सेवा बहाली मांगने आए निष्कासित डॉक्टरों की पिटाई कर पुलिस ने किया गिरफ्तार

भोपाल : स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने कहा यह मामला उनके संज्ञान में नहीं, अफसरों से करेंगे बात। डॉक्टर, स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल सहित अन्य संवर्ग नीलम पार्क में बैठकर मांग रहे थे अधिकार।
सेवा बहाली मांगने आए निष्कासित डॉक्टरों की पुलिस ने की पिटाई
सेवा बहाली मांगने आए निष्कासित डॉक्टरों की पुलिस ने की पिटाईRaj Express

भोपाल, मध्य प्रदेश। कुछ माह पूर्व प्रदेश के अस्पतालों में आपातकालीन सेवा में रखे स्वास्थ्य कर्मचारियों का निष्कासन अब तूल पकड़ रहा है। पिछले 2 दिनों से राजधानी में डेरा डाले यह निष्कासित सेवक गुरुवार को नीलम पार्क में एकजुट हुए। इन्होंने प्रदर्शन किया। इस दौरान आरोप है कि पुलिस ने पिटाई कर जबरन उनकी गिरफ्तारी की है।

इस आंदोलन में निकाली गए डॉक्टर स्टाफ नर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ के सदस्य हेमलता, इज्तिमा फतमा, नेहा दिनकर, योगेश रघुवंशी, रविंद्र अवस्थी ने बताया कि दोपहर 10 बजे से सभी निष्कासित कर्मचारी नीलम पार्क में डट गए थे। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस इन्हें बार-बार धरना समाप्त करने की चेतावनी दे रही थी। जब आंदोलनकारी नहीं मानी तो फिर आरोप है कि पुलिस ने मौके पर पिटाई की और जबरन उन्हें गिरफ्तार कर जेल ले जाया गया।

बताना होगा कि हटाए गए स्वास्थ्य कर्मचारी बुधवार को भोपाल आए हुए थे। बड़ी संख्या में डॉक्टरों से लेकर निष्कासित एएनएम एवं अन्य कर्मचारी थे। इनका वही आरोप था कि प्रदेश में कोरोना की रोकथाम के लिए उन्होंने जान जोखिम में डालकर काम किया है। भूख प्यास सहन करके मरीजों को स्वास्थ्य करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उसके बावजूद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा अकारण सेवा से निकाल दिया गया है। इनका तर्क है कि प्रदेश में अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है फिर भी मिशन की डायरेक्टर छवि भारद्वाज लगातार स्वास्थ्य कर्मचारियों को हटा रही है। इस कारण मुख्यमंत्री को पूरी पीड़ा बताने की कोशिश की गई लेकिन पुलिस ने उनकी मंशा ओं को कामयाब नहीं होने दिया। आंदोलनकारियों का कहना है कि हम नीलम पार्क में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने मौके पर पिटाई की जिसमें आधा दर्जन महिला डॉक्टर और नर्स घायल हुए हैं। इसके बाद गिरफ्तार कर उन्हें जेल जाएगा।

मेरे संज्ञान में नहीं मामला अधिकारियों से बात करूंगा- प्रभु राम चौधरी

डॉक्टरों के आंदोलन के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने दूरभाष पर कहा कि यह लोग क्यों आंदोलन कर रहे हैं इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। प्रभु राम चौधरी ने बताया कि अस्पतालों से कितने लोगों को हटाया गया है। इसकी अधिकारियों के माध्यम से रिपोर्ट मांगी जा रही है। उन्होंने कहा है कि अभी यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं आया है। अधिकारियों से चर्चा कर पूरी स्थिति का पता लगाएंगे। निष्कासित डॉक्टर नर्स सहित अन्य स्टाफ के हित में क्या अच्छे से अच्छा किया जाए। इस दिशा में तत्काल काम प्रारंभ किया जाएगा।

जब तक सेवा बहाली नहीं तब तक राजधानी में डालेंगे डेर- कुशवाहा

इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे डॉ जितेंद्र कुशवाहा ने बताया कि जब तक सेवा बहाली नहीं हो जाती तब तक राजधानी में ही डेरा डालेंगे। उन्होंने बताया है कि आपातकालीन सेवाओं में रखे गए जितने भी डॉक्टर और नर्स बस अभी आंदोलन पर हैं। निष्कासित तो ठीक है जो मौके पर अभी भी सेवाएं दे रही हैं आंदोलन के समर्थन में सड़कों पर उतर आए। उन्होंने कहा प्रदेश में कोरोना मरीजों को अस्पताल में समय से उपचार देने के लिए 6200 लोगों की नियुक्ति की गई थी। इनमें डॉ सहित एएनएम एवं अन्य कर्मचारी शामिल थे। उन्होंने बताया है कि मिशन द्वारा 3000 कर्मचारियों को हटा दिया गया है।

पुलिस ने जमकर की हमारे साथियों की पिटाई- अहिरवार

आंदोलनकारी डॉक्टर दिनेश अहिरवार ने बताया कि आंदोलन स्थल पर पहुंचकर पुलिस ने हमारे साथियों की जमकर पिटाई की है। इसके बाद पुलिस वाहन में भरकर उन्हें गिरफ्तार किया गया। अहिरवार का कहना है कि पिछले दिनों राजधानी में स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने भरोसा दिया था कि उनकी सेवा समाप्त नहीं की जाएगी। उनके द्वारा आश्वासन देने के बाद भी मिशन की डायरेक्टर छवि भारद्वाज ताबड़तोड़ हटाने की कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर निष्कासित लोगों को पुन: सेवा में नहीं लिया गया तो राजधानी में मुद्दत हड़ताल की जाएगी।

परिवार के समक्ष खड़ा है रोजी रोटी का संकट- सुनीता

सेवा से निकाली गई स्टाफ नर्स सुनीता अहिरवार ने बताया कि अब उनके परिवार के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं। जैसे तैसे महामारी के बीच रोजगार मिला था तो ईमानदारी के साथ पीड़ित मानवता की सेवा भी की। सुनीता अहिरवार का कहना है कि अधिकारियों ने जानबूझकर सेवा समाप्त करने का कदम उठाया है। जबकि प्रदेश में लगातार कोरोना फैलने के कारण अस्पतालों में उनकी जरूरत है। उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मैदानी हकीकत को समझ नहीं पा रहे हैं।

अस्पतालों में इन कर्मचारियों की बेहद जरूरत, सीएम से करेंगे चर्चा- सिंह

इस संबंध में मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर एसबी सिंह ने कहा है कि अस्पतालों में अभी इन कर्मचारियों की बेहद जरूरत है। क्योंकि मध्यप्रदेश में कोरोना का प्रकोप अभी कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा है कि राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के प्रत्येक जिले में हर दिन कोरोना मरीजों में वृद्धि हो रही है। नतीजतन इन कर्मचारियों की सेवाएं स्वास्थ्य मिशन द्वारा यथावत रखी जानी चाहिए। डॉक्टर सिंह का कहना है कि मौजूदा सप्ताह के दौरान ही इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे। डॉ सिंह ने बताया कि ऐसे समय में कर्मचारियों को सेवा से निकालना कहीं से भी उचित नहीं है।

लाठी चार्ज की घटना के दोषियों पर हो कार्रवाई : कमलनाथ

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना योद्धाओं पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किए जाने की घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

श्री कमलनाथ ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि जहाँ एक तरफ विश्व भर में कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया जा रहा है, उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है, ऐसे में उनके साथ इस तरह की घटना बेहद निंदनीय और मानवीयता तथा इंसानियत को शर्मसार करने वाली। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की इस भीषण महामारी में अपनी जान जोखिम में डाल सेवाएं देने वाले कोरोना वारियर्स भोपाल में अपनी जायज़ मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, तब उन्हें न्याय दिलवाने की बजाय उन पर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया गया। उन्होंने दोषियों पर तत्काल कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने और उनकी मांगों पर तत्काल सहानुभूति पूर्ण निर्णय लिए जाने की मांग की है।

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