Tikamgarh: दोनों जिलों में 38 लोगों में मिले फाइलेरिया के परजीवी, विभाग ने जताई चिंता
टीकमगढ़, मध्यप्रदेश। जिले में राष्ट्रीय फाइलेरिया अभियान चलाया जा रहा है। निवाड़ी व टीकमगढ़ जिले में गांव-गांव जाकर फाइलेरिया के मरीजों को चिन्हित किया है। रविवार को जिला मलेरिया अधिकारी हरिमोहन रावत पत्रकारों को बताया कि टीकमगढ़ सहित निवाड़ी जिले में 38 लोगों में फाइलेरिया के परजीवी मिले हैं।
वर्ष 2021 में टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में 8000 लोगों के सैंपल लिए गए थे। जिसमें 38 लोगों में फाइलेरिया के परजीवी पाए गए हैं। हालांकि इन सभी लोगों में फिलहाल हाथी पाव जैसे कोई लक्षण नहीं है, लेकिन 38 लोगों का पॉजिटिव मिलना चिंता का विषय है। इसी आधार पर दोनों जिलों को फाइलेरिया अभियान के लिए चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में भानपुरा, रामनगर, कुंवरपुरा और बम्होरी गांव में पॉजिटिव मिले हैं। वहीं निवाड़ी जिले में लाडपुरा, थोना, अस्तारी और निवाड़ी का वार्ड नंबर 8 शामिल है। उन्होंने बताया कि टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में 2004 से फाइलेरिया अभियान चल रहा है। जिसमें 2 से 5 साल तक के बज्चों को डीईसी और एल्बेंडाजोल की एक-एक गोली का सेवन कराया जाएगा। वही 6 से 14 साल तक के ब'चों को डीईसी की दो और एल्बेंडाजोल की एक गोली और 15 से अधिक वर्ष के लोगों को डीईसी की 3 और एल्बेंडाजोल की एक गोली का सेवन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2 साल से कम उम्र के ब'चों, गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों और गर्भवती महिलाओं को दवा का सेवन नहीं करना है। यह दोनों दवाएं फाइलेरिया के परजीवीओं को मार देती हैं। जिससे हाथी पाव और हाइड्रोसील जैसी घातक बीमारियों का खतरा नहीं रहता है। इसके अलावा यह गोलियां पेट के अन्य खतरनाक कीड़ों को भी खत्म कर देती हैं। साथ ही खुजली एवं जूं के खात्मे में भी मदद करती हैं।
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