दिल्ली, भारत। दिल्ली के बॉर्डर पर बीते 7 महीने से किसानों को केंद्र सरकार के नए कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन (Farmers Protest) का दौर जारी है। अन्नदाताओं ने कृषि कानून के विरोध में अभी तक अपनी मांग को लेकर आंदोजन कर रहे है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया शरद पवार का विवादास्पद कृषि कानूनों पर जो बयान दिया उसपर अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की प्रतिक्रिया आई है।
नरेंद्र सिंह तोमर बोले- मैं उनके वक्तव्य का स्वागत करता हूं :
दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- शरद पवार ने कृषि क़ानूनों पर कहा है कि सभी क़ानून बदले जाने की आवश्यकता नहीं है। जिन बिंदुओं पर आपत्ति है,, उनपर विचार करके उन्हें बदला जाना चाहिए। मैं उनके वक्तव्य का स्वागत करता हूं। केंद्र सरकार आपके द्वारा व्यक्त भाव से सहमत है। हमने 11 बार किसान यूनियन से इस बारे में बात की है। केंद्र सरकार बातचीत से जल्द हल निकालना चाहती है, ताकि सभी किसान आंदोलन समाप्त करके घर जाएं और ठीक से खेती करें।
किसान यूनियनों को कृषि क़ानूनों के जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उन बिंदुओं पर भारत सरकार खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा :
इसके अलावा आज किसान नेता राकेश टिकैत का भी बयान आया, जिसमें उन्होंने कहा- शरद पवार ने भारत सरकार को कहा है कि, बातचीत होनी चाहिए और समाधान होना चाहिए। कुछ किसान पीछे हटें, कुछ सरकार पीछे हटे और बातचीत से इसका समाधान निकले। सरकार को बात माननी चाहिए।
बता दें कि, NCP के चीफ शरद पवार ने विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि, ''विवादास्पद कृषि कानूनों को पूरी तरह से खारिज कर देने के बजाए इसके उस भाग में संशोधन किया जाना चाहिए, जिससे किसानों को इससे दिक्कत है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों का एक समूह केंद्र से पारित कृषि कानून के अलग-अलग पहलुओं का अध्ययन कर रहा है।''
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