कमीशन और लक्ष्य पूर्ति की भेंट चढ़े शौचालय
कमीशन और लक्ष्य पूर्ति की भेंट चढ़े शौचालयसांकेतिक चित्र

Shahdol : कमीशन और लक्ष्य पूर्ति की भेंट चढ़े शौचालय

शहडोल, मध्यप्रदेश : उमनिया पंचायत में ठेके पर दिया मर्यादा अभियान। अनुपयोगी शौचालय योजना को लगा रहे पलीता।
Summary

शौचालय निर्माण के लिए पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है, ग्राम पंचायत उमनिया में शौचालय निर्माण का ऑफ रिकार्ड ठेका देकर निर्माण कराया गया है, जो अब अनुपयोगी साबित हो रहे हैं, लेकिन धरातल पर मूल्यांकन की कमी के चलते योजना मूल उद्देश्य से भटक चुकी है।

शहडोल, मध्यप्रदेश। संभाग के अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखंड में पिछले तीन सालों में क्षेत्र की एक दर्जन से अधिक पंचायतों में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत सैकड़ों शौचालयों का निर्माण कराया गया है। स्वच्छता अभियान के अंतर्गत बनाए गए यह शौचालय अपने मकसद से कोसों दूर रहते हुए सिर्फ शोपीस साबित हुए हैं। कमीशन और लक्ष्य पूर्ति की भेंट चढ़े इन शौचालयों का उपयोग किसी भी पंचायतों के ग्रामीणों द्वारा नहीं किया गया। इसका कारण पंचायतों द्वारा बनवाए गए घटिया शौचालय हैं। पंचायतों में बने इन शौचालय में कहीं गड्ढे नहीं हैं तो कहीं दरवाजे नहीं और कहीं पर तो बस्ती से दूर शौचालयों का निर्माण कर दिया गया। इसके अलावा कई पंचायतों में कागजों पर भी शौचालयों का निर्माण कर राशि आहरित की गई है।

शौचालय का हो मूल्यांकन :

जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ की उमनिया पंचायत द्वारा बनाए गए अनुपयोगी शौचालयों के पीछे राशि का कम होना बताया जाता है। घटिया और अनुपयोगी बन रहे शौचालयों पर अब तक किसी भी अधिकारी द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है, जिस कारण शोपीस शौचालयों का निर्माण पंचायतों में अब भी जारी है। पंचायत में निर्माण कराए गए शौचालयों का सही मूल्याकंन किया जाए तो, हकीकत सामने आ जाएगी कि उमनिया पंचायत ने शौचालयों के नाम पर दीवारें खड़ी करते हुए कमाई की है। उमनिया पंचायत में बने शौचालयों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार किया गया है।

उमनिया में मजाक बना स्वच्छता अभियान :

ग्राम पंचायत उमनिया में बने शौचालय को देखा जाए तो शौचालय निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का अनुमान सहसा लगाया जा सकता है। यहां सिर्फ घटिया शौचालयों का निर्माण ही नहीं किया गया है। बल्कि ऐसे जगह शौचालयों का निर्माण भी कर दिया गया है, जहां उक्त परिवार रहता ही नहीं है। यहां बनाए गए अधिकांश शौचालयों में गड्ढे नहीं हैं व सीट को सिर्फ शोपीस के लिए रख दिया गया है। निर्मल वाटिका, भारत मर्यादा अभियान और अब स्वच्छता अभियान के नाम पर सिर्फ तीन दीवारें, एक सीट, एक घटिया किस्म का दरवाजे का खेल ठेकेदार के साथ मिलकर खेला है।

ठेका प्रथा की भेंट चढ़ा स्वच्छता अभियान :

उमनिया पंचायत में रसूख के चलते यहां पर शौचालयों का निर्माण ठेका पर देकर कराया गया। ठेके पर बने इन शौचालयों में अपना कमीशन ले चुके सरपंच-सचिव द्वारा शौचालय की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। इस कारण निर्माण एजेंसी द्वारा बिना गड्ढों के शौचालयों का निर्माण किया गया। चर्चा है कि कुछ शौचालयों का कागजी निर्माण भी किया गया। इस पंचायत में शौचालय निर्माण में बरती गई लापरवाही को यदि देखना है तो पंचायत बने शौचालय देखे जा सकते हैं।

शौचालय में लगाई घटिया रेत :

ग्राम पंचायत उमनिया में गोल्डी टेलीकॉन एण्ड जनरल आर्डर सप्लायर वार्ड नंबर 12 भेजरी को शौचालय का निर्माण ठेके पर दिया गया, चर्चा है कि फर्म संचालक द्वारा कुछ शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इन शौचालयों में गड्ढे हितग्राहियों से खुदवाए गए हैं। इसके अलावा इन शौचालयों का निर्माण कराया गया, कथित फर्म के संचालक अंकित गुप्ता द्वारा घटिया रेत का उपयोग किया गया, अगर इस निर्माण कार्य की जांच जिला स्तर से जांच दल गठित कर कराई जाये तो, उमनिया में वर्षाे से बंद भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर आ सकता है।

इनका कहना है :

आप समाचार मत प्रकाशित करिए, आप जयंती पनाड़िया से मत बात करिए, मुझसे मिल लीजिए, जयंती पनाड़िया परेशान हैं, इस समय।

सुरेन्द्र मिश्रा, सचिव, उमनिया

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com