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एचआईएमएस का लाभ नहीं मिल रहा मरीजों को, हाथ से बन रहे भर्ती पर्चे

एचआईएमएस लागू होने से पहले दावा किया जा रहा था कि सिस्टम लागू होने के बाद मरीजों को लाईनों से मुक्ति मिलेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। भर्ती पर्चे भी हाथ से बनाये जा रहे हैं।

ग्वालियर,मध्यप्रदेश । आधी-अधूरी सुविधाओं के बीच हजार बिस्तर अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एचआईएम सिस्टम लागू कर दिया गया है। सिस्टम के लागू होने के बाद भी मरीजों को कतारों से निजात नहीं मिल रही। उन्हें अभी भी उपचार लेने के लिए घंटों कतारों में लगना पड़ रहा है और जांच रिपोर्ट के लिए इधर से उधर भटकना पड़ रहा है। जबकि एचआईएमएस लागू होने से पहले दावा किया जा रहा था कि सिस्टम लागू होने के बाद मरीजों को लाईनों से मुक्ति मिलेगी और जांच रिपोर्ट उनके मोबाइल पर आयेगी। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ। भर्ती पर्चे भी हाथ से बनाये जा रहे हैं। 

हेल्थ मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम (एचआईएमएस) हजार बिस्तर अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शुरू हो चुका है। लेकिन, इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। ओपीडी-भर्ती होने वाले मरीजों को अभी-भी लाईनों में लगकर पर्चे बनवाना पड़ रहे हैं और भर्ती मरीजों को पर्ची कटवाना पड़ रही है। इतना ही नहीं जो जांच रिपोर्ट मरीजों के मोबाइल पर और चिकित्सक के कम्प्यूटर पर दिखने का दावा किया जा रहा था। वह दावा खोखला साबित होता दिख रहा है। क्योंकि, न तो जांच रिपोर्ट मरीजों के मोबाइल पर आ रही और न ही चिकित्सक के कम्प्यूटर पर। सबसे बड़ी बात तो यह है कि सिस्टम लागू हो गया, लेकिन चिकित्सकों के आईपीडी वाले कक्ष में अभी तक सिस्टम नहीं लगे। वर्तमान में एचआईएमएस से माध्यम से जो काम किया जा रहा है वह चंद पैसे खर्च करके भी किया जा सकता था। 

प्रबंधन के अनुसार एचआईएमएस से लाभ

  • मरीजों का पूरा डाटा एक क्लिक में मिल जायेगा। 

  • कौन सा मरीज किस विभाग में भर्ती है, इसकी जानकारी सिंगल क्लिक में मिल जायेगी। 

  • ओपीडी-आईपीडी में किस दिन कितने मरीज आये इसकी जानकारी भी तत्काल मिल जायेगी। 

  • एचआईएमएस सिस्टम एनएमसी से कनेक्टेड है तो वह देख सकते हैं कि कहां कितना वर्कलो़ड है। 

यह काम अधर में-

पैथालॉजी जांच रिपोर्ट : एचआईएमएस लागू होने से पहले दावा किया गया था कि सिस्टम लागू होने के बाद मरीजों को जांच रिपोर्ट लेने के लिए इधर से उधर नहीं भटकना पड़ेगा। उनके मोबाइल पर और पर्चा दिखाने पर यह रिपोर्ट चिकित्सक के कम्प्यूटर पर दिखाई देगी। लेकिन, अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। हालांकि प्रबंधन दावा कर रहा है कि हम इसके प्रयास में लगे हुए हैं जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा। 

ऑनलाइन पर्चा सिस्टम : अस्पताल-कॉलेज प्रबंधन ने ऑनलाइन पर्चा बनवाने का सिस्टम तो शुरू कर दिया है। लेकिन, ऑनलाइन पर्चा कतार में लगने के बाद ही बनेगा, वह भी सिर्फ विण्डों से। जबकि एचआईएमएस लागू करने के लिए प्रजेंटेशन देने आईं कम्पनियों ने बताया था कि इस सिस्टम से मरीज घर बैठकर ऑनलाइन पर्चा बनवा सकता है और चिकित्सक के यहां अपना नम्बर लगा सकता है। यह भी नहीं हुआ। 

हाथ से बन रहे भर्ती पर्चे, दिन में 4-5 बार जा रहा सर्वर-

हजार बिस्तर अस्पताल में भले ही एचआईएमएस लागू हो गया। लेकिन, वहां अभी भी हाथ से भर्ती पर्चे बन रहे हैं। इतना हीं नहीं दिन में 4-5 में सर्वर जा रहे हैं। इस कारण ओपीडी पर्चे भी कुछ मजबूरी में हाथ से बनाने पड़ रहे हैं। 

इनका कहना है

एचआईएम सिस्टम को हजार बिस्तर अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शुरू कर दिया गया है। इससे मरीजों सहित अन्य जानकारी आपको एक सिंगल क्लिक पर मिल जायेगी। जांच रिपोर्ट ऑनलाइन दिखे इसे शुरू करने का प्रयास हम कर रहे हैं। साथ ही पर्चे सिस्टम को भी अपडेट करने का प्रयास किया जा रहा है।

डॉ.केपी रंजन, नोडल अधिकारी एचआईएमएस

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