इंदौर : कोरोना ही नहीं आत्महत्या की बीमारी भी तेजी से पसार रही पांव

इंदौर, मध्य प्रदेश : 25 मार्च से 31 मई 2020 के आत्महत्या के मामलों के बारे में ये बात सामने आई कि इस अवधि में 2019 में 133 लोगों ने आत्महत्या की थी जबकि 2020 में ये आंकड़ा 163 तक पहुंच गया।
कोरोना ही नहीं आत्महत्या की बीमारी भी तेजी से पसार रही पांव
कोरोना ही नहीं आत्महत्या की बीमारी भी तेजी से पसार रही पांवSocial Media

इंदौर, मध्य प्रदेश। कोरोना काल में लाक डाउन हुआ उसके बाद धीरे-धीरे लाक डाउन में ढील मिली और अब बाजार सामान्य हो रहे हैं वैसे दीपावली के बाद एक बार फिर से कोरोना के मरीज बढ़ने लगे हैं। वैसे ये भी डरावना सच है कि लाक डाउन के बाद अनलाक हुआ और उसके बाद तो आत्महत्या के मामले तेजी से बढने लगे हैं। आत्महत्या के लिए सबसे आसान तरीका लोगों को फांसी लगाकर जान देने का लगता है। यही कारण है कि फांसी के मामले तेजी से बढ़ने लगे।

क्यों बढ़ रहे मामले..?

कुछ अरसा पहले एक संस्था ने सर्वे करवाया था जिसमें ये उजागर हुआ था कि लाक डाउन के बाद आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़े हैं। 25 मार्च से 31 मई 2020 के आत्महत्या के मामलों के बारे में ये बात सामने आई कि इस अवधि में 2019 में 133 लोगों ने आत्महत्या की थी जबकि 2020 में ये आंकड़ा 163 तक पहुंच गया। शोधार्थी एवं समाजसेवी भाग्यश्री खडख़डिय़ा का कहना है कि लोगों में सहन शक्ति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है । छोटी-छोटी बातों पर लोग जान देने का आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। ये हालात समाज के लिए बेहद घातक हैं। इनका एक कारण ये भी है कि इस तरह के लोग परिजन एवं दोस्तों को मानसिक परेशानी नहीं बताते हैं, अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं। हालात यहां तक पहुंच जाते हैं कि वे आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं।

मनोचिकित्सकों का मत है कि आधुनिक चकाचौंध का शिकार होकर युवा वर्ग भौतिकवादी हो गया। वह पैसे के पीछे भागता है,कई बार तो अपने परिजनों यहां तक कि माता-पिता की भी परवाह नहीं करता। घर के बुजुर्ग और बड़े लोगों से बात करने पर उसे जो अनुभव मिलता था वह अब एकाकी परिवार होने के कारण लगभग खत्म हो चुका है। इस तरह के लोग छोटी सी समस्या आने पर भी डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। समय पर उचित सलाह और अपनों का साथ नहीं मिलने के कारण ये डिप्रेशन गंभीर रुप धारण कर लेता है और मामला आत्महत्या तक पहुंच जाता है। यदि एकाकी परिवार का चलन बंद हो जाए तो आत्महत्या के मामलों में काफी कमी आ सकती है।

सबसे आसान लगता है फांसी लगाना :

आत्महत्या का इरादा करने वालों को फांसी लगाने का तरीका सबसे आसान लगता है। यही कारण है कि आत्महत्या के मामलों में आधे से ज्यादा जान देने वाले फांसी लगाते हैं। लाकडाउन के बाद कुछ प्रमुख मामलें सामने ऐसे भी हैं जिनमें करोड़पति से लेकर गांव में रहने वालों ने भी आत्महत्या के लिए फांसी का रास्ता चुना।

  • मुंबई से इंदौर आकर होटल में रुकने एवं गिनीज बुक रिकार्डधारी 4 कंपनियों के मालिक पंकज कामले ने होटल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी।

  • खुडैल में नाबालिग किशोरी की शादी तय होने पर वह नाराज हो गई। घर के सामने रहने वाले प्रेमी युवक और किशोरी ने एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी।

  • सट्टे में लेनदेन का विवाद होने के बाद सब्जी व्यापारी सुनील कुशवाहा ने तीन लोगों के खिलाफ वीडियो बनाया और फांसी लगा ली।

  • इंद्रलोक कालोनी निवासी छात्रा दिव्या भोलांडा का सीए का पेपर बिगड़ा तो उसने घर पर फांसी लगाकर जान दे दी।

  • कुलकर्णी का भट्टा में रहने वाले निगमकर्मी जितेंद्र पिता बाबूलाल यादव ने कोरोना काल में जमकर मेहनत ही लोगों की मदद की उसके बाद भी उसके स्टाफ ने उसे ताने मारकर परेशान करना शुरु कर दिया। इसी बात से नाराज होकर जितेंद्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

  • भंवरकुआ में रहने वाली युवती को बुरहानपुर में रहने वाला बायफ्रेंड मोहित ब्लैकमेल करने लगा। युवती ने परेशान होकर फांसी लगाई।

  • मांगलिया इलाके में रहने वाली नौकरीपेशा वंदना उर्फ वेदश्री प्रजापति का मैकेनिक पति भूपेंद्र प्रजापति से विवाद हुआ। रात को हुए विवाद के बाद सुबह पति ने माफी मांगी उसके बाद वह बाजार गया वहां से लौटा तो पत्नी फांसी के फंदे पर लटकी मिली।

  • एरोड्रम के अशोक नगर में रहने वाली नामी कंपनी की एच आर हेड प्रीति निर्मल की सगाई पवन से हुई। शादी 26 जून को होना था लेकिन पवन के परिजनों ने कहा कि शादी देवउठनी ग्यारस के बाद करेंगे। इसी बात पर प्रीति निर्मल ने फांसी लगाकर जान दे दी।

  • उज्जैन निवासी दीपेश चौहान इंजीनियरिंग की पढाई के लिए इंदौर आया था। वह तिलकनगर के वसुंधरा अपार्टमेंट रहता था। सेकंड इयर में पढने वाले दीपेश ने फांसी लगाकर जान दे दी।

  • राजेंद्रनगर के मराठी मोहल्ले में रहने वाली 12 वीं छात्रा महिमा की शादी तय हो गई। घर में तैयारियां चल रही थीं। शादी के करीब एक माह पहले ही महिमा ने फांसी लगाकर जान दे दी।

  • फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाले युवक को, डायल-100 ने समय पर अस्पताल पहुंचाकर बचाई जान।

आत्महत्या से बचाने के लिए तैयार रहती है पुलिस :

आत्महत्या का इरादा करने वालों की मदद के लिए पुलिस की हेल्प लाइन संजीवनी काम कर रही है। डायल 100 भी इस काम में पीछे नहीं है। गुरुवार को डायल 100 की टीम ने एक व्यक्ति को फांसी लगाने से रोककर उसकी जान बचाई। गुरुवार को रा'य स्तरीय पुलिस कंट्रोल रूम डायल-100 भोपाल में सूचना प्राप्त हुई कि हीरानगर के काशीपुरा में एक व्यक्ति फांसी लगा कर आत्महत्या का प्रयास कर रहा हैं , पुलिस सहायता की आवश्यकता है। सूचना प्राप्ति पर पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा हीरानगर क्षेत्र की डायल-100 एफ.आर.व्ही. को घटना का विवरण देकर रवाना किया गया। स्टाफ के प्रधान आरक्षक सुरेन्द्र सिंह जादौन एवं पायलेट मोरेश्वर अरस तत्काल घटनास्थल काशीपुरा में पीड़ित के घर पहुंचे, जहां पर बताया कि पारिवारिक कारणों से युवक निवासी ललितपुर उ.प्र. फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास कर रहा था, जिसकी सूचना पर मिलने पर तत्काल डायल-100 एफ.आर.व्ही. स्टाफ ने एमवाय अस्पताल पहुंचाया और उसकी जान बचा ली गई।

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