दलित दूल्हे की बारात पर पथराव
दलित दूल्हे की बारात पर पथरावRE-Bhopal

दलित दूल्हे की बारात पर पथराव, कमलनाथ का सरकार से सवाल बार-बार प्रदेश में क्यों हो रही हैं ऐसी घटनाएं ?

एसपी अमित सांघी से मिली जानकारी के अनुसार एसडीओपी समेत कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं पर किसी भी आम नागरिक को चोटें नहीं आई हैं।

छतरपुर, मध्यप्रदेश। छतरपुर से तथाकथित दलित जाति के दूल्हे की बारात पर पथराव की खबर सामने आयी है। छतरपुर में दलित दूल्हे का घोड़े पर बैठकर बारात निकाला जाना दबंगों को पसंद नहीं आया। दबंगो ने इस बरात में पथराव करना शुरू कर दिया मामला बढ़ता देख पुलिस को बीच बचाव करना पडा। यह मामला बक्सवाहा थाना क्षेत्र के चौरई ग्राम का है।

क्या था मामला :

चौरई ग्राम में रितेश अहिरवार नाम के युवक की शादी थी। देवी पूजन के दौरान रितेश को घोड़े पर बैठाकर ले जाया जा रहा था। ये बात दबंगो को पसंद नहीं आयी और उन्होंने पथराव चालू कर दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले मामूली विवाद हुआ फिर पथराव किया गया। इन दबंगो का सम्बन्ध यादव समाज से बताया जा रहा है। मामला इतना बड़ गया की दो थाना प्रभारियों की 15 सदस्यीय टीम को दूल्हे की बारात में आना पड़ गया। ये बारात पुलिस की टीम के साथ सागर जिले के शाहगढ़ के लिए रवाना हुई।

पुलिस ने 50 लोगों के खिलाफ दर्ज की शिकायत :

इस मामले में पुलिस ने 50 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। इन पर जल्द कार्यवाई किये जाने का दावा किया जा रहा है। इस मामले में बलवा, मारपीट के साथ-साथ एससी/एसटी एक्ट के तहत विभिन्न धाराओं सहित अन्य धारा 341, 353, 333, 147, 148, 149, 150, 152, 427 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। पथराव करने वाले आरोपियों की तलाश जारी है। आरोपियों के नाम अभी सार्वजानिक नहीं किये गए है। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी के बाद नाम सार्वजानिक किये जाएंगे। एसपी अमित सांघी से मिली जानकारी के अनुसार एसडीओपी समेत कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं पर किसी भी आम नागरिक को चोटें नहीं आई हैं।

कमलनाथ ने मध्यप्रदेश सरकार पर साधा निशाना :

मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने पुलिस की उपस्थिति के बावजूद पथराव की घटना पर सवाल उठाया है उनका कहना है कि, "पुलिस की उपस्थिति के बावजूद अनुसूचित जाति के दूल्हे की बरात पर पथराव किए जाने का मामला अत्यंत गंभीर है। यद्यपि बाद में पुलिस सुरक्षा में बरात निकाली गई, लेकिन चिंता का विषय है कि इस तरह की प्रवृत्ति बार-बार मध्यप्रदेश में देखने को क्यों मिल रही है? यह सिर्फ एक बरात का मामला नहीं बल्कि अनुसूचित जाति के साथ सामाजिक न्याय का मामला है। अगर शिवराज सरकार समाज के वंचित वर्ग को समाज में सम्मान से जीने का अधिकार नहीं दे सकती तो फिर प्रदेश की कानून व्यवस्था के बारे में कुछ भी कहने को नहीं रह जाता। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं इस मामले में सख्त कार्यवाही करें और सामाजिक समरसता के लिए विशेष अभियान चलाएं।"

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