अब प्रेम के नाम पर छल करने वाले नहीं बच सकेंगे : शिवराज सिंह

भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अब प्रेम के नाम पर छल या धर्मांतरण करवाने वाले इस राज्य में बच नहीं पाएंगे। प्रदेश में धार्मिक स्वातंत्र्य अधिनियम 2021 लागू।
अब प्रेम के नाम पर छल करने वाले नहीं बच सकेंगे : शिवराज सिंह
अब प्रेम के नाम पर छल करने वाले नहीं बच सकेंगे : शिवराज सिंहSocial Media

भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अब प्रेम के नाम पर छल या धर्मांतरण करवाने वाले इस राज्य में बच नहीं पाएंगे। श्री चौहान ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा है कि विधानसभा में पारित होने के बाद धार्मिक स्वतंत्र्य अधिनियम 2021 राजपत्र में प्रकाशित हुआ। यह राज्य का कानून बन गया। अब प्रेम के नाम पर छल या धर्मांतरण करवाने वाले बच नहीं सकेंगे।

इस बीच राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्र्य अधिनियम 2021 राजपत्र अधिसूचना के बाद तत्काल प्रभाव से प्रदेश में लागू हो गया है। विधानसभा द्वारा पारित अधिनियम राज्यपाल की अनुमति के बाद मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में 27 मार्च को प्रकाशित हो गया है। अधिनियम में एक धर्म से अन्य धर्म में विधि विरुद्ध परिवर्तन का प्रतिषेध, धर्म परिवर्तन के विरुद्ध परिवाद, धारा के उपबंधों के उल्लंघन के लिए दंड आदि का प्रावधान किया गया है। किसी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करने के आशय के साथ किया गया विवाह शून्य होगा। इस संबंध में परिवर्तित व्यक्ति अथवा उसके माता-पिता या सहोदर भाई या बहन या न्यायालय की अनुमति से किसी व्यक्ति जो रक्त, विवाह या दत्तक ग्रहण संरक्षकता या अभिरक्षा जो भी लागू हो, द्वारा स्थानीय सीमाओं के भीतर न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर सकेंगे।

अधिनियम के अनुसार जहां कोई संस्था या संगठन इस अधिनियम के किसी उपबंध का उल्लंघन करता है, वहां यथास्थिति ऐसी संस्था अथवा संगठन के कामकाज का भारसाधक व्यक्ति इस अधिनियम की धारा में यथा उपबंधित दंड का दायी होगा। इस अधिनियम के अधीन पंजीकृत अपराध का अन्वेषण पुलिस उप निरीक्षक से निम्न पद श्रेणी के पुलिस अधिकारी से नहीं किया जा सकेगा।

इसमें प्रावधान है कि कोई व्यक्ति जो धर्म-सपंरिवर्तित करना चाहता है, इस कथन के साथ कि वह स्वयं की स्वतंत्र इच्छा से तथा बिना किसी बल, प्रपीडऩ, असम्यक असर या प्रलोभन से अपना धर्म-संपरिवर्तन करना चाहता है, जिला मजिस्ट्रेट को चिन्हित प्ररूप में ऐसे धर्म-संपरिवर्तन से 60 दिवस पूर्व, इस आशय की घोषणा प्रस्तुत करेगा। इस अधिनियम के अनुसार नियमों के उल्लंघन से किये गये विवाह से जन्मा कोई बच्चा वैध समझा जाएगा। ऐसे बच्चे का संपत्ति का उत्तराधिकार पिता के उत्तराधिकार को विनियमित करने वाली विधि के अनुसार होगा। नियमानुसार घोषित शून्य और अकृत विवाह से जन्में बच्चे को अपने पिता की सम्पत्ति में अधिकार प्राप्त रहेगा। शून्य और अकृत विवाह घोषित होने के बावजूद महिला और जन्म लेने वाली संतान अधिनियम अनुसार भरण-पोषण पाने के हकदार होंगे। इसके पहले वर्ष 2020 में ये प्रावधान राज्य में अध्यादेश के जरिए लागू किए गए थे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com