मुरार नदी का जीर्णोद्धार
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मुरार नदी का जीर्णोद्धार : रमौआ बांध पर विकसित होगा रिवर फ्रंट, चारों पुल बनेंगे आकर्षक

मुरार नदी के लिए एमडीपी इंफ्रा इंडिया प्रा.लि. कंपनी को मिला है टेण्डर। 22 करोड़ 19 लाख रुपय में कंपनी करेगी नदी का जीर्णोद्धार। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने 39.24 करोड़ रु. कराए हैं स्वीकृत।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। मुरार नदी को पुर्न जीवित करने के लिए काम जल्द शुरू किया जाएगा। नदी के जीर्णोद्धार के लिए नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत 39.24 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इस राशि से काम करने के लिए टेण्डर किया गया और एमडीपी इन्फ्रां इंडिया प्रा. लि. कंपनी को टेण्डर मिल गया है। कंपनी 22 करोड़ 19 लाख रुपय में नदी का काम पूरा करेगी। इसमें रमौआ बांध पर रिवर फ्रंट की तर्ज पर कार्य किया जाएगा और नदी के ऊपर बने चारों पुल भी आकर्षक बनेंगे। जल्द ही कंपनी काम शुरू करेगी।

शहर के विकास में तेजी लाने के लिए केन्द्र एवं राज्य स्तर पर विभिन्न योजनाएं बनाई गई हैं। उद्योग विकसित करने के साथ पर्यटन एवं प्राकृतिक वातावरण बेहतर करने के उद्देश्य से भी केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने स्तर पर काम कर रहे है। उन्हीं के प्रयास से मुरार नदी एवं स्वर्ण रेखा नदी को पुर्न जीवित करने की योजना बनाई गई है। स्वर्ण रेखा का काम एलिवेटेड रोड के चलते अभी पिछड़ गया है,लेकिन मुरार नदी के काम में तेजी आ गई है। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के प्रयास से नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत मुरार नदी को पुर्न विकसित करने के लिए 39.24 करोड़ रुपय स्वीकृत कराए गए थे और यह राशि मिल भी गई है। इस राशि से काम करने के लिए टेण्डर जारी किए गए और एमडी इन्फ्रां इंडिया प्रा. लि. कंपनी को टेण्डर मिल गया है। जल्द काम भी शुरू होगा। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि रमौआ बांध को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए यहां रिवर फ्रंट की तर्ज पर काम शुरू किया जाएगा। यहां ताल बनाने के साथ, फुटपाथ भी बनेगा, कुर्सियां एवं छत्री (छतरी) भी लगाई जाएंगी।

चारों पुल बनेंगे आकर्षक, लगेंगी कुर्सियां :

रमौआ बांध के आसपास आकर्षक कार्य करने के साथ नदी के ऊपर बने चारों पुल भी विकसित किए जायेंगे। इन पुलों पर कुर्सियां लगेंगी, फुटपाथ बनेगा ताकि यहां लोग रूककर सेल्फी ले सकें। जिन पुलों पर काम होगा उसमें हुरावली, काल्पी ब्रिज, शहीद गेट एवं नदी पार टाल शामिल है। पुलों के आसपास काम करने के लिए ड्राईंग डिजाईन भी बनाई गई हैं और इन्हें देखकर पता चलता है कि आने वाले समय में मुरार नदी किस तरह शहर की जीवन रेखा के रूप में विकसित होती है।

इस तरह किया जायगा मुरार नदी पर काम :

  • रमौआ बांध से जड़ेरूआ बांध तक नदी की कुल लंबाई 12.30 मीटर है।

  • नदी के उदगम स्थल जड़ेरूआ बांध को रिवर फ्रंट की तरह विकसित किया जाएगा।

  • रमौआ बांध पर ताल बनेगा जिसमें बांध का पानी आयगा और ताल से पानी नदी में जाएगा।

  • रमौआ बांध के 700 मीटर के हिस्से में पाथ वे, कुर्सियां, शौचालय एवं छत्री बनाई जाएंगी।

  • रमौआ बांध के साथ चारों पुलों को भी आकर्षक बनाया जाएगा।

  • नदी के चारों पुल पर कुर्सियां लगेंगी, आकर्षक लैंप लगाए जाएंगे, फुटपाथ बनेगा।

  • नदी के अंदर कुछ हिस्से में बड़े-बड़े पत्थर भी डाले जाएंगे ताकि नदी प्राकृतिक दिखे।

पूर्व में इस तरह बनाया गया था प्लान :

  • मुरार नदी के जीर्णोद्धार के लिए 39.24 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

  • नदी का जीर्णोद्धार नमानी गंगे प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा।

  • नदी का प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 27 महीने का समय रखा गया है।

  • 27 महीने में तीन महीने का समय टेण्डर प्रक्रिया के लिए रहेगा।

  • 18 महीने में प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जाना है।

  • 6 महीने का समय ऑपरेशन एण्ड मेंटेनेंस के लिए रखा गया है।

नदी में कहां किस तरह होना है विकास कार्य :

  • रमौआ बांध से बायपास ब्रिज का विकास (750 मीटर)

  • गांधी रोड़ ब्रिज से संतर रिवर ब्रिज का विकास (770 मीटर)

  • संतर रिवर ब्रिज से काल्पी ब्रिज का विकास (1100 मीटर)

  • काल्पीब्रिज से जड़ेरूआ बांध की डाउन स्ट्रीम का विकास (100 मीटर)

  • मुरार नदी के बाकी हिस्सों का विकास (9480 मीटर)

  • शौचालय ब्लॉक्स, गेबियन दीवार, शाइनेज, सोलर लाईट पोल, चलित शौचालय, वाटर स्पॉट्स, गेजेबो, बैठने की बैंच, डस्टबिन व प्रवेश द्वार का निर्माण।

इनका कहना है :

मुरार नदी के जीर्णोद्धार का काम बहुत जल्द शुरू हो जाएगा। कंपनी के लोगों ने इसी सप्ताह में काम शुरू करने की बात कही है। हमारा प्रयास है कि समय सीमा में यह प्रोजेक्ट गुणवत्ता के साथ पूरा हो। मुरार नदी का जीर्णोद्धार ग्वालियर की शान को और बढ़ा देगा।

किशोर कन्याल, निगमायुक्त

मुरार नदी के जीर्णोद्धार के लिए टेण्डर लेने वाली कंपनी को काम शुरू करना है। इस कार्य की मॉनिटरिंग केन्द्र शासन की अधिकृत कंपनी बैवकॉम कर रही है और उन्हीं के विशेषज्ञों ने डीपीआर बनाने के साथ टेण्डर भी किया है। हम मॉनिटरिंग एजेंसी के संपर्क में है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया है कि वह जल्द काम शुरू करेंगे।

शिशिर श्रीवास्तव, सहायक यंत्री, पीएचई, नगर निगम

मुरार नदी के लिए कंपनी द्वारा काम शुरू कराने की बात कही गई है। कंपनी के अधिकारियों से हम लगातार संपर्क में हैं। टेण्डर के अनुरूप समय सीमा में काम पूरा कराया जाएगा।

अजय शाक्यवार, सहायक यंत्री, नगर निगम

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