नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा मध्यप्रदेश
नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा मध्यप्रदेश Rajexpress

दस सालों में दस गुनी बढ़ी नवकरणीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा मध्यप्रदेश

Renewable Energy Increased: ओम्कारेश्वर जलाशय पर 600 मेगावॉट क्षमता की सोलर फ्लोटिंग परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। प्रथम चरण का कार्य प्रारम्भ हो चुका है।

भोपाल। प्रदेश में पिछले दस सालों में नवकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy ) क्षमता का दस गुना विस्तार हुआ है। इस समय 5500 मेगावॉट से अधिक क्षमता की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनायें प्रदेश में स्थापित हैं। विश्‍व की बडी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में से एक 750 मेगावॉट क्षमता की रीवा अल्‍ट्रा मेगा सोलर परियोजना इस साल जनवरी 2020 में पूर्ण हो चुकी है। वहीं 1500 मेगावॉट की आगर-शाजापुर-नीमच सौर पार्क का विकास भी प्रदेश में किया जा रहा है।

ओम्कारेश्वर जलाशय पर 600 मेगावॉट क्षमता की सोलर फ्लोटिंग परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। प्रथम चरण का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। गौरतलब है कि प्रदेश में प्रथम बार 750 मेगावॉट की पवन -सौर हाइब्रिड परियोजनाओं के विकास हेतु भी कार्यवाही प्रारंभ हो गयी है। बैटरी एनर्जी स्टोरेज आधारित 950 मेगावॉट की हाईब्रिड परियोजना छतरपुर में विकसित किये जाने की योजना है। चम्बल क्षेत्र में 1400 मेगावॉट की सोलर परियोजना मुरैना में स्‍थापित करने की कार्यवाही की जा रही है।

अन्नदाता किसानों ऊर्जा दाता किसानों में परिवर्तित कर रही सरकार

अन्‍नदाता किसानों को सरकार ऊर्जादाता किसानों में परिवर्तित कर रही है। कुसुम-ए योजना के तहत लगभग 500 मेगावॉट क्षमता के विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। कुसुम-ब योजना के अंतर्गत 25 हजार से अधिक सौर पम्प स्‍थापित किये जा चुके हैं । कुसुम-स के अंतर्गत लगभग 1000 कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से संचालित किया जायेगा। वहीं सांची शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की की कार्यवाही की जा रही है।

ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा ऊर्जा साक्षरता अभियान (उषा) प्रारम्भ किया गया है। 13 लाख से अधिक लोग इससे जुड़ चुके हैं प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा को बढावा देने के लिए नवीन नवकरणीय ऊर्जा नीति -2022 लागू की गयी है।

नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बायो सीएनजी, ग्रीन हाइड्रोजन आदि के अतिरिक्त भविष्‍य में सम्‍भावित सभी श्रेणीयों को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है । प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बायोमास के उपयोग से ऊर्जा उत्पादन की प्रचुर सम्भावानायें हैं। कृषि अथवा वनोपज से उपलब्ध बायोमास आधारित ऊर्जा परियोजनाओं जैसे बायो सीएनजी, इथेनॉल आदि परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्‍साहन दिया जा रहा है।

शिवराज देश के अकेले ऐसे सीएम, जो रोज लगा रहे 3 पौधे

शिवराज सिंह देश के एक मात्र मुख्यमंत्री हैं जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रतिदिन 3 पौधे रोपित कर रहे हैं। प्रदेश की जनता के साथ, लोगो के साथ उनके शुभ अवसर पर पौधारोपण किया जाता है। सीएम दो जून तक 2460 पौधे लगा चुके हैं। इनमें से 50 पौधे अन्य राज्यों में उन्होंने लगाए हैं। इसी तरह अंकुर अभियान मध्यप्रदेश 16 लाख 10 हजार से अधिक नागरिक38 लाख 88 हजार से अधिक पौधे लगाए गए हैं। इसके अलावा विशेष अभियान को जोड़ लें तो अब तक 60 लाख से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके हैं। सीएम ने नर्मदा जयंती 2021, को अनूपपुर में नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में प्रतिदिन पौधारोपण का संकल्प लिया था।

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