भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में सामुदायिक वन प्रबंधन का जिम्मा पूरी तरह से ग्रामीणों को सौंपे जाने की तैयारी है, वे पौधारोपण और कूप कटाई (पेड़ों की छंटाई) भी कराएंगे। बता दें कि, कूप कटाई में वन विभाग को होने वाले फायदे में उनका भी हिस्सा रहेगा, जो लाभांश के रूप में उन्हें बांटा जाएगा।
प्रयोग के तौर पर MP के किसी एक जिले में लागू होगी योजना :
मिली जानकारी के मुताबिक इसका प्रस्ताव भी तैयार हो गया है, इसे कैबिनेट से जल्द मंजूरी मिल सकती है। अभी योजना को प्रयोग के तौर पर MP के किसी एक जिले में लागू कर परिणाम देखे जाएंगे। इनके आधार पर ही प्रदेश के शेष जिलों में योजना लागू की जाएगी।
बताते चलें कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में घोषणा की थी कि पैसा कानून (ग्राम सभा को सामुदायिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार देने वाला कानून) के तहत ग्रामीणों को जंगल का प्रबंधन सौंपा जाएगा। राज्य सरकार इस कानून के तहत सामुदायिक वन प्रबंधन समितियों के गठन की जिम्मेदारी ग्राम सभा को देने जा रही है।
पीएम कर सकते हैं घोषणा :
सोमवार को जनजातीय गौरव दिवस पर मध्य प्रदेश आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसकी घोषणा कर सकते हैं। योजना जनजातीय वर्ग को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। बताते चलें कि, वन प्रबंधन समितियों के गठन की जिम्मेदारी ग्राम सभा को देंगे।
भोपाल के ऐतिहासिक जंबूरी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित होने वाले जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो गयी हैं। अब इन्हें अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर के अवसर पर मध्यप्रदेश सरकार की ओर से जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया गया है, जिसमें लगभग ढाई लाख लोगों के आने का अनुमान है और इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म से किया जाएगा, जिसे कम से कम दो करोड़ लोग देख और सुन सकेंगे।
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