लो-फ्लोर बसों में दिन दहाड़े हो रही जेबकतरी
लो-फ्लोर बसों में दिन दहाड़े हो रही जेबकतरीDeepika Pal - RE

असुरक्षित सफर: राजधानी की लो-फ्लोर बसों में जेबकतरों की धमाचौकड़ी

भोपाल, मध्यप्रदेश : सावधान! मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की लो-फ्लोर बसों में दिन दहाड़े हो रही हैं जेबकतरी की घटनाएं, मामले में CCTV नाकाम हुए तो कंडक्टर भी हैं बेबस।

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सफर के लिहाज से सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली लो- फ्लोर की बसों में अगर आप सफर करते हैं तो हो जाइए सावधान! जी हां, इन दिनों बसों में जेबकतरी की घटनाएं आए दिन लगातार सामने आ रही हैं, जिसमें जेबकतरों का गिरोह बसों में लगे सीसीटीवी को अनदेखा कर इन सब जेबकतरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इन मामलों में पिछले तीन दिनों में 10 से ज्यादा शिकायतें सामने आई हैं जिसमें इन बसों से पीड़ितो के पर्स से पैसे चोरी हुए हैं। इन वारदातों की कार्रवाई में जहां शिकायतों पर सख्ती से कदम उठाने की बात की जा रही है वहीं खराब पड़े सीसीटीवी इन वारदातों को पकड़ने में नाकाम हैं।

ऐसे देते हैं वारदातों को अंजाम

इस संबंध में जहां जेबकतरी के वारदातों का खुलासा हुआ है वहीं सामने आया है कि इन गिरोह के निशाने पर छात्र- छात्राएं रहते हैं जो रोजाना बसों में सफर करते हैं। गिरोह की नजर छात्राओं के बैग पर रहती है जैसे ही स्टॉप आने से पहले छात्राएं खड़ी होती है एक से ज्यादा संख्या में बस में सवार जेबकतरे उसके पीछे हो जाते हैं। एक जेबकट पीठ पर टंगे बेग से पर्स निकालता है और पीछे मौजूद अपने साथी को दे देता है। मौका पाकर दोनों जेबकट बस से उतर जाते हैं। बात की जाए तो ऐसी वारदातें बसों में भीड़ होने पर ज्यादा सामने आती हैं। साथ ही इन गिरोह के निशाने पर एसआर-1, एसआर-2, एसआर-4, एसआर-5, एसआर-8, टीआर-1, टीआर-4एसी, टीआर-4बी, 304, 307 और 311 बसें होती हैं जिनमें यह गिरोह के सदस्य मौजूद रहते हैं।सावधानी के नजरिए से हबीबगंज से बोर्ड ऑफिस, एमपी नगर से बिट्टन मार्केट और कोलार, न्यू मार्केट से नेहरू नगर, अल्पना तिराहे से अप्सरा टॉकीज, नादरा बस स्टैंड से करोंद चौराहे पर सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

सीसीटीवी कैमरे हैं नाकाम तो कंडक्टर भी बेबस

इन वारदातों में सुरक्षा के नाम पर सभी 287 बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं वैसे तो इन कैमरों से वीडियो रिकॉर्डिग की जाती है पर 25 से 30 बसों में इन कैमरों की हालात खराब है तो कई बंद पड़े हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, बीसीएलएल ने सीसीटीवी कैमरों के मेंटनेंस के लिए प्राइवेट कंपनी से अनुबंध किया है लेकिन हालात बदतर है। कैमरों से रिकॉर्डिंग ही होती है मॉनिटरिंग की व्यवस्था अब भी नहीं है। वहीं जेबकतरों की वारदातों की जानकारी कंडक्टर को भी होती है लेकिन दहशत के चलते वे भी चुप्पी साधे रहते हैं।

हल निकालने के लिए किए जाएंगे प्रयास

वहीं इन मामलों में जहां बीसीएलएल ने कॉल सेंटर 9562399666 पर शिकायत करने की बात कही है वहीं पर टिकिट व रूट नंबर, बताने पर वारदात से आधा घंटे पहले और आधा घंटे बाद का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराया जा सकेगा। इस संबंध में बीसीएलएल से अधिकारी का कहना है कि मामलों की जानकारी उन्हें है इसका हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है, सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्डिग कर आरोपियों की पहचान की जाएगी और लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम जल्द शुरू किया जाएगा।

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