कांग्रेस की बैठक 17 अप्रैल को
कांग्रेस की बैठक 17 अप्रैल को Syed Dabeer Hussain - RE

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर 17 अप्रैल को जुटेंगे दिग्गज नेता , चुनावी रणनीति होगी तैयार

दिग्विजय सिंह इस बैठक में उन सीटों को फिर से कांग्रेस की छोली में डालनें के लिए कोई फार्मूला भी दे सकतें है। पिछले चुनाव के पूर्व जो नर्मदा परिक्रमा की थी उसका अनुभव कांग्रेस के लिए काम कर गया था

भोपाल। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर जुटेंगे। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया एवं अरूण यादव के अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया भी शामिल होगें।

माना जा रहा हे कि इस बैठक में आगामी विधनसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी साथ ही कांग्रेस द्वारा जो वचन पत्र तैयार किया जा रहा है उसमें महिलाओं को पन्द्रह सौ रूपए प्रतिमाह, गैस सिलेंडर पांच सौ रूपए में और पेट्रोल, डीजल के दाम कम करने के अलावा कुछ और वचनों को शामिल किया जा सकता है। बैठक में कमलनाथ इन सभी क्षत्रपों को अपने अपने क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति को लेकर भी चर्चा करेगें, जहां पार्टी कमजोर है या फिर आगामी विधानसभा चुनाव को देखतें हुए दावेदार की पकड़ जनता पर उतनी मजबूत नही है जो कि पार्टी को सीट जितानें में कारगर हो सके। वहां मेहनत करने के अलावा इन क्षेत्रपों को कमान सभालनें को कहा जा सकता है।

इसके अलावा नाथ का फोकस उन सीटो पर भी जहां पिछलें चुनाव में पार्टी कम अंतर से परजित हुई थी। ऐसी सभी सीटों पर वह बड़ें नेताओं को जिम्मेदारी दे सकते है। हालांकि इस काम में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पहले से लगा रखा है और वे कई ऐसी सीटो का दौरा करके कार्यकर्ताओं से वजह भी जान रहे है। माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह इस बैठक में उन सीटों को फिर से कांग्रेस की छोली में डालनें के लिए कोई फार्मूला भी दे सकतें है। दिग्विजय सिंह ने पिछले चुनाव के पूर्व जो नर्मदा परिक्रमा की थी उसका अनुभव कांग्रेस के लिए काम कर गया था और वह सत्ता में वापसी भी कर कर गई थी। उसी तर्ज पर इस बार भी दिग्विजय सिंह काम कर रहे है उनकी जमीन कार्यकर्ताओं में पैठ की वजह से कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी का दम भर रही है। वही पार्टी इस बात पर भी फोकस कर रही है कि जयस का जो असतोंष है उससें कांग्रेस के साथ आने पर कितना नफा नुकसान हो सकता है। मालवा अंचल में जयस के दम पर पार्टी आदिवासी वोट पाने के लिए कोई कोर कसर नही रखना चाहती। इसी प्रकार ग्वालियर चंबल संभाग में भी कमलनाथ पार्टी के पकड़ बनाए रखने के लिए सिंधिया की काट भी ला सकतें है। पिछलें चुनाव में सिंधिया के प्रभाव से पार्टी ने क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया था। इसी प्रकार विंध्य में भी पार्टी ऐसे लोगों को मैदान में उतार सकती है जों एक बार फिर पार्टी के जनाधार को वापस दिला सके।

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