राज एक्सप्रेस। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कल भिंड के दौरे पर थे। जिसमें एक कार्यक्रम के दौरान सिंधिया ने प्रदेश सरकार पर फिर से सवाल खड़े करे दिए हैं। सिंधिया ने अब किसान ऋण माफ़ी के सम्बन्ध में सवाल खड़े किये हैं। सिंधिया ने कहा कि किसानों का कर्ज माफ़ पूर्ण होना चाहिए जो की अब तक नहीं हुआ है। केवल 50 हजार तक का कर्ज माफ़ हुआ है। जब कि विधानसभा चुनाव के समय वचन पत्र में 2 लाख तक का कर्ज माफ़ कहा गया था। सिंधिया ने कहा कि सरकार को संकट के समय आपके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चलना चाहिए यह सरकार की जिम्मेदारी है।
दरअसल, सिंधिया के तीखे बयानों से प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं सियासी हलचल होने लगी है। विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक बीजेपी किसान कर्ज माफ़ी को लेकर सवाल उठाते आई है और अब अपनी की पार्टी के नेताओं की तीखी बोली प्रदेश में सियासी हलचल पैदा कर रही है।
सिंधिया ने कहा कि मैनें प्रदेश के मुख्यमंत्री कामनाथ को भी कहा है बाढ़ से प्रभावित किसानों को राजस्व विभाग के नियमानुसार 8 हजार से लेकर 30 हजार रूपये प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए। राजस्व विभाग के साथ ही जिन बीमा कंपनी ने अन्नदाताओं के खातों से बीमा के पैसे काटे हैं उन बीमा कंपनी से भी मुआवजा राशि किसानों को मिलना चाहिए।
सिंधिया के तीखे वार :
बता दें कि सिंधिया के एक के बाद एक तीखे वार कही झाबुआ उपचुनाव में मुश्किलें खड़ी ना कर दें साथ ही सिंधिया का यह बयान कहीं न कहीं भाजपा के लिए लाभदायक हो सकता है। अभी कुछ दिनों पूर्व ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस को आत्म अवलोकन की जरूरत है और पार्टी की आज की स्थिति है, उसका जायजा लेकर सुधार करना समय की मांग है। वही हाल ही में बाढ़ के नुकसान पर कमलनाथ सरकार द्वारा मुआवजे की बात पर सिंधिया ने नाराजगी जताई थी।
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