ग्वालियर : भाण्डेर में बरैया के कारण फंसा टिकिट का पेंच
ग्वालियर, मध्य प्रदेश। उप चुनाव को लेकर कांग्रेस के दावेदार हर सीट पर दम लगा रहे हैं, लेकिन कमलनाथ ने साफ कह दिया है कि दावा किसी का कितना भी मजबूत हो इससे कोई लेना देना नहीं अगर सर्वे में नाम आएगा तो उसको टिकट जरूर मिलेगा। भाण्डेर विधानसभा सुरक्षित है और वहां से कांग्रेस विधायक के इस्तीफा देने के कारण उप चुनाव होना है। अब सुरक्षित सीट जरूर है पर सवर्ण व पिछड़ा वर्ग के वोटर वहां जीत-हार में अपना योगदान देते रहते हैं। कांग्रेस की तरफ से यहां से कई दावेदार है जिसमें एक पूर्व मंत्री भी शामिल है, लेकिन उनको लेकर क्षेत्र में खासा विरोध है जिसके कारण सर्वे में सिर्फ दो नाम बचे हुए हैं।
कांग्रेस की तरफ से प्रभुदयाल जोहरे के अलावा बसपा से भाजपा होते हुए कांग्रेस में आए फूल सिंह बरैया प्रमुख दावेदार बताएं जा रहे हैं। प्रभुदयाल लम्बे समय से क्षेत्र में सक्रिय है और क्षेत्र के हर गांव मेें घर-घर दस्तक भी दे चुके हैं। विधानसभा चुनाव के समय भी उनका नाम चला था, लेकिन उस समय सिंधिया की चली थी जिसके कारण उनको टिकिट से वंचित रहना पड़ा था। अब उप चुनाव होना है तो फिर से वह क्षेत्र में सक्रिय होकर लोगों की समस्याओं को लेकर लड़ाई लड़ने का काम कर रहे हैं। अब उनके रास्ते में फूल सिंह बरैया मुख्य दावेदार बताएं जा रहे हैं, लेकिन उनके नाम को लेकर क्षेत्र में विरोध भी खासा पैदा होने लगा है। सूत्र का कहना है कि सवर्ण समाज व पिछड़ा वर्ग के लोगों ने बैठक कर यहां तक कहा है कि जो व्यक्ति बसपा में रहते हुए सवर्ण व पिछड़ा वर्ग के लोगों को लेकर अपशब्द कहने से नहीं चूकते थे ऐसे मेें अगर उनको कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया तो विरोध किया जाएगा। बैठक में कृष्णकांत व्यास महाराज ने कहा था कि अगर बरैया को टिकट कांग्रेस देती है तो यह सवर्ण व पिछड़ा वर्ग के लोगों का अपमान होगा, क्योंकि जो व्यक्ति जीवन भर दोनो समाजो को लेकर कुछ भी बोलने से नहीं चूकते थे उनको अब यह समाज कैसे अपना समर्थन दे सकता है। इस तरह का एक प्रस्ताव बनाकर प्रदेश कांग्रेस के पास भी भेज दिया गया है। अब प्रदेश नेतृत्व के सामने संकट यह है कि बरैया को अगर छोड़ते है तो कही फिर वह पाला न बदल दें।
दो नाम सर्वे में, इन्हीं से होगा फैसला :
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र का कहना है कि कमलनाथ ने क्षेत्र में दो सर्वे करा लिए हैं और इन दो सर्वे में अभी तक दो ही नाम सामने आएं हैं। अब एक ओर सर्वे होगा उसके बाद टिकट किसको दिया जाएगा इसका फैसला हो सकेगा। वैसे फिलहाल प्रभुदयाल जोहरे जो अनुसूचित जाति के पदाधिकारी भी है उनका वजन बरैया से भारी दिख रहा है, इसके पीछे कारण यह है कि बरैया को क्षेत्र में सवर्ण व पिछड़ा वर्ग के बीच खासा विरोध है। वहीं पूर्व मंत्री महेन्द्र बौद्ध भी टिकट की लाइन में लगे हुए हैं, लेकिन अब उनको जो ग्राफ पहले था वह नहीं बचा जिसके कारण उनका वजन कम दिखाई दे रहा है।
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