पुलिस के बर्ताव से बर्ताव से परेशान होकर दिव्यांग ने की आत्महत्या
पुलिस के बर्ताव से बर्ताव से परेशान होकर दिव्यांग ने की आत्महत्याRE-Bhopal

पुलिस सब इन्स्पेक्टर के बर्ताव से परेशान होकर दिव्यांग ने की आत्महत्या, अस्पताल में परिजनों का हंगामा

Indore Mohan Pal Suicide Case: बुधवार को मोहन के परिजनों उसके शव को अस्पताल लेकर पहुंचे यहाँ जमकर हंगामा किया। पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित कर दिया गया है।

हाइलाइट्स :

  • मोहन ने सुसाइड से पहले भाई को मैसेज के जरिये सारी बात बताई थी।

  • पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया गया है।

  • इस मामले में पुलिस की जांच अभी जारी है।

Indore Mohan Pal Suicide Case: इंदौर, मध्यप्रदेश। पुलिस के बर्ताव से परेशान होकर एक दिव्यांग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। यह मामला इंदौर के द्वारकापुरी का है। दिव्यांग का नाम मोहन पाल उम्र 26 साल बताई जा रही है। मोहन ने सुसाइड से पहले अपने भाई को व्हाट्स ऐप मैसेज के जरिये सारी बात बताई थी। बुधवार को मोहन के परिजनों उसके शव को अस्पताल लेकर पहुंचे यहाँ जमकर हंगामा किया। पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में पुलिस की जांच अभी जारी है।

परिजनों ने थाने में भी किया हंगामा :

मोहन पाल के परिजन उसकी मौत से आक्रोशित हैं। इसी के चलते बुधवार को अस्पताल के बाद परिजनों ने द्वारकापुरी थाने में भी खूब हंगामा किया। मोहन परिजन यहाँ उसके शव को लेकर पहुंचे थे। सूचना मिलने पर एडिशनल डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने थाने पहुंचकर परिजनों को शांत करवाया और उन्हें जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि, सब इन्स्पेक्टर को सस्पेंड कर लाइन अटैच कर दी गई है। इसके बाद मोहन के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

मोहन ने मरने से पहले अपने भाई को मैसेज कर सारी बात बताई थी।
मोहन ने मरने से पहले अपने भाई को मैसेज कर सारी बात बताई थी।

क्यों की मोहन ने आत्महत्या :

दिव्यांग मोहन पाल एक दिव्यांग था। उसका गुजर-बसर चाय की दुकान से होता था। मोहन के साथ ऑनलाइन फ्रॉड हुआ था। दरअसल मोहन शादी के लिए रिश्ता देख रहा था। इस दौरान बिहार के प्रवेश नामक व्यक्ति ने उससे ऑनलाइन 95 हज़ार रुपए लिए थे। इसके बाद प्रवेश का फ़ोन बंद आने लगा। जब मोहन ने उससे संपर्क करने की कोशिश की तो उसे कॉल आया कि, लड़की भगाने के लिए तुम्हे जेल में डाल देंगे। इसके बाद मोहन ने इंदौर में कलेक्टर की जनसुनवाई में इसकी शिकायत की थी। जब मोहन शिकायत करने पहुंचा तो उसके साथ एसआई उइके ने बदतमीज़ी की उसे अपशब्द कहे। इस पूरे घटना क्रम से परेशान होकर मोहन ने आत्महत्या कर ली। मोहन ने मरने से पहले अपने भाई को मैसेज कर सारी बात बताई थी।

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