राज एक्सप्रेस। बीते वर्ष 2019 के नवंबर माह में यहां एक तरफ महाराष्ट्र में राजनीतिक पार्टियों का महा-नाटक हो रहा था, सत्ता की कुर्सी पर बैठने के लिए नेता अपनी जुगाड़ लगाने में व्यस्त थे, तो वहीं दूसरी ओर किसान बेमौसम भारी बारिश की मार से परेशान थे, उनकी परेशानी इतनी अधिक बढ़ गई थीं कि, महाराष्ट्र के किसान सुसाइड करने को मजबूूूर हो गए और सिर्फ एक या दो किसानों ने सुसाइड नहीं किया बल्कि, जो आंकड़े सामने आए हैं वह काफी चौंका (300 Farmer Suicide Case) देने वाले हैं।
एक माह में कुल इतने किसानों ने किया सुसाइड :
वैसे किसानों के सुसाइड जैसी घटनाएं हर कभी किसी न किसी राज्य से सामने आती ही रहती है, लेकिन महाराष्ट्र में एक माह में किसानों के आत्महत्या के मामलों में अचानक से बढ़ोत्तरी हुई है। यहां एक माह में लगभग 300 किसानों ने सुसाइड किया है, किसानों द्वारा किए गए सुसाइड का यह आंकड़ा सबसे अधिक है। वहीं, वर्ष 2015 में भी एक माह में 'किसान सुसाइड' की तादाद 300 के पार पहुंची थी और अब वर्ष 2019 में 4 सालों बाद यह आंकड़ा सामने आया है।
क्या कहते हैं राजस्व विभाग आंकड़े :
राजस्व विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अगर देखा जाए तो बीते साल महाराष्ट्र के अक्टूबर माह में बेमौसम हुई भारी बारिश की वजह से किसानों की 70% खरीफ फसलें नष्ट हुई है और अक्टूबर-नवंबर के बीच ही किसानों के सुसाइड की घटनाओं में सबसे अधिक तादाद बढ़ती नजर आई है, सुसाइड के करीब 61% मामले सामने आए हैंं।
वर्ष 2019 के अक्टूबर में पहले तो 186 किसानों ने सुसाइड किया था।
इसी के एक माह बाद यानी नवंबर में किसान सुसाइड के 114 मामले ओर सामने आए।
दोनों माह में किसान सुसाइड के कुल आंकड़े 300 तक पहुंचे है।
क्या है किसानों के सुसाइड करने की वजह ?
आजकल किसानों को फसल उत्पादन के लिए काफी खर्चा करना पड़ता है और मजदूरी भी काफी बढ़ जाने के कारण वह पहले से ही परेशान रहते हैं, वहीं बेमौसम हो रही बारिश या कोई अन्य आपदाओं के चलते अगर उनकी फसलें खराब हो जाती है, तो उनकी मुसीबतें और भी कई गुना बढ़ जाती है, जब किसानों की मुसीबतें बर्दाश्त करने की क्षमता खत्म हो जाती है तो वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाता है, यहीं उनकी मुख्य वजह रहती है।
आखिर राज्य में किसकी सरकार ?
महाराष्ट्र राजनीति में कई दिनों तक महाड्रामा होने के बाद राज्य में तीन पार्टियों 'शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस' की सरकार है और मुख्यमंत्री के पद पर उद्धव ठाकरे है। सत्ता की कुर्सी के लालच के कारण शिवसेना पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अपनी 30 साल पुरानी दोस्ती भी तोड़ दी।
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