WHO वैश्विक परंपरागत औषधि केंद्र की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय ने किए हस्ताक्षर

भारत ने गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ वैश्विक परंपरागत औषधि केंद्र की स्थापना के लिए विश्व स्वास्थ संगठन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
डब्ल्यूएचओ वैश्विक परंपरागत औषधि केंद्र की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय ने किए हस्ताक्षर
डब्ल्यूएचओ वैश्विक परंपरागत औषधि केंद्र की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय ने किए हस्ताक्षरSocial Media

नई दिल्ली। भारत ने गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ वैश्विक परंपरागत औषधि केंद्र की स्थापना के लिए विश्व स्वास्थ संगठन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। आयुष मंत्रालय ने शनिवार को यहां बताया कि यह हस्ताक्षर गुजरात के आयुर्वेद प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) में किये गये। मंत्रालय ने बताया कि यह केंद्र गुजरात के जामनगर में स्थापित होगा और इसको सरकार लगभग 25 करोड़ डॉलर की सहायता देगी। केंद्र का उद्देश्य आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ दुनिया भर की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को जोडना और विश्व भर में समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाना है।

केंद्र का शिलान्यास 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। संबंधित प्रारंभिक समझौते पर 25 मार्च को जिनेवा में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने हस्ताक्षर किए थे। पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्र की स्थापना को मंजूरी दी थी।

प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए एक संदेश में कहा, ''पारंपरिक औषधि के लिए वैश्विक केंद्र की स्थापना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर के बारे में जानकर प्रसन्नता हो रही है। विभिन्न पहलों के माध्यम से, हमारी सरकार रोकथाम संबंधी और उपचारात्मक स्वास्थ्य देखभाल को किफायती और सभी के लिए सुलभ बनाने का निरंतर प्रयास करती रही है। जामनगर स्थित वैश्विक केन्द्र विश्व को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा समाधान उपलब्ध कराने में सहायता करेगा।''

सरकार की पहल के महत्व पर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. घेब्रेयसस ने कहा कि आधुनिक विज्ञान और समानता तथा स्थिरता के सिद्धांतों पर पारंपरिक चिकित्सा का प्रयोग 21वीं सदी में स्वास्थ्य के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव सिद्ध होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि यह केंद्र स्वास्थ्य सेवा की दिशा एक मील का पत्थर साबित होगा। मंत्रालय ने कहा है कि यह वैश्विक केंद्र विश्व भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक केन्द्र (कार्यालय) होगा। यह पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और उत्पादों पर नीतियों और मानकों के लिए ठोस आधार साक्ष्य के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा तथा विभिन्न देशों को उपयुक्त तरीके से इसे उनकी स्वास्थ्य प्रणालियों में समेकित करेगा।

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