Congress Office
Congress Office RE Gwalior

पार्षदों के वेतन से चलते है कांग्रेस कार्यालय के खर्चे, कहां जाता है दुकानो से मिलने वाला किराया

कांग्रेस के प्रत्येक पार्षद से एक माह का वेतन जमा करने का फरमान जारी कर दिया गया है। कई पार्षदों ने कुछ दिनो में ही एक माह का वेतन कांग्रेस दफ्तर में जमा भी करा दिया गया है।

ग्वालियर। शहर कांग्रेस का शिंदे की छावनी पर कई मंजिला भवन बना हुआ है, जिसमें करीब 60 दुकाने बनी हुई है ओर उनसे प्रतिमाह किराया भी वसूल किया जाता है। अब किराया मिलने के बाद उसका क्या उपयोग होता है उसका हिसाब किताब रखने के लिए वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यकाल में कोषाध्यक्ष ही नहीं बनाया गया है। अब कांग्रेस कार्यालय के खर्चे के नाम पर कांग्रेस के पार्षदों से एक माह क वेतन लिया जा रहा है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि कांग्रेस कार्यालय पर जो खर्चा किया जाता है उसके  लिए पैसो की जरूरत होती है तो वह अपने कांग्रेसियो से ही लेने का काम कर रहे है।

विपक्ष में होने के कारण पार्टी को खर्चे के लिए पैसो की जरूरत होती है तो वह चंदा कर उसकी भरपाई करते है, लेकिन जब किसी दल के पास आवक के साधन होते है उसके बाद भी अगर चंदा वसूल किया जाता है तो उसका हिसाब -किताब भी तो प्रबंध कार्यकारिणी में रखना चाहिए, लेकिन ऐसा विगत कई सालो से नही हो रहा है। वैसे अधिकांश कांग्रेस के जो कार्यक्रम होते हैं वह किसी न किसी नेता द्वारा प्रायोजित होते है ओर इस समय तो अधिकांश कार्यक्रमो का खर्चा ग्वालियर पूर्व के विधायक ही उठा रहे है। वहीं कांग्रेस दफ्तर के नीचे 60 दुकाने बनी है जिनसे प्रतिमाह कांग्रेस को किराया भी मिलता है, लेकिन उस किराए का क्या हिसाब-किताब है उसको लेकर कोई कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अब कांग्रेस दफ्तर के खर्चे के लिए कांग्रेस के प्रत्येक पार्षद से एक माह का वेतन जमा करने का फरमान जारी कर दिया गया है। पार्षद को एक माह में 6 हजार रुपए वेतन मिलता है ओर कई पार्षदो ने कुछ दिनो में ही एक माह का वेतन कांग्रेस दफ्तर में जमा भी करा दिया गया है। 

कांग्रेस के 25 व 4 अन्य मिलाकर संख्या हुई 29....

कांग्रेस के निगम चुनाव में 25 पार्षद चुनकर आए थे ओर बाद में 4 पार्षदो ने भी कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी। इस तरह वर्तमान में कांग्रेस पार्षदो की संख्या 29 हो गई है। अब 6 हजार के हिसाब से अगर आंकलन किया जाए तो 1 लाख 74 हजार रुपए बैठता है। अगर कांग्रेस के सभी पार्षद राशि जमा कराते है तो उस राशि से क्या साल भर का खर्चा चल जाएगा? वैसे कुछ पार्षदो ने तो एक माह का वेतन देने से भी साफ मना कर दिया है ओर कहा है कि जब दुकानो से किराया मिलता है तो फिर खर्चे की क्या जरूरत है। खैर यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है, लेकिन कांग्रेस में इस समय इसको लेकर काफी चर्चा हो रही है।

2 हजार किराए से भी सवा लाख प्रतिमाह की आय....

कांग्रेस दफ्तर के नीचे बनी दुकानो का किराया अगर कम से कम 2 हजार रुपए प्रतिमाह भी लिया जा रहा है तो प्रतिमाह उससे 1 लाख 20 हजार रुपए की आय होती ही होगी। अब उस आय से क्या किया जाता है उसको लेकर कांग्रेस के अंदर ही कई बार सवाल उठाएं जा चुके है, लेकिन उसका जवाब अभी तक किसी को नहीं मिला है। ट्रस्ट में पदाधिकारियो को लेकर भी शिकायते प्रदेश कांग्रेस तक पहुंच चुकी है, लेकिन उसका निराकरण अभी तक नहीं हो सका है ओर जो चल रहा था वह वर्तमान में चल रहा है।

बिना कोषाध्यक्ष के शहर कांग्रेस....

शहर कांग्रेस में हमेशा कोषाध्यक्ष का पद भरा रहता था जो हिसाब-किताब रखने का काम करता था। स्व. दर्शन सिंह जब अध्यक्ष थे उस समय राकेश अग्रवाल कोषाध्यक्ष थे, लेकिन वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल में कोषाध्यक्ष का पद खाली बना हुआ है। इसके चलते  कांग्रेस दफ्तर का हिसाब-किताब रखने का काम फिलहाल सिर्फ शहर कांग्रेस अध्यक्ष के ही हवाले है। वैसे ट्रस्ट के रूप में होने वाली आय व व्यय का लेखा प्रंबध कार्यकारिणी में रखने का नियम बना हुआ है, लेकिन कई सालो से ट्रस्ट के जरिए होने वाली आय का कोई हिसाब किताब प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक में ही नहीं रखा गया, जिसको लेकर अब कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को शिकायत कर कहा है कि हिसाब-किताब रखने के लिए किसी कांग्रेसी को तैनात किया जाए।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com