सिंगरौली जिले में बड़ी तेजी से बढ़ रही स्मैक के नशेड़ियों की तादाद
सिंगरौली जिले में बड़ी तेजी से बढ़ रही स्मैक के नशेड़ियों की तादादSyed Dabeer Hussain - RE

सिंगरौली जिले में बड़ी तेजी से बढ़ रही स्मैक के नशेड़ियों की तादाद

सिंगरौली, मध्य प्रदेश : स्मैक का नशा बहुत ही तेजी के साथ जिले की किशोर व युवा पीढ़ी को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। स्मैक जैसे खतरनाक नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं को इससे बाहर निकालना बहुत ही कठिन है।

सिंगरौली, मध्य प्रदेश। जिले में स्मैक, गांजा, अवैध शराब आदि जैसे मादक पदार्थो का कारोबार अच्छी तरह से फल-फूल रहा है। जिले में ऐसा कोई थाना क्षेत्र नहीं है जहां के युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में न हो। सिंगरौली जिले में मौजूदा समय में युवा पीढ़ी नशा करने के लिए स्मैक, गांजा, शराब, कोरेक्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन कर अपने शौक को पूरा करने में लगा हैं। जिले के हर गांव में स्मैक, गांजा, शराब के विक्रेता जगह-जगह फैले हुए हैं। आए दिन पुलिस प्रशासन नशे के कारोबारियों पर शिकंजा कसती रहती है। मगर अभी तक पुलिस प्रशासन पूरी तरह से शिकंजा कसने में नाकाम रही है। जिससे युवा पीढ़ी का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

कैसे उपलब्ध हो रहा है स्मैक व हीरोइन :

सिंगरौली जिला एक तरफ उत्तर प्रदेश तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के बॉर्डर से लगा हुआ। जहां से आसानी के साथ जिले में स्मैक हीरोइन, गांजा, कोरेक्स जैसे नशीला मादक पदार्थ लाया जा रहा है। स्मैक का नशा भी बहुत ही तेजी के साथ जिले के किशोर व युवा पीढ़ी को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। सिंगरौली में शराब जहां सरकार लोगों को स्वयं उपलब्ध करवा रही है। वहीं दूसरी ओर स्मैक का नशा भी बहुत ही तेजी के साथ जिले की किशोर व युवा पीढ़ी को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। शराब के नशे से एक बार तो लोगों को दूर किया जा सकता हैं, लेकिन स्मैक जैसे खतरनाक नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं को इससे बाहर निकालना बहुत ही कठिन है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि शराब का नशा करने वाला व्यक्ति अपनी हरकतों के कारण सबकी नजरों में आ जाता है, लेकिन स्मैक जैसा नशा करने वाले शुरुआत में एक सामान्य व्यक्ति की तरह व्यवहार करते हैं, उनके नशे की गिरफ्त में होने के बारे में बहुत आसानी से उनके घर वालों को भी पता नहीं चल पता है। जब तक इस बारे में पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

फल-फूल रहा अवैध शराब का कारोबार :

सूत्रों का कहना है कि अवैध शराब विक्रेता छोटे-मोटे किराना दुकान, पान की गोमती, चाय-नाश्ते की दुकानों में रख कर शराब बेचा करते हैं। उक्त दुकानदारों को शासकीय शराब ठेकेदार द्वारा शराब उपलब्ध कराया जाता है ताकि शराब को ज्यादा से ज्यादा बेच कर अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सके। जिसे लेकर पुलिस प्रशासन छोटे-मोटे अवैध शराब कारोबारियों को पकड़ कर जहां वाहवाही लूटने में लगी हुई है। वहीं बड़े अवैध शराब विक्रेता को हाथ लगाने से पीछे क्यों हट जाती हैं। यदि अवैध मादक पदार्थ तथा नशे की कारोबार पर नकेल न कसी गई तो वह दिन दूर नही जब जिले में अपराध की बाढ़ सी आ जायेगी।

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