशत ही मिल पाएगा जबकि 75 प्रतिशत के आसपास घाटा उठाना पड़ेगा। दुकानदार द्वारा सही बीज दिया जाता तो मुझे आज लाखों रुपए का मुनाफा होता। दुकानदार की वजह से मुझे गाजर के खरीददार नहीं मिल रहे हैं।

कंपनी व दुकानदार पूरी करें क्षतिपूर्ति :

भारतीय किसान मजदूर सेना के प्रदेश अध्यक्ष बबलू जाधव ने बताया कि बीज कंपनियां दुकानदार से मिलकर हाइब्रिड के नाम पर महंगा बीज किसान को बेच देती है। साथ ही किसान को अच्छी क्वालिटी का नामी कंपनियों का बीज दिखाकर घटिया स्तर का बीज मिलावट करके पैकिंग के माध्यम से थोप दिया जाता है। अच्छे उत्पादन के चक्कर मेें किसान को बुरी तरह से लूट के साथ नुकसान भी पहुंचाया जाता है। अधिकारियों की देखरेख में यह गोरख धंधा फल-फूल रहा है। लाखों रुपए का किसान को नुकसान हुआ है, जिसकी क्षतिपूर्ति कंपनी व दुकानदार से करवाई जाए। साथ ही उचित कार्यवाही की जए जिससे आगे इस तरह की घटना न घटे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com