सभापति के निर्देश पर बुलाई गई थी पार्षदों की बैठक
सभापति के निर्देश पर बुलाई गई थी पार्षदों की बैठकRaj Express

Gwalior : पार्षद पतियों के बोलने पर निगमायुक्त ने उठाई आपत्ति तो हो गया हंगामा

सभापति के निर्देश पर बुलाई गई थी पार्षदों की बैठक। टीएलसी में कम पड़ी कुर्सियां तो खड़े रहने को मजबूर हुए जनप्रतिनिधि। बंद स्ट्रीट लाईट, गंदगी, भरे हुई सीवर लाईनों पर फूटा पार्षदों का गुबार।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। बाल भवन की टीएलसी में आयोजित हुई पार्षदों की बैठक हंगामे दार रही। सभापति मनोज तोमर द्वारा बुलाई गई इस बैठक में उम्मीद से अधिक पार्षद पहुंचे। इसी दौरान वार्ड 18 की पार्षद कमलेश तोमर की जगह उनके पति बलवीर तोमर अपने वार्ड की समस्याएं बताने लगे तो निगमायुक्त कहा कि अगली बार से बैठक में पार्षद पति नहीं आयंगे। इस बात पर हंगामा हो गया। नाराज पार्षद पति बैठक छोड़कर जाने लगे। इसे देखते हुए सभापति मनोज तोमर ने हस्तक्षेप करते हुए सबको शांत किया।

बाल भवन की टीएलसी में आयोजित हुई बैठक में भाजपा एवं कांग्रेस के 50 से अधिक पार्षद पहुंचे। इसमें कुछ पार्षद पति भी शामिल थे। अधिकारियों को उम्मीद थी कि सिर्फ भाजपा के पार्षद ही आयंगे इसलिए बैठक बाल भवन की टीएलसी में रखी गई। लेकिन बैठक में अधिक जनप्रतिनिधि पहुंच गए। इसके बाद जब चर्चा शुरू हुई तो वार्ड 21 के पार्षद ब्रजेश श्रीवास ने पूछा कि स्ट्रीट लाइटें कब सुधरेगी? 70 प्रतिशत बंद है, जो न बदली जा रही है और न नई लग रही है। वार्ड 3 की पार्षद मंजू सोनू राजपूत ने कहा कि पूर्व निगमायुक्त अनय दिवेदी के समय स्टॉफ व संसाधन कम थे, लेकिन सफाई सहित अन्य व्यवस्थाएं आज से बेहतर थी। वार्ड 6 के पार्षद दीपक मांझी ने कहा कि अधिकारी हमारे फोन नहीं उठाते। वार्ड 22 के पार्षद प्रमोद खरे ने कहा कि चेंबर सफाई का बुरा हाल है ठेकेदारी फर्म काम नहीं कर रही है। वार्ड 58 की पार्षद अपर्णा पाटिल ने कहा कि हमारा व्हीआईपी वार्ड है, लेकिन वार्ड के हिसाब से लेबर कम होने पर कर्मचारी बढ़ाने की जरूरत है। सवालों के जबाव में निगमायुक्त ने बताया कि सीवर समस्या निराकरण के लिए प्रत्येक वार्ड मेें दो-दो कर्मचारियों की टीम बनेगी। साथ ही स्ट्रीट लाइट समस्या हल करने के लिए एजेंसी व अधिकारियों को बुलाया गया है और प्रत्येक वार्ड में दो-दो लाइन मैन एवं पांच हजार स्ट्रीट लाइटों को स्पेयर में रखा जाएगा। छोटी-छोटी समस्या समाधान के लिए क्षेत्राधिकारी को 25-25 हजार रुपए अग्रिम मिलेंगें। सभापति ने निगमायुक्त से कहा कि पार्षदगणों की समस्या निराकरण के लिए एक कर्मचारी की नियुक्ति करें जिसे पार्षदगण अपनी समस्या नोट करा सकें और 7 दिन में क्या कार्रवाई पर पार्षद को अवगत कराएं। इसी दौरान वार्ड 18 की महिला पार्षद कमलेश तोमर की जगह उनके पति बलवीर तोमर अपनी समस्याएं रखने लगे तो निगमायुक्त ने अगली बार से पार्षद पतियों को बैठक में न बुलाने की बात कह दी। इस पर हंगामा हो गया।

आपकी बातें सुनकर लगता है कि नगर निगम काम ही नहीं करता है:

लगातार लगाए जा रहे आरोपों से निगमायुक्त नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि आप सब की बातों को सुनकर ऐसा लग रहा है कि नगर निगम कोई काम ही नहीं करता है। हमारे द्वारा शहर में 3.5 लाख घरों में से 2.5 लाख घरों तक डोर टू डोर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। वाहन खराब हो जाते हैं तो उन्हें तत्काल ठीक कराया जाता है। हो सकता है कहीं कोई कमी रह रही हो लेकिन कोई काम नहीं हो रहा ऐसा तो नहीं है।

सभापति से कुर्सी मांगते रहे पार्षद :

टीएलसी कक्ष पूरी तरह भर गया था। बाद में जो पार्षद आए वह खड़े रहे। उन्होंने सभापति से कुर्सी की मांग की। वार्ड 31 की पार्षद अंजना हरिबाबू शिवहरे व वार्ड 47 के पार्षद जितेन्द्र मुदगल जैसे ही बैठक कक्ष में आए, तो सभी कुसियां भरी देख उन्होंने सभापति से बैठने के लिए कुर्सी मांगी। जिसके बाद भागमभाग स्थिति देख दो बार 3 से 5 कुर्सियां मंगवाई गई। लेकिन पार्षद पति बलवीर सिंह तोमर के आने पर फिर कुर्सी मंगवानी पड़ी।

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