Jyotiraditya Scindia And Shivarj Singh
Jyotiraditya Scindia And Shivarj SinghSudha Choubey - RE

मणिपुर में फंसे MP के छात्र होंगे एयरलिफ्ट, सिंधिया ने की छात्रों से चर्चा- CM शिवराज ने की राज्यपाल से बात

मणिपुर में मेइती आरक्षण विवाद को लेकर हिंसा हो रहा है। ऐसे में इंफाल में मध्य प्रदेश के 21 छात्र फंसे हैं, जिन्हें निकालने के लिए राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

भोपाल, मध्य प्रदेश। मणिपुर में इन दिनों मेइती आरक्षण विवाद को लेकर हिंसा भड़क उठी है और वहां के हालात चिंताजनक बने हुए हैं। ऐसे में मणिपुर की राजधानी इंफाल में मध्य प्रदेश के 21 छात्र फंसे हुए हैं। छात्रों ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है। जिसके बाद मध्यप्रदेश के छात्रों को निकालने की कवायद तेज हो गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मणिपुर के राज्यपाल अनुसुइया उइके से फोन पर बात की है। छात्रों को जल्द ही मध्य प्रदेश सरकार एयरलिफ्ट कर वापस लाएगी। वहीं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मणिपुर में फंसे छात्रों से फोन पर चर्चा की और जल्द सुरक्षित वापस लाने का भरोसा दिया है।

बता दें कि, मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय को अनसूचित जनजाति का दर्जा देने के फैसले के खिलाफ आदिवासी समूह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते दिन 3 मई को 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' ने आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला था, लेकिन इस दौरान हिंसा हो गई। तनाव इतना बढ़ गया कि, तुरंत सेना को तैनात किया गया। हिंसा के कारण मध्य प्रदेश के कई छात्र वहां फंस गए हैं। प्रदेश के करीबन 30 छात्र मणिपुर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, ट्रिपल आईटी, NIT और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में फंसे है।

विधायक राम दांगोरे ने लिखा था पत्र:

इस मामले को लेकर बीते दिन रविवार को पंधाना विधायक राम दांगोरे ने परिजनों की तरफ से सीएम शिवराज को मदद के लिए पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में लिखा था कि, "इंफाल के एनएसयू विश्वविद्यालय में मध्य प्रदेश के लगभग 30 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें खंडवा के 3 विद्यार्थी शामिल हैं। मणिपुर राज्य में दंगे के हालात निर्मित होने के बाद स्थितियां अनियंत्रित हो गई हैं, जिसके कारण मेघालय, नागालैंड, मणिपुर सरकार ने अपने राज्य के छात्रों को निकालने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। खंडवा के जो विद्यार्थी हैं, उन्हें तुरंत एअरलिफ्ट कर उनका रेस्क्यू कर उन्हें वापस मध्यप्रदेश लाया जाए।"

जानकारी के लिए बता दें कि, मध्य प्रदेश के छात्र इंफाल के राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी पढ़ते हैं। राज्य के 13 छात्र राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय में फंसे हैं, जबकि अन्य छात्र आईआईटी और कृषि विश्वविद्यालय के हैं। खंडवा जिले के रहने वाले शशिभान तिवारी इंफाल के कुमां लंपक स्टेडियम स्थित राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय में बीएससी स्पोर्ट्स कर रहे हैं और कैंपस में ही रहते हैं। वहीं, धार के धरमपुरी तहसील निवासी नंदकिशोर यादव सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कृषि महाविद्यालय से बीएससी कृषि का छात्र है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छात्रों से की बात:

वहीं, छात्र नंदकिशोर ने बताया कि, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यालय से हमें फोन आया था, उन्होंने पूरी जानकारी ली है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि अलग-अलग जगहों पर फंसे छात्रों को हम कब और कैसे एयरलिफ्ट कर वापस मध्य प्रदेश ले जाएंगे। शशिभान तिवारी ने बताया कि आज मुझे खंडवा कलेक्टर और पंधाना विधायक राम दांगोरे का फोन आया था। उसने हमसे कहा है कि उसे जल्द ही यहां से छुड़ा ले।

कमलनाथ ने कही यह बात:

वहीं, कमलनाथ ने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, "मणिपुर में जारी हिंसा और उपद्रव से हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। इंटरनेट व संचार सेवाएँ बंद है। इम्फ़ाल की नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी सहित राज्य के अन्य शिक्षण संस्थानों में मध्य प्रदेश के अनेक छात्र अध्ययनरत हैं। मध्य प्रदेश में हम सब इन बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। मेरा मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश सरकार से अनुरोध है कि, मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार के साथ संवाद स्थापित कर मणिपुर हिंसा में फंसे इन बच्चों की सुरक्षित मध्य प्रदेश वापसी सुनिश्चित करायें।"

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