सुल्तानसिंह शेखावत
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सुल्तानसिंह शेखावत का श्रमिकों को लेकर विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल

श्रमिक नेता शेखावत के 25 प्रतिशत श्रमिक कम करने का बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद श्रमिक सहित पूरे शहर में मचा हुआ है हड़कंप। उद्योग प्रबंधक व श्रम संगठनों ने शेखावत के दावे का किया खंडन।

नागदा जं., मध्य प्रदेश। ग्रेसिम उद्योग के ठैका श्रमिक पूरी तरह बेरोजगार है। स्थायी श्रमिक भी कई घर बैठे हैं। ऐसे में 25 प्रतिशत श्रमिक कम करने का सोशल मीडिया पर खुलासा भामसं के वरिष्ठ नेता द्वारा करने के बाद श्रमिकों में हड़कंप मचा हुआ है। वह तो अभी भी दावा कर रहे हैं कि उनके पास तथ्य हैं पर श्रम संगठन के कुछ नेता इस बात से इंकार कर रहे हैं उद्योग प्रबंधक भी दावा कर रहा है की ऐसी कोई किसी भी श्रमिक नेता से चर्चा नहीं हुई है और ना ही कोई आगे विचार है। जबरन की भ्रांतियां फैलाई जा रही है।

ग्रेसिम उद्योग में स्थायी श्रमिक 1750, ठेका श्रमिक 3500, लगभग 450 अधिकारी कार्यरत थे। लॉकडाऊन के बाद उद्योग की पूरी मशीनें नहीं चलने के कारण ठेका श्रमिकों को काम नहीं मिल रहा है। स्थायी श्रमिक भी लगभग 550 से अधिक घर बैठे हैं। ऐसे में भामसं के वरिष्ठ नेता सुल्तानसिंह शेखावत का 25 प्रतिशत श्रमिकों की छंटनी के दावे का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद श्रमिकों सहित पूरे शहर में हड़कंच मचा हुआ है। हालांकि शेखावत ने यह भी बताया की वह अनौपचारिक चर्चा थी। मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो शेखावत ने सोमवार को दावा किया की उनके पास साक्ष्य है, ग्रेसिम ही नही बिड़ला यूनिट के सारे उद्योगों में 25 प्रतिशत श्रमिकों की छंटनी होना है। प्रबंधक पर उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी नीयत खराब है। 55 अधिकारीवर्ग को वीआरएस दे दिया है। स्थायी श्रमिकों में भी 550 श्रमिकों को अभी तक रोटेशन में काम नही दिया गया। 3500 ठेका श्रमिक घर बैठे हुए हैं।

किसी को निकाला नहीं जाएगा, उद्योग चालू होने के बाद ठैका श्रमिकों को भी मिलेगा काम :

उद्योग प्रबंधक की और से जनसंपर्क अधिकारी संजय व्यास ने शेखावत को दावे को सीरे से खारिज करते हुए कहा की उनकी व किसी भी उद्योग के अधिकारी की इस मामले में किसी भी श्रमिक नेता से कोई चर्चा नही हुई है। 550 स्थायी श्रमिकों को काम नहीं देने के आरोप को भी खारिज करते हुए कहा कि सभी को रोटेशन के आधार पर काम दिया जा रहा है। 12 मशीनों में से 7, 6 व 5 मशीनें ही माल नहीं बिकने के कारण चलाई जा रही है। एफआरपी फेब्रिकेशन, बिल्डिंग व रिपेयरिंग के काम बंद होने के कारण सभी ठेका श्रमिकों को काम पर नहीं बुलाया जा रहा है। सभी मशीने चालु होने के बाद ठैका श्रमिकों को भी कोई काम दिया जाएगा। छंटनी की अफवाह फैलाकर शहर का माहौल बिगाड़ऩे का प्रयास किया जा रहा है।

यदि साक्ष्य है तो सार्वजनिक करें शेखावत :

इधर हिन्द मजदूर सभा के अध्यक्ष राजेंद्र अवाना ने शेखावत के दावे का खारिज करते हुए कहा कि समझौता यूनियनें करती है। ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है कि श्रमिकों की छंटनी की जाएगी। यह जरूर हुआ है कि अगर उद्योग के प्लांटों में लगी मशीनों का आधुनिकरण होगा तो यूनियन व प्रबंधक के बीच चर्चा कर समझौता होगा। इसके बाद ही आगे की कोई कार्यवाही होगी। अवाना ने यह भी कहा की यदि प्रबंधक छंटनी करता है तो मजदूरों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। श्रम संगठन उनके साथ खड़ा है। शेखावत हमारे वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें इस तरह की भ्रांतियां नहीं फैलाना चाहिए। यदि उनके पास कोई साक्ष्य है तो वह सार्वजनिक करें।

प्रबंधक सही है तो शेखावत पर करवाएं कार्यवाही :

कांग्रेस नेता बसंत मालपानी ने बताया कि शेखावत श्रमिकों के वरिष्ठ नेता हैं। यदि वह कोई दावा कर रहे हैं तो कहीं न कहीं कोई सच्चाई तो है। उद्योग प्रबंधक दावा कर रहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है तो फिर प्रबंधक को शेखावत पर श्रमिकों में अशांति फैलाने के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाना चाहिए। प्रबंधक बार-बार बात दौहराता है तो क्या उद्योग बंद कर देंगे। ऐसा कभी हो ही नहीं सकता है यह सिर्फ श्रमिकों को डराने के लिए अफवाए फैलाई जाती है। उद्योग में काम करने वाले अधिकारी भी इंसान है। उनको निकाला जा रहा है तो कोई बोलने को तैयार नही है। कांग्रेस उनके साथ खड़ी है।

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