नागदा जं., मध्यप्रदेश। बारिश के दिनों में आपतकालीन स्थिति से निपटने के लिए सर्किट हाउस पर सोमवार को आपदा प्रबंधन की बैठक आहुत की गई। जिसमें एसडीएम ने नागदा, उन्हेल एवं खाचरौद के संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश देकर हर समय अपने मोबाईल चालू रखने की हिदायत दी। आपदा प्रबंधन के लिए शहर में सिर्फ एक स्थान पर कंट्रोल रुम का निर्माण किया जाएगा।
नवागत एसडीएम पुरुषोत्तम कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को आपदा प्रबंधन की बैठक सर्किट हाउस में आहुत की गई जिसमें नागदा, उन्हेल एवं खाचरौद में बारिश के दौरान उत्पन्न होने वाली विपरीत स्थितियों के बारे में विचार विमर्श किया गया। बैठक में एसडीएम ने सबसे पहले कहा कि आपदा प्रबंधन के दौरान सबसे पहली प्राथमिकता प्रभावितों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करना होगी। उन्होंने फूड इंस्पेक्टर नागेश दायमा को नागदा में ऐसे स्थानों को चिह्नित कर पूर्व से खाद्य सामग्री पहुचाने के निर्देश दिए। हर अधिकारी और कर्मचारी को अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से करना होगी।
नगरपालिका अधिकारियों ने बताया कि नालों की सफाई कार्य जारी है जिसमें छप्पन ब्लाक, 64 ब्लाक, चेतनपुरा एवं जुना नागदा का टास्क पूर्ण कर लिया गया है इसी के साथ साथ समय समय पर फोगिंग मशीन से दवाई छिड़काव किया जाएगा। बारिश के दौरान निचली बस्तियों पानी भराने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए नपा का अमले के साथ तैराक भी तैनात रहेंगे। दुर्गापुरा, ईब्लाक सहित बिरलाग्राम क्षेत्रों में बहने वाले नालों की सफाई ग्रेसिम उद्योग को सौंपी है। बैठक में ग्रेसिम उद्योग के जनसम्पर्क अधिकारी संजय व्यास, लैंक्सेस उद्योग के हेमंत सोनी, लोनिवि के अरुण दुबे, नायब तहसीलदार विनोद शर्मा, सलोनी पटवा, स्वास्थ्य विभाग के रितेश उपाध्याय सहित अन्य विभाग के अधिकारीगण मौजूद थे।
अस्थायी शिविर पर दो चॉबी वाले ताले लगाए :
लो-लाईन एरिया में पानी घुसने की स्थिति में दस स्थानों पर अस्थायी शिविर में ठहरने की व्यवस्था रहेगी। अस्थायी शिविर के लिए चिह्नित स्थानों पर दो चॉबी वाले ताले लगाए जाएंगे, एक चाबी कंट्रोल रुम पर तो दूसरी संबंधित व्यक्ति के पास रहेगी। आपातकालीन स्थिति में नगरपालिका के नंबर 246501 पर सूचना दी जाती है, जिसमें संबंधित व्यक्ति को नाम, पता एवं समस्या का अंकित करना होगा। कंट्रोल रुम पर 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेगा ताकि सूचना मिलने ही तुरंत आपदा प्रबंधन किया जा सके।
बिजली कंपनी सात दिन में व्यवस्था सुधारे :
एसडीएम कुमार ने बिजली कंपनी के डीई से कहा कि शिकायत केंद्र के नंबर 242323 और 1912 की लगातार शिकायतें आ रही है इस व्यवस्था को ठीक करें। एसडीएम ने अब स्वयं इन नंबरों का कॉल करके व्यवस्था को परखने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि लो-लाईन एरिया में होलेजन एवं फ्लड लाईट की व्यवस्था करें ताकि आपदा स्थिति में निपटा जा सके। सात दिन की समय अवधि में बिजली कंपनी को पेड़ कटाई, गिरने जैसे पोल सहित अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की हिदायत दी।
एसडीएम ने उपलब्ध कराई तीन नाव :
शहर में जिन स्थानों पर अस्थायी रुप से बाढ़ प्रभावित को ठहरने की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही हैं। उन स्थानों पर सुरक्षा के लिए एक महिला पुलिसकर्मी और एक जवान तैनात रहेंगे। इसके अलावा निचली बस्तियों के ऐसे स्थान जहां पर एकाएक पानी बढ़ने की संभावना बनी रहती हैं उन स्थानों पर नगरपालिका द्वारा गोताखोर तैनात किए जाएंगे। जिला मुख्यालय से होम गार्डस के जवान पुलिस थाने पर नाव के साथ तैनात रहेंगे। नायन पुलिया पर अस्थायी गेट बनाकर ग्रेसिम उद्योग के सुरक्षाकर्मी एवं पुलिस जवान की 24 घंटे ड्यूटी लगाई जाए।
स्थानीय उद्योगों को सौंपी जिम्मेदारी :
तेज बारिश होने की स्थिति में हर दो घंटे में कंट्रोल रुम पर जानकारी देंगे, कोई भी अधिकारी अपना मोबाईल बंद नहींं करेगा। अस्थायी शिविरों में रहने वालों के लिए व्यक्तियों के लिए ग्रेसिम, केमिकल, लैंक्सेस, आरसीएल उद्योग सहित स्वयंसेवी खाद्य सामग्री की व्यवस्था करेगी। इसके लिए अलावा स्थानीय उद्योग मोटरसाईकिल के ट्यूब, प्लास्टिक की रस्सी एवं गुणवत्तावाली ट्रार्च की व्यवस्था करने की निर्देश एसडीएम ने दिए। बारिश में सांप पकड़ने वालों के नंबर सार्वजनिक करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी मदद ली जा सके। आरपीएफ को खजूर वाले बाबा की पुलिया और पिपलोदा सागोती के पास बारिश के दौरान पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिए।
मलेरिया रोधी दवाईयों का पर्याप्त स्टाक रखे :
शहर में जिन स्थानों पर बाढ़ प्रभावितों को रुकने की व्यवस्था की जाएगी वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एंटी डायरियल, ओआरएस घोल, डीटोल सहित अन्य आवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा सरकारी अस्पताल में मलेरिया रोधी दवाईयां के साथ अन्य दवाईयों का पुख्त स्टाक रखने के निर्देश भी एसडीएम ने दिए। इसके अलावा यदि विपरीत स्थिति में बसों की आवश्यकता पड़ी तो निजी स्कूलों का भी सहयोग लिया जा सकता हैं। नागदा, खाचरौद एवं उन्हेल में पदस्थ पशु चिकित्सकों को एसडीएम ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि बारिश के दिनों में मवेशियों पर भी बीमारी फैलने की संभावना रहती हैं ऐसे में सभी पशु चिकित्सकों के पास पशु के उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में दवाईयों का स्टाक होना चाहिए।
इनका कहना है :
आपातकालीन स्थिति के दौरान कोई भी कर्मचारी और अधिकारी मोबाईल बंद नहीं रखे, अन्यथा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही हो सकती है।
पुरुषोत्तम कुमार, एसडीएम, नागदा
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