ग्वालियर, मध्य प्रदेश। तानसेन नगर स्थित पेनेसिया हॉस्पिटल में विगत दिवस महिला की मौत हुई थी। परिजनों ने उपचार में लापरवाही के आरोप लगाए थे। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी टीम को अस्पताल का निरीक्षण करने भेजा था। निरीक्षण में कई खामियां मिली थींं। अस्पताल संचालक को नोटिस जारी किया जवाब मांगा था। अस्पताल संचालक ने सीएमएचओ ऑफिस में जवाब भी पेश कर दिया। लेकिन जब जवाब संतोषजनक नहीं लगा तो हॉस्पिटल को फिर से चेतावनी पत्र जारी किया गया है। लेकिन खास बात यह है कि जो डॉक्टर महिला का उपचार कर रहा था, उसे स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस भी नहीं दिया। इस पर परिजनों ने कलेक्टर को दिए आवेदन में लेने-देन का आरोप लगाया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मनीष शर्मा ने बताया कि तानसेन नगर स्थित पेनेसिया हॉस्पिटल में खामियां मिलने पर अस्पताल संचालक को नोटिस जारी किया गया था। साथ ही सात दिन में जवाब पेश करने का आदेश भी दिया गया था। अस्पताल संचालक ने नोटिस का जवाब तो पेश कर दिया। लेकिन वह संतोषजनक नहीं है। इस पर अस्पताल को फिर से चेतावनी पत्र जारी किया गया है। डॉ. शर्मा से जब मृतका संगीता अग्रवाल का उपचार करने वाले ऑनकॉल डॉक्टर रोहित प्रताप सिंह तोमर पर कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि वह ऑनकॉल डॉक्टर थे, इसलिए कार्रवाई नहीं की और मुझे उनके बारे में ठीक से याद भी नहीं है।
वहीं मृतका संगीता अग्रवाल के परिजनों ने कलेक्टर को शिकायती आवेदन पत्र सौंपा है। आवेदन के माध्यम से उन्होंने इस मामले में डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग पर लेन-देन के आरोप लगाए हैं। साथ ही उन्होंने कलेक्टर से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
क्या था मामला :
अवाड़पुरा कम्पू निवासी संगीता अग्रवाल को डायबिटिक की समस्या थी। इस पर उनके पति रामदास अग्रवाल (रामू) उन्हें उपचार के लिए 11 अक्टूबर को तानसेन नगर स्थित पेनेसिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। वहां उनका उपचार ऑनकॉल डॉ. रोहित प्रताप सिंह तोमर कर रहे थे। जैसा पति रामदास अग्रवाल ने बताया था कि 14-15 अक्टूबर को मृतका संगीता को इंसुलिन का इंजेक्शन दिया और उसके कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई थी। वहीं पेनेसिया हॉस्पिटल के प्रबंधक जीत शर्मा ने बताया था कि मृतक संगीता अग्रवाल को डायबिटिक समस्या थी। वैसे वह नॉमर्ल थीं, खाना खाने के बाद उनकी सुगर बढ़ गई जो 238 हो गई । इसके बाद उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया और मौत हो गई थी।
टीम को निरीक्षण में मिली थीं यह खामियां :
मरीज भर्ती मिले थे, लेकिन मौके पर कोई भी डॉक्टर नहीं मिला था।
हॉस्पिटल में अप्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ मिला था।
रिकार्ड भी उपलब्ध नहीं करा पाया था प्रबंधन।
मेडिकल पर फर्मासीस्ट नहीं मिला था।
रेट लिस्ट चस्पा नहीं मिली थी।
मृतका की रिकार्ड की कॉपी भी नहीं मिली थी।
इनका कहना है :
पेनेसिया हॉस्पिटल के निरीक्षण में कई खामियां सामने आईं थीं। इस पर हॉस्पिटल संचालक को नोटिस जारी किया गया था। साथ ही सात दिन में जवाब पेश करने के आदेश दिए थे। अस्पताल संचालक ने जो जवाब दिया है, वह संतोषजनक नहीं है। इसलिए उसे फिर से चेतावनी पत्र जारी किया गया है।
डॉ. मनीष शर्मा, सीएमएचओ
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