मोस्ट वांटेड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का जन्मदिन आज
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मोस्ट वांटेड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का जन्मदिन आज, जानिए कैसा था दाऊद का सफर?

मोस्ट वांटेड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम अपने कारनामों को लेकर अक्सर ही सुर्खियों में रहा है। आज के समय में उसे लेकर कई तरह के दावे भी पेश किए जाते हैं।

राज एक्सप्रेस। हमारे देश में मोस्ट वांटेड गैंगस्टर के तौर पर जाना जाने वाला दाऊद इब्राहिम अक्सर ही अपने कामों के कारण चर्चाओं में बना रहा है। उसे लेकर कभी यह दावा पेश किया जाता है कि वे इस समय कराची, पाकिस्तान में रह रहा है तो कभी उसके किसी और जगह होने की बातें सामने आती हैं। हालांकि दाऊद इब्राहिम के कराची में होने के बारे में उनके भांजे अलीशाह पारकर का कहना है कि उनका परिवार दाऊद की पत्नी के साथ अक्सर ही संपर्क में बना रहता है। आज दाऊद इब्राहिम का जन्मदिन है, और इस खास मौके पर हम आपके सामने दाऊद से जुड़ी कुछ बातें करने वाले हैं।

साल 1986 में छोड़ा देश :

बताया जाता है कि 26 दिसम्बर 1955 को महाराष्ट्र के खेड में जन्मे दाऊद इब्राहिम ने कम उम्र में ही बुरे कामों की तरफ अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिये थे। इन कामों में चोरी से लेकर डकैती तक शामिल थे। आखिरकार जब बड़े होने के साथ इन कामों का दायरा बढ़ने लगा तो साल 1986 के बाद दाऊद इब्राहिम ने भारत छोड़ दिया था। फ़िलहाल रिपोर्ट्स के अनुसार उसके पाकिस्तान में होने के दावे किए जाते हैं।

दाऊद इब्राहिम की कहानी :

दाऊद इब्राहिम के पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे। लेकिन वहीं दूसरी तरफ छोटी उम्र से चोरी और डकैती जैसे कामों में लगने वाला दाऊद के कदम किसी और दिशा में बढ़ चले थे। 19 साल की उम्र में ही दाऊद गैंगस्टर की दुनिया में कदम रखते हुए हाजी मस्तान का करीबी सहयोगी बन गया। मगर मुंबई पुलिस ने मस्तान का शासन खत्म करने के लिए दाऊद को मस्तान से लड़ने के लिए कह दिया। जिसके बाद दाऊद ने मस्तान से सीधा मुकाबला किया।

लेकिन इन सब के बीच एक गैस स्टेशन पर तीन हत्यारों ने दाऊद के साथ शब्बीर को भी घेर लिया। इस हमले में दाऊद फरार हो गया लेकिन शब्बीर के नसीब में मौत आई। लेकिन बाद में दाऊद ने इस हत्या में शामिल सभी लोगों को मार डाला। जिसके बाद साल 1984 में दाऊद पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन खबरों के अनुसार वह दुबई भाग गया, और यहां उसने अपने घर क्राइम के मास्टरमाइंड को बुलाया। इसके बाद छोटा राजन को अपनी डी कंपनी का संचालन करने के लिए कहा।

साल 1991 से दाऊद की कहानी ने नया मोड़ लिया। क्योंकि भारत ने इस दौरान विदेशी देशों के लिए बाजार खोल दिए और कालाबाजारी कम होने लगी। इसके बाद मुंबई के डॉक पर दाऊद के जहाज भी कम होते चले गए। इस दौरान ही पुलिस और डी कंपनी के लोगों के बीच गोलाबारी भी हुई। इसके बाद से ही दाऊद इब्राहिम को कभी सामने आते नहीं देखा गया।

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