कौन बेच रहा चंद्रमा पर जमीन
कौन बेच रहा चंद्रमा पर जमीनSyed Dabeer Hussain - RE

लोगों के बीच चांद पर जमीन खरीदने की होड़, जानिए कौन बेच रहा चंद्रमा पर जमीन?

लोग चंद्रमा पर जमीन खरीद रहे हैं। दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने भी ऐसी ही एक कंपनी के जरिए चंद्रमा पर जमीन खरीदी थी। यह कंपनियां बाकायदा चंद्रमा की जमीन की रजिस्ट्री भी करवाती है।

हाइलाइट्स :

  • वैज्ञानिक चंद्रमा पर जीवन की संभावना को तलाश करने में जुटे हुए हैं।

  • लोगों के बीच चंद्रमा पर जमीन खरीदने की होड़ मच गई है।

  • चांद पर जमीन खरीदने वालों में फिल्मी सितारों से लेकर बड़े उद्योगपतियों का भी नाम है।

  • कंपनियां चंद्रमा पर करीब 3000 रूपए में एक एकड़ जमीन बेच रही हैं।

राज एक्सप्रेस। भारत के चंद्रयान-3 के सफल होने के बाद से ही चांद को लेकर पूरी दुनिया में एक फिर से बहस छिड़ गई है। वैज्ञानिक चंद्रमा पर जीवन की संभावना को तलाश करने में जुटे हुए हैं। हालांकि अभी यह दावे से कहा नहीं जा सकता कि चंद्रमा मनुष्य के रहने लायक है या नहीं, लेकिन उससे पहले ही लोगों के बीच चंद्रमा पर जमीन खरीदने की होड़ मच गई है। जी हां! लोग चंद्रमा पर जमीन खरीद रहे हैं। चांद पर जमीन खरीदने वालों में फिल्मी सितारों से लेकर बड़े उद्योगपतियों का भी नाम है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर चंद्रमा पर किसका मालिकाना हक है और कौन वहां की जमीन बेच रहा है?

कौन बेच रहा चंद्रमा पर जमीन ?

आपको बता दें कि Luna Society International और International Lunar Lands Registry जैसी कंपनियां चंद्रमा की जमीन बेचने का दावा कर रही हैं। दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने भी ऐसी ही एक कंपनी के जरिए चंद्रमा पर जमीन खरीदी थी। यह कंपनियां बाकायदा चंद्रमा की जमीन की रजिस्ट्री भी करवाती हैं।

कितनी है कीमत?

बता दें कि यह कंपनियां चंद्रमा पर करीब 3000 रूपए में एक एकड़ जमीन बेच रही हैं। हालांकि इन कंपनियों का साफ कहना है कि हम चंद्रमा की जमीन के मालिक नहीं हैं बल्कि हमारा काम सिर्फ रजिस्ट्री करना है। इसी के चलते कोर्ट में कंपनियां यह कहकर पल्ला झाड़ लेती हैं कि हमारा काम सिर्फ रजिस्ट्री करना है।

चांद कर किसका मालिकाना हक?

साल 1967 में की गई एक संधि के अनुसार अंतरिक्ष और उसके सभी प्राकृतिक संसाधनों पर सभी मनुष्यों का हक है और कोई भी देश इन पर अपना दावा नहीं कर सकता है। अब तक करीब 109 देश इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।

फिर कैसे बिक रही जमीन?

दरअसल चांद पर जमीन बेचना सिर्फ एक धोखा है। इसके जरिए कंपनियां करोड़ों रूपए कमा रही हैं। वहीं महज 3000 रूपए में एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री होने के चलते लोग सिर्फ दिखावे के लिए ऐसा करने में हिचकिचाते नहीं हैं।

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