बाढ़ से प्रभावित अधोसंरचना को पहले से बेहतर बनाएंगे : शिवराज सिंह चौहान

भोपाल, मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मप्र के बाढ़ से प्रभावित हुए जिलों में प्रभावित हुई अधोसंरचना को फिर से जैसे का तैसा बल्कि उससे बेहतर बनाने का प्रयास है।
केंद्रीय दल के सदस्यों के साथ बैठक करते शिवराज सिंह
केंद्रीय दल के सदस्यों के साथ बैठक करते शिवराज सिंहSocial Media

भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मप्र के बाढ़ से प्रभावित हुए जिलों में प्रभावित हुई अधोसंरचना को फिर से जैसे का तैसा बल्कि उससे बेहतर बनाने का प्रयास है। श्योपुर जो एक तिहाई क्षेत्र में प्रभावित हुआ, वहां विशेष फोकस कर कार्यों को पूरा किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावितों को ज्यादा से ज्यादा मदद मिले इसके लिए विभिन्न योजनाओं के प्रावधानों में राहतकारी संशोधनों के प्रयास भी किए गए हैं। आवास योजनाओं में मप्र के कोटे के आवास गृह की संख्या बढ़ाने का भी प्रयास है। इसके लिए शीघ्र ही केंद्रीय मंत्रियों से आग्रह कर यह कार्य सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान केंद्रीय दल के सदस्यों के साथ मंगलवार शाम मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय दल ने बताया कि उन्होंने 16 एवं 17 अगस्त को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राज्य शासन और स्थानीय प्रशासन ने मुस्तैदी से कार्य किया है। विभिन्न नागरिकों से चर्चा में भी यह बात सामने आई। केंद्रीय दल ने बताया कि दो समूह में दल के सदस्यों ने तीन-तीन जिलों में भ्रमण कर स्थितियों का जायजा लिया। प्रथम दल के तीन सदस्य ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी और द्वितीय दल के तीन सदस्य श्योपुर और मुरैना क्षेत्र के भ्रमण के बाद क्षति का अवलोकन कर चुके हैं। दल ने बताया कि इन क्षेत्रों में काफी क्षति हुई है। इस संबंध में शीघ्र ही वास्तविक क्षति का प्रतिवेदन तैयार कर लिया जाएगा। श्योपुर सबसे अधिक प्रभावित रहा, लेकिन यह सुखद तथ्य है कि यहां कोई ऐसा रोग देखने को नहीं मिला है जो ज्यादा बाढ़ की स्थिति के बाद देखने को मिलता है। मुख्यमंत्री ने दल को बताया कि ग्वालियर और इंदौर नगर निगम से जेसीबी मशीन और अन्य उपकरण भेजकर युद्ध स्तर पर श्योपुर में आवश्यक कार्य सम्पन्न किए गए। केंद्रीय दल ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से भी एक पृथक बैठक में चर्चा की। प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री और राजस्व विभाग मनीष रस्तोगी ने बताया कि प्रभावित जिलों में फाइनल सर्वे प्रगति पर है। प्रमुख सचिव ने प्रदेश में अतिवर्षा और कम वर्षा से प्रभावित जिलों की जानकारी दी।

केंद्रीय दल ने दिया भ्रमण का ब्यौरा :

केंद्रीय दल ने दो दिन किए गए भ्रमण के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। केंद्रीय दल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री चौहान से कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में स्थानीय प्रशासन ने राहत के कार्यों को सुचारू ढंग से संपादित किया। इसके साथ ही राज्य शासन के निर्देशों, तत्काल उठाए गए कदमों और मंत्री गण के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में मौजूद रहकर राहत कार्यों के अवलोकन और प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किए गए बचाव और राहत के प्रयासों से भी लोगों को मदद मिली।

अब तक नुकसान का आकलन नहीं :

राज्य सरकार को अब तक कलेक्टरों से नुकसान को लेकर किए जा रहे सर्वे की रिपोर्ट नहीं मिली है। ऐसे में दल को मांगों को लेकर मेमोरण्डम नहीं सौंपा जा सकता है। अभी बाढ़ प्रभावित जिलों में नुकसान का वास्तविक आकलन नहीं किया जा सका है। अभी जो रिपोर्ट मिली है, वह केवल अनुमान पर आधारित है। हालांकि लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, ऊर्जा विभाग ने नुकसान का ब्यौरा दे दिया है। प्रारंभिक तौर पर दो हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान जताया गया है, वहीं वास्तविक सर्वे रिपोर्ट के बाद यह राशि दोगुना से भी अधिक होने की संभावना जताई जा रही है।

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