ग्रेसिम उद्योग नागदा
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ठेका श्रमिकों ने आंदोलन की शुरूआत की तो प्रबंधक ने ली न्यायालय की शरण

नागदा जं., मध्य प्रदेश : तीन आगेवानोंं को नोटिस मिलने के बाद आंदोलन हुआ स्थगित। ठेका श्रमिकों के साथ ही स्थायी श्रमिकों के जैसा व्यवहार कर रोटेशन में काम देना चाहिए।

नागदा जं., मध्य प्रदेश। ग्रेसिम उद्योग के रोजी-रोटी के लिए परेशान हो रहे ठेका श्रमिकों के आगेवानों ने गांधीवादी आंदोलन की मंगलवार को शुरूआत कर गेट के सामने धरने पर बैठ गए थे। उद्योग प्रबंधक ने न्यायालय की शरण लेकर पूर्व में हुए निर्णय के आधार पर न्यायालय से तीन आगेवानों के खिलाफ नोटिस जारी कराकर 3 दिन में जवाब देने के आदेश के बाद आंदोलन स्थगीत किया गया। भामसं के नेता सुल्तानसिंह शेखावत ने ठैका श्रमिकों की पैरवी करते हुए प्रबंधक से आग्रह किया की वह उनकी स्थिति स्पष्ट कर ठैका श्रमिकों को रोटेशन पर काम पर बुलाएं।

ग्रेसिम उद्योग के लगभग 3500 ठेका श्रमिकों को काम पर नही बुलाने को लेकर उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। सभी श्रमिक नेता भाजपा-कांग्रेस नेता व जनप्रतिनिधियों से गुहार के बाद भी हल नही निकलने पर मंगलवार को सुबह 8:30 बजे ठैका श्रमिक के आगेवान रमेश गौतम, रतनसिंह व दीनदयाल चुकरी ने पॉवर हाऊस गेट के सामने चरणबद्व आंदोलन शुरू करते हुए धरना दिया था। उद्योग द्वारा पूर्व में हुए फैसले का हवाला देते हुए न्यायलय की शरण ली। इस पर तीनों आगेवानों के खिलाफ न्यायालय से नोटिस जारी कर 13 अगस्त को जवाब देने के लिए आदेशित किया। नोटिस का सम्मान करते हुए तीनों आगेवानों ने आंदोलन स्थगित कर दिया। 13 अगस्त को जवाब देने के बाद ठैका श्रमिक आगे की रणनीति बनाएंगे।

जल्द ही श्रममंत्री व प्रमुख सचिव से मिलकर दिलाएंगे ठेका श्रमिकों को न्याय :

भामसं के नेता सुल्तान सिंह शेखावत ठेका श्रमिकों के पक्ष में बयान जारी किया की उद्योग के ठेका श्रमिक अस्थायी नही है। यह भी स्थायी श्रमिक की परिभाषा में आते है। जब उद्योग 60 प्रतिशत प्रारंभ हो गया है। स्थायी श्रमिकों को रोटेशन में बुलाया जा रहा है तो नियमानुसार ठेका श्रमिकों को भी रोटेशन के आधार पर बुलाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया की 8 दिन पूर्व मेंरी प्रबंधक से चर्चा हुई थी उसमें मेंने प्रबधंक से आग्रह किया था की जल्द ही उनकी नीति स्पष्ट करे। स्थायी श्रमिकों के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है वही व्यवहार ठेका श्रमिकों के साथ भी किया जाना चाहिए। ठेका श्रमिकों की समस्या को लेकर श्रममंत्री व प्रमुख सचिव से जल्द मुलाकात कर निराकरण कराने की बात कही है।

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