संविधान में राज्य सरकारों के लिए भी 'लक्ष्मण रेखा' है : राज्यपाल
राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने शुक्रवार को राजभवन में नवनिर्मित प्रेस प्रकोष्ठ कक्ष के लोकार्पण के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर कहा, संविधान में राज्य सरकारों के लिए भी 'लक्ष्मण रेखा' है। जिसका उन्हें पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भी कोई विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित होकर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद कानून बन जाता है, तो उसे देश का कोई भी राज्य लागू करने से इंकार कैसे कर सकता है।
राज्यों में नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास करने से जुड़े सवाल पर लालजी टंडन ने कहा, "राज्यपाल पद पर किसी व्यक्ति के काबिज होने के बाद वह संवैधानिक प्रावधानों के दायरों में रहकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हो जाता है। भले ही वह किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि का हो।"
उन्होंने आगे कहा, आज जब देश विश्व में अपनी धाक जमा रहा है। विश्व शक्ति बनने की ओर अग्रसर है, तो सभी को इसकी सराहना करनी चाहिए। दिवंगत राममनोहर लोहिया के वाक्य का उल्लेख करते उन्होंने कहा, 'जब कोई दुर्व्यवस्था से सुव्यवस्था की ओर जाता है, तो उसे तत्कालीन परिस्थितियों से होकर गुजरना पड़ता है। वर्तमान में इस देश के साथ ऐसा ही हो रहा है।"
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