पारिवारिक थी अजित से मुलाकात, किसी भी स्थिति में भाजपा से गठबंधन संभव नहींः पवार
हाईलाइट्स
मेरी प्राथमिकताएं पहले से निर्धारित, भाजपा के साथ जाने का कोई सवाल ही नहीं
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में केंद्र सरकार में बदलाव के लिए काम करेंगे
नई स्थिति में अपनी प्राथमिकताओं से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं, हमारा संघर्ष जारी रहेगा
राज एक्सप्रेस । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि वह किसी भी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। भाजपा के साथ गठबंधन करने के स्थान पर वह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में केंद्र सरकार में बदलाव लाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने अपने भतीजे अजित पवार के साथ हुई मुलाकात पर कहा कि यह एक पारिवारिक मुलाकात है। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। मैं नई स्थिति में अपनी प्राथमिकताओं से पीछे हटने नहीं जा रहा हूं।
2024 में बदलाव जरूरी, अब इसी पर केंद्रित किया ध्यान
औरंगाबाद में संवाददाताओं से बातचीत में शरद पवार ने उन अटकलों को खारिज किया जिनमें कहा जा रहा है कि वह भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करने जा रहे हैं। शरद पवार ने महा विकास अघाड़ी को लेकर चल रही अटकलों को भी खारिज कर दिया, जिसमें यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस और शिवसेना 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए ‘प्लान बी’ पर काम कर रहे हैं।
शिवसेना में टूट की वजह सत्ता से बाहर हुई एमवीए
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार गुट) विपक्षी महा विकास अघाड़ी के घटक हैं, जो शिवसेना में टूट की वजह से सत्ता से बाहर हो गया है। शरद पवार ने कहा कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) द्वारा मिलकर चुनाव लड़ने की 'प्लान बी' जैसी खबरें गलत हैं। प्लान बी जैसी कोई बात नहीं है। मैं ऐसी कोई योजना नहीं बना रहा। उन्होंने कहा कि 2024 में बदलाव की जरूरत है और इसलिए हम तैयारी कर रहे हैं।
पारिवारिक थी अजित पवार से मुलाकात
वहीं, शरद पवार ने बीते सप्ताह अपने भतीजे अजित के साथ हुई मुलाकात पर प्रतिक्रिया की। उन्होंने कहा अजित पवार मेरे परिवार के सदस्य हैं। यदि हमारे परिवार में किसी समारोह की योजना बनाई जाती है तो स्वाभाविक रूप से मैं उस शामिल रहूंगा। एनसीपी प्रमुख ने जोर देकर कहा अजित पवार से मुलाकात का मतलब यह नहीं है कि मैं भाजपा के साथ गठबंधन करने जा रहा हूं। अजित मेरे भतीजे हैं इस लिए उनसे मुलाकात के सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। मैं किसी भी सूरत में भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा। हमें 2024 में बदलाव लाना है। हम इस बदलाव को लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
12 अगस्त को हुई थी चाचा-भतीजे के बीच मुलाकात
उल्लेखनीय है कि बीते 12 अगस्त को कोरेगांव पार्क क्षेत्र में उद्योगपति अतुल चोरडिया के आवास पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) संस्थापक शरद पवार और उनके भतीजे व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच बैठक हुई थी। चाचा-भतीजे की इस मुलाकात को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलों का दौर शुरू हो गया था। कांग्रेस और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना समूह को भी ये मुलाकात रास नहीं आ रहा है। शरद पवार ने अजित गुट द्वारा अपनी तस्वीरों के इस्तेमाल पर भी प्रतिक्रिया की है। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर अदालत जा रहे हैं। साथ ही पवार ने संकेत दिया कि उनके गुट को पार्टी का चुनाव चिह्न खोने का खतरा है और उन्होंने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को अपना जवाब भेज दिया है।
मुझे चुनाव चिन्ह खोने की परवाह नहीं, हम जल्द सत्ता में आएंगे
उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब दे दिया है। शिवसेना के संबंध में जो निर्णय आया है, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि हमारी पार्टी का चुनाव चिन्ह (घड़ी) खतरे में है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है क्योंकि मैंने बैल जोड़ी, गाय और बछड़ा जैसे कई प्रतीकों पर चुनाव लड़ा है और जीता हूं। शरद पवार ने कहा कि मोदी सरकार मणिपुर की घटनाओं को मूक दर्शक बनकर देख रही है।
पूर्वोत्तर का क्षेत्र महत्त्वपूर्ण एवं संवेदनशील है। चीन से सटे इस क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। पूर्वोत्तर में हो रही घटनाएं देश के लिए खतरनाक हो सकती हैं। पर, प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। पीएम मोदी को पूर्वोत्तर जाकर वहां के लोगों में भरोसा जगाना चाहिए, लेकिन वह मध्य प्रदेश में चुनावी रैलियां करने में व्यस्त हैं।
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