दो साल बाद आयोजित हो रहे वन मेले का एक लाख लोग करेंगे अवलोकन
दो साल बाद आयोजित हो रहे वन मेले का एक लाख लोग करेंगे अवलोकनSyed Dabeer Hussain - RE

दो साल बाद आयोजित हो रहे वन मेले का एक लाख लोग करेंगे अवलोकन

भोपाल, मध्यप्रदेश : मप्र के अलावा उत्तर प्रदेश सहित आठ राज्यों के हर्बल उत्पादक करेंगे प्रतिनिधित्व। वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने मेले के संबंध में संवाददाताओं को दी विस्तृत जानकारी।

भोपाल, मध्यप्रदेश। कोरोना के कारण पिछले दो साल बाद राजधानी के लाल परेड ग्राउंड में वन मेला आयोजित किया जा रहा है। इस बार मेले में मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों के हर्बल उत्पादकों का भी प्रतिनिधित्व होगा। वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने रविवार को मीडिया को मिंटो हॉल में मेले के संबंध में विस्तार के साथ बिंदुवार जानकारी दी।

वन मंत्री ने बताया कि मेले का उद्घाटन 22 दिसंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया जाएगा, वहीं 26 दिसंबर को राज्यपाल की मौजूदगी में कार्यक्रम का समापन होगा। लगभग एक लाख लोगों द्वारा ऐतिहासिक मेले का भ्रमण किया जाएगा। प्रतिदिन 20 हजार लोगों द्वारा मेले का आनंद उठाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष में विक्रय हेतु 300 स्टॉल लगाए जा रहे हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश कर्नाटक, छत्तीसगढ़, दिल्ली, उड़ीसा, झारखंड, राजस्थान एवं महाराष्ट्र आदि राज्यों के हर्बल उत्पादकों का प्रतिनिधित्व होगा। हर्बल उत्पादों में विशेषकर कच्चे माल से लेकर प्रसंस्कृत उत्पादों एवं इससे संबंधित तकनीक का जीवंत प्रदर्शन होगा। विभिन्न शासकीय विभागों की योजनाओं इत्यादि से संबंधित जानकारियों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। वन समिति एवं धन केंद्र द्वारा भी अपने उत्पाद विक्रय हेतु स्टाल लगाए जाएंगे।

मिलेगा नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श :

वन मंत्री ने बताया कि मेले में चिकित्सा परामर्श हेतु ओपीडी केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। जिसमें आयुर्वेद एवं द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श प्रदान किया जाएगा। मंत्री के अनुसार लघु वनोपज स्वास्थ्य सुरक्षा की थीम पर आधारित मेले में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होगा। यह कार्यशाला 25 एवं 26 दिसंबर को आयोजित की जाएगी।

विदेशी विशेषज्ञ भी ऑनलाइन जुड़ेंगे :

मेले में होने वाली कार्यशाला में विदेशी प्रतिनिधि भी ऑनलाइन जोड़े जाएंगे। वन मंत्री ने बताया कि भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका के विशेषज्ञों के साथ-साथ मध्य प्रदेश के अन्य राज्यों के विषय विशेषज्ञ भी अपने विचार रख सकेंगे। इसके साथ ही लघु वनोपज के प्रावधान एवं संरक्षण के संबंध में विस्तृत चर्चा करेंगे। लघु वन उपज के संवहनीय विदोहन लिए संग्रहणकर्ता, स्थानीय पारंपरिक पद्धति से उपचारकर्ता एवं वेदों के चिकित्सा बोर्ड के अधिकारियों के साथ सार्थक स्वाद भी स्थापित किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि मेले के दौरान मेला स्थल पर ही 23 दिसंबर को लघु वनों के विक्रय हेतु विक्रेता सम्मेलन आयोजित किया जाए।

प्रतिदिन होंगे साांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं :

सम्मेलन में उपस्थित विक्रेताओं को व्यापार हेतु उपलब्ध कराया जाएगा। मेले में प्रत्येक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा स्कूल के बच्चों के लिए नृत्य प्रतियोगिता चित्रकला गायन एवं फैंसी जैसी प्रतियोगिताएं होगी। इसके अलावा नुक्कड़ नाटक, डांस प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायन गायन भी आयोजित किए जाएंगे आदिवासी लोक नृत्य मालवी लोकगीत का आयोजन होगा। मौके पर वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल एपीसीसीएफ लघु वनोपज अतुल श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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