भोपाल, मध्य प्रदेश। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा करवाए जा रहे सीवेज और जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य में अनावश्यक देरी करने वाली निर्माण एजेंसियों को टर्मिनेट करने की कार्रवाई की जाए। उनकी बैंक गारंटी भी जप्त की जाए। श्री सिंह ने यह निर्देश बुधवार को योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये।
उन्होंने कहा कि सीएसआर रिवाइज्ड किया जाए। सही डीपीआर बनाने के लिए मेकेनिज्म विकसित करें। सही डीपीआर नहीं बनने पर कंसलटेंट के खिलाफ भी कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी मुख्यालय में रहें और लगातार स्थल निरीक्षण करें। टेक्निकल विंग मजबूत की जाए। लागत के अनुसार टेंडर का समय निर्धारित किया जाए। इससे कार्यों में तेजी आएगी। उन्होंने संभागवार पृथक-पृथक कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट पूरा करने में विलंब का स्पष्ट कारण बताएं। जहां पर सड़कों की खुदाई की गई है, उनको समय-सीमा में दुरुस्त करें। श्री सिंह ने कहा कि कार्य में कोई गतिरोध आए, तो एमडी निकुंज श्रीवास्तव से बात करें।
यहां चल रहा है अर्बन डेवलपमेंट कंपनी का काम :
मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा 107 जल-प्रदाय, 22 मल-जल योजनाएं और 13 मिनी स्मार्ट सिटी का कार्य किया जा रहा है। इनमें से पीआईयू भोपाल में 08, होशंगाबाद में 07, इंदौर में 18, उज्जैन में 15, ग्वालियर में 16, मुरैना में 08, जबलपुर में 22, रीवा में 14, शहडोल में 07, सागर में 14, छिन्दवाड़ा में 02, खरगोन में 08 और छतरपुर में 03 योजनाओं में काम चल रहा है। यह योजनाएं विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक और केएफडब्ल्यू बैंक द्वारा वित्त पोषित हैं। बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास मनीष सिंह, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास निकुंज श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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