Umaria : खाली पड़े शिक्षा के मंदिर, एमडीएम कर लौट रहे नौनिहाल

उमरिया, मध्यप्रदेश : कोरोना संक्रमण के लगभग डेढ़ से दो वर्ष के उपरांत शासकीय विद्यालय संचालित तो हुए, लेकिन स्कूलों की हालत अभी भी संक्रमण ग्रस्त ही नजर आ रही है।
खाली पड़े शिक्षा के मंदिर, एमडीएम कर लौट रहे नौनिहाल
खाली पड़े शिक्षा के मंदिर, एमडीएम कर लौट रहे नौनिहालराज एक्सप्रेस, संवाददाता

उमरिया, मध्यप्रदेश। जिले के पाली विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम टिकुरी, धुपखड़ा नामक ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक विद्यालय भगवान भरोसे संचालित हो रहे हैं, कोरोना संक्रमण के लगभग डेढ़ से दो वर्ष के उपरांत शासकीय विद्यालय संचालित तो हुए, लेकिन स्कूलों की हालत अभी भी संक्रमण ग्रस्त ही नजर आ रही है। जिले के अंतिम छोर पर स्थित विद्यालय इन दिनों शिक्षक विहीन हो चुके हैं, ऐसा नहीं है कि यहां शिक्षा विभाग ने किसी को यहां की जिम्मेदारी नहीं दी, बल्कि दर्जनों स्कूलों में लाखों रूपये वेतन खर्च कर शिक्षक तैनात तो किये गये हैं, लेकिन कोरोना काल के डेढ़ से दो वर्षाे तक लगभग खाली से रहे शिक्षक अभी भी पुराने ढर्रे से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ग्राम टिकुरी और धुपखड़ा स्थित प्राथमिक विद्यालयों में तो, बच्चों का भविष्य शिक्षकों के हाथ से निकलकर मध्यान्ह भोजन बनाने व परोसने वाले दैनिक कर्मचारियों के भरोसे टिका हुआ है।

यह है टिकुरी विद्यालय का हाल :

जन शिक्षा केन्द्र चौरी, विकास खण्ड पाली अंतर्गत ग्राम टिकुरी में स्थित शासकीय प्राथमिक पाठशाला में शासन द्वारा दीनबंधु चौधरी व श्रीमती संतोषी बाई नामक शिक्षकों को तैनात किया गया है, ग्रामीणों की शिकायत है कि दीनबंधु वरिष्ठ कार्यालय का हवाला देकर सप्ताह में एकाध दिन ही यहां सेवाएं देते हैं, बाकी के दिन वे शराब की पैकारी व ठीहों पर नजर आते हैं। नियमत: यहां शाला लगने व बंद होने का समय सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे है, कक्षा 1 से 5 तक संचालित विद्यालय में मंगलवार को सिर्फ 10 बच्चे ही पढ़ाई करने पहुंचे थे, शिक्षकों के संदर्भ में जानकारी लेने के बाद यह बात सामने आई कि महिला शिक्षक के मायके में रिश्तेदार की मृत्यु होने के कारण आज वह नहीं आई है, वहीं दीनबंधु शासकीय कार्य से बीआरसी पाली गये हुए हैं, इधर बच्चों की देख-रेख मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिला द्वारा की जा रही थी।

धुपखड़ा में अतिथि के भरोसे अध्यापन :

जनशिक्षा केन्द्र चौरी के अंतर्गत ही ग्राम धुपखड़ा में स्थित शासकीय प्राथमिक पाठशाला की स्थिति भी टिकुरी से जुदा नहीं है, फर्क सिर्फ इतना है कि यहां प्रधानाचार्य जितेन्द्र मिश्रा ने विद्यालय का जिम्मा चमन सिंह नामक अतिथि शिक्षक को दे रखा है, स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक जितेन्द्र मिश्रा अध्यापन से ज्यादा गांव की राजनीति में रूचि रखते हैं, यही नहीं अतिथि शिक्षक चमन सिंह की नियुक्ति भी उनके माध्यम से इसी शर्त पर हुई थी कि चमन को पूरा विद्यालय अकेले ही सम्हालना पड़ेगा, यहां यह बात भी सामने आई कि विद्यालय कैंप्स में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र में पदस्थ महिलाकर्मी से प्रधानाचार्य का विवाद है, महिलाकर्मी ने प्रधानाचार्य पर गंभीर आरोप लगाये हैं। बहरहाल मामला जो भी हो, लेकिन शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट है और कलयुगी द्रोणाचार्य मुफ्त की तनख्वाह में मस्त हैं।

इनका कहना है :

मामला आपके माध्यम से संज्ञान में आया है, जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाएगी।

राजेश्वर मिश्रा, बीएसी, जनपद शिक्षा केन्द्र पाली

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