चाईल्ड पोर्नोग्राफी में सजा का यह संभवत प्रथम मामला
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चाईल्ड पोर्नोग्राफी में सजा : आरोपी बालक ने FAKE इंस्टाग्राम ID बनाकर Pornography कंटेंट किया था अपलोड

Madhya Pradesh State Cyber Police: चाईल्ड पोर्नोग्राफी में सजा का यह देश का संभवत प्रथम मामला है। नाबालिग आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा दोषी मानते हुए दण्डित किया गया है।

हाइलाइट्स:

  • शिकायत 30 सितम्बर 2020 को सायबर जोन ग्वालियर में प्राप्त हुई।।

  • मप्र सायबर को प्राप्त हुआ 03 लाख से अधिक डाटा, दर्ज हुए 145 प्रकरण ।

  • Child Pornography सामग्री को मोबाईल, कम्प्यूटर में रखने या शेयर करने पर आईटी एक्ट की धारा।

Punishment in Child Pornography : भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य सायबर पुलिस द्वारा पंजीबद्ध चाईल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित प्रकरण में नाबालिग आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा दोषी मानते हुए दण्डित किया गया है। पुलिस अधीक्षक सायबर जोन ग्वालियर सुधीर अग्रवाल ने बताया कि MHA से Cyber Tipline Report 64290642 Priority Leval: E की शिकायत 30 सितम्बर 2020 को सायबर जोन ग्वालियर में प्राप्त हुई। शिकायत जांच के गहन विश्लेषण में पाया कि आरोपी बालक ने फेक इंस्टाग्राम आईडी बनाकर उस पर Child Pornography कंटेंट अपलोड किया गया। शिकायत जांच में उपलब्ध तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बालक के विरूद्ध 249/22 धारा 67B आईटी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।

विवेचना में प्रत्येक पहलू पर गहन विश्लेषण करते हुए तकनीकी साक्ष्य एकत्रित किये गये जाकर अपचारी बालक के विरूद्ध चालान किशोर न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने विवेचक द्वारा प्रस्तुत तकनीकी साक्ष्यों को स्वीकार करते हुए बालक को सजा सुनाकर दण्डित किया । चाईल्ड पोर्नोग्राफी में सजा का यह देश का संभवत प्रथम मामला है।

अमेरिकी संस्था NCMEC की सहायता से एकत्रित होता है डाटा

इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सायबर योगेश देशमुख ने जानकारी देते हुए बताया कि इंटरनेट पर बढती चाईल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री की रोकथाम के लिए भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा AI टूल्स के माध्यम से चाईल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री अपलोड या शेयर करने वाले यूजर का आईपी एड्रेस और अन्य संबंधित डाटा अमेरिकी संस्था NCMEC की सहायता से एकत्रित किया जाता है और इस डाटा को टिपलाईन पोर्टल के माध्यम से कार्यवाही के लिए विभिन्न राज्यों को भेजा जाता है। विगत 4 वर्ष में मप्र को 3 लाख 32 हजार से अधिक ऐसा डाटा प्राप्त हुआ था है, जिसे विभिन्न जिलों और राज्य सायबर जोनों को कार्यवाही के लिया भेजा गया था। राज्य सायबर पुलिस जोन द्वारा ऐसे डाटा की जांच पर 145 प्रकरण पंजीबद्ध किये जा चुके है, जिलों में दर्ज प्रकरणों की संख्या अलग है। सायबर जोन ग्वालियर में टिपलाईन पोर्टल से प्राप्त शिकायत जांच पर दर्ज ऐसे ही एक प्रकरण के आधार पर न्यायालय के द्वारा दण्डादेश पारित किया है।

चाईल्ड पोर्नोग्राफी के प्रकरणों में नहीं होता शिकायतकर्ता

पुलिस महानिदेशक सायबर योगेश देशमुख ने बताया कि चाईल्ड पोर्नोग्राफी के प्रकरण में सजा इसलिए अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे प्रकरणों में कोई शिकायतकर्ता नहीं होता है और न ही कोई अन्य साक्षी होता है। संपूर्ण कार्यवाही AI टूल्स से प्राप्त डाटा से प्रारंभ होती है और डाटा के तकनीकी विश्लेषण के आधार पर उस व्यक्ति तक पहुंचा जाता है, जिसने अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम , व्हॉटसएप्प आदि पर कभी भी कोई चाईल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री अपलोड या शेयर की हो। कोई फरियादी या साक्षी न होने से जांच एजेंसियों को कतिपय समस्याओं का भी सामना करना होता है, परंतु इसके बाबजूद प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। ऐसे प्रकरणों में आरोपी को सजा भी मिलना महत्वपूर्ण है और उन लोगों के लिए एक चेतावनी भी है, जो कि सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म का उपयोग चाईल्ड पोर्नोग्राफी अश्लीलता फैलाने के लिए करते है ।

5 वर्ष की सजा एवं 10 लाख रूपये जुर्माना का है प्रावधान

  • 67बी में 5 वर्ष की सजा एवं 10 लाख रूपये जुर्माना का है प्रावधान ।

  • आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स द्वारा चाईल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री शेयर करने वालों पर रखी जाती है नजर ।

  • अमेरिकी संस्था NCMEC (National Center for Missing& Exploited Children) द्वारा भेजी जाती है चाईल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री शेयर करने वालों की जानकारी ।

मध्यप्रदेश राज्य सायबर पुलिस द्वारा सलाह

  • बच्चों से संबंधित अश्लील वीडियो रखना, देखना, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना, शेयर करना अपराध है, आईटी एक्ट में इसके लिए कठोर सजा व अर्थदण्ड का प्रावधान है, कृपया इससे बचें।

  • सभी पालकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों को दिये गये स्मार्ट फोन को समय-समय पर चैक करते रहे कि कहीं वह किसी अवांछित गतिविधि में लिप्त तो नहीं है ।

  • किसी भी माध्यम से बच्चों के अश्लील वीडियो,फोटो प्राप्त होने पर निकटतम थाना और NCRP पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।

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